गरीब देशों में 18 साल की उम्र से पहले ही विवाह के बंधन में बाँध दी जाने वाली लड़कियों की संख्या अगले दो दशकों में दोगुनी होकर 10 करोड़ हो जाएगी। इनमें से ज्यादातर पर एड्स का खतरा भी गहरा जाएगा।एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है। अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में खाद्यान्न की बढ़ती किल्लत से हालात और खराब हो रहे हैं, क्योंकि इसकी वजह से लोग अपने परिवार पर बोझ को कम करने के लिए अपनी बेटियों की जल्द शादी कर देते हैं।इन लड़कियों को समय से पहले विवाह का खासा खामियाजा भुगतना पड़ता है। उनकी शिक्षा बीच में ही छूट जाती है और शरीर का समुचित विकास नहीं होने के कारण अनेक लड़कियाँ तो बच्चे को जन्म देते वक्त मर भी जाती हैं।अध्ययन की रिपोर्ट में कहा गया है कि कम उम्र में गर्भधारण और बच्चे को जन्म देने के समय मुश्किलें होना आम बात है। इससे मृत्युदर तथा नवजात शिशु मृत्यु दर बढ़ने तथा जन्म के समय बच्चे का वजन कम होने का खतरा बढ़ जाता है।एक अनुमान के अनुसार दुनिया में 3500 लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र पूरी करने से पहले ही कर दी जाती हैं। इसके साथ 21 हजार लड़कियाँ, 18 वर्ष की होने से पहले ब्याह दी जाती हैं।अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि कम उम्र में लड़कियों की शादी करने का सिलसिला हालाँकि पूरे विश्व में जारी है, मगर दक्षिण एशिया, मध्य अमेरिका और अफ्रीका के सहारा मरुस्थलीय इलाकों में ऐसी घटनाओं की संख्या काफी ज्यादा है।बांग्लादेश में बाल विवाह की दर सबसे ज्यादा है। वहाँ 53 फीसदी लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र से पहले ही कर दी जाती है। नाइजर में 38 प्रतिशत लड़कियाँ 15 साल की आयु से पहले ही विवाह के बंधन में बाँध दी जाती है। इसके बाद चाड तथा इथोपिया और भारत की बारी आती है। संभार वार्ता
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