परदे के पीछे.आमिर खान की इमरान अभिनीत सफल फिल्म ‘जाने तू या जाने ना’ की नायिका जेनेलिया डिसूजा ने अपना कैरियर रितेश देशमुख के साथ ‘तुझे मेरी कसम’ से शुरू किया था और दक्षिण भारत की भाषाओं की अनेक फिल्में उसने की, परंतु असली स्टारडम उसे आमिर की फिल्म से ही मिला।
आजकल वह बोनी कपूर की अनीस बज्मी निर्देशित फिल्म में हरमन बावेजा के साथ काम कर रही हैं। फिल्म का नाम ‘इट्स माय लाइफ’ है। इसी कथा के तमिल और तेलुगु संस्करण के लिए जेनेलिया पुरस्कृत हुई हैं। रितेश देशमुख और जेनेलिया एक दूसरे के अंतरंग मित्र रहे हैं और इस प्रेम कहानी में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (रितेश के पिता) कतई अकबर की भूमिका नहीं करना चाहेंगे।
रितेश ने अब तक लगभग दो दर्जन फिल्मों में अभिनय किया है और कुछ फिल्में सफल भी रहीं, परंतु अभी तक उन्हें सितारा हैसियत नहीं मिली है। उन्होंने खुद को फूहड़ फिल्मों में फिजूलखर्च किया है। वह अमेरिका से भवन निर्माण शास्त्र सीखकर आया है परंतु उसके अपने फिल्म कैरियर का डिजाइन कल्पनाशील नहीं कहा जा सकता। उसने लड़की पात्र का स्वांग बड़ी विश्वसनीयता से निभाया है। अपनी प्रतिभा के परिमार्जन के प्रति उसका रवैया व्यावसायिक नहीं है।
उसकी प्रथम फिल्म की नायिका और अंतरंग मित्र जेनेलिया डिसूजा ज्यादा व्यवस्थित है और प्रथम श्रेणी के सितारा होने के सारे गुण उसके पास हैं। प्रिटी जिंटा, रानी मुखर्जी और ऐश्वर्या राय अब थकी और बासी लगने लगी हैं। कैटरीना कैफ, दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा आज के मौसम की बहार हैं। इस बाजार में वक्त भागता है।
जेनेलिया की ताजगी केवल उम्र का तकाजा नहीं है वरन उसके पास प्रतिभा भी है, जो उसे लंबी पारी खेलने का अवसर दे सकती है। क्या सितारा हैसियत का अंतर और भविष्य के अवसरों का आकलन जेनेलिया और रितेश के प्रेम पर प्रभाव डाल सकता है! यह बात पैसे की नहीं है क्योंकि राजनीति में जितना पैसा है उतना फिल्मों में कभी हो नहीं सकता। आजकल सेलिब्रेटी हैसियत भी एक सिक्के में बदल गई है। नए समाज में नई रेटिंग्स चलती हैं।
अब अगर जेनेलिया किसी फिल्म का केंद्रीय पात्र है और रितेश उसमें जॉनी लीवरनुमा कॉमिक पात्र निभा रहे हैं, तो प्रेम पर प्रभाव पड़ सकता है। प्रेम की खातिर रितेश को जेनेलिया के साथ एक प्रेम कहानी पर फिल्म बनानी चाहिए। बॉक्स ऑफिस के तराजू पर वजन लगभग समान होने से ही बात बनती है।संभार भास्कर
आजकल वह बोनी कपूर की अनीस बज्मी निर्देशित फिल्म में हरमन बावेजा के साथ काम कर रही हैं। फिल्म का नाम ‘इट्स माय लाइफ’ है। इसी कथा के तमिल और तेलुगु संस्करण के लिए जेनेलिया पुरस्कृत हुई हैं। रितेश देशमुख और जेनेलिया एक दूसरे के अंतरंग मित्र रहे हैं और इस प्रेम कहानी में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (रितेश के पिता) कतई अकबर की भूमिका नहीं करना चाहेंगे।
रितेश ने अब तक लगभग दो दर्जन फिल्मों में अभिनय किया है और कुछ फिल्में सफल भी रहीं, परंतु अभी तक उन्हें सितारा हैसियत नहीं मिली है। उन्होंने खुद को फूहड़ फिल्मों में फिजूलखर्च किया है। वह अमेरिका से भवन निर्माण शास्त्र सीखकर आया है परंतु उसके अपने फिल्म कैरियर का डिजाइन कल्पनाशील नहीं कहा जा सकता। उसने लड़की पात्र का स्वांग बड़ी विश्वसनीयता से निभाया है। अपनी प्रतिभा के परिमार्जन के प्रति उसका रवैया व्यावसायिक नहीं है।
उसकी प्रथम फिल्म की नायिका और अंतरंग मित्र जेनेलिया डिसूजा ज्यादा व्यवस्थित है और प्रथम श्रेणी के सितारा होने के सारे गुण उसके पास हैं। प्रिटी जिंटा, रानी मुखर्जी और ऐश्वर्या राय अब थकी और बासी लगने लगी हैं। कैटरीना कैफ, दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा आज के मौसम की बहार हैं। इस बाजार में वक्त भागता है।
जेनेलिया की ताजगी केवल उम्र का तकाजा नहीं है वरन उसके पास प्रतिभा भी है, जो उसे लंबी पारी खेलने का अवसर दे सकती है। क्या सितारा हैसियत का अंतर और भविष्य के अवसरों का आकलन जेनेलिया और रितेश के प्रेम पर प्रभाव डाल सकता है! यह बात पैसे की नहीं है क्योंकि राजनीति में जितना पैसा है उतना फिल्मों में कभी हो नहीं सकता। आजकल सेलिब्रेटी हैसियत भी एक सिक्के में बदल गई है। नए समाज में नई रेटिंग्स चलती हैं।
अब अगर जेनेलिया किसी फिल्म का केंद्रीय पात्र है और रितेश उसमें जॉनी लीवरनुमा कॉमिक पात्र निभा रहे हैं, तो प्रेम पर प्रभाव पड़ सकता है। प्रेम की खातिर रितेश को जेनेलिया के साथ एक प्रेम कहानी पर फिल्म बनानी चाहिए। बॉक्स ऑफिस के तराजू पर वजन लगभग समान होने से ही बात बनती है।संभार भास्कर
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