हथियारों की होड़ पर भारत का स्पष्टीकरण
भारत-अमरीका परमाणु समझौते पर न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की दूसरा दिन की बैठक शुरू हो गई है. पहले दिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया था.
हालाँकि अमरीका ने उम्मीद जताई थी कि एनएसजी के सदस्य देश इसे मंज़ूरी दे देंगे. न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप की हरी झंडी मिलने के बाद ही भारत-अमरीका परमाणु समझौता आगे बढ़ पाएगा.
शुक्रवार को भारत ने एनएसजी के सदस्य देशों की शंकाओं पर बयान देते हुए कहा है कि भारत हथियारों की होड़ में शामिल नहीं होगा.
एनएसजी के कुछ सदस्य देशों को इस पर आपत्ति है कि भारत ने अभी तक परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया है और ऐसी स्थिति में वे भारत पर कैसे भरोसा कर लें.
प्रतिबद्धता
लेकिन भारत के विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि भारत परमाणु परीक्षण पर स्वैच्छिक रोक को लेकर प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि भारत किसी भी हथियार की होड़ में शामिल नहीं होगा और न ही किसी को संवेदनशील परमाणु तकनीक ही देगा.
हम किसी भी हथियारों की होड़ में शामिल नहीं हैं. हम परमाणु हथियारों को पहले इस्तेमाल न करने की अपनी नीति पर भी क़ायम हैं
प्रणव मुखर्जी
उन्होंने कहा, "हम किसी भी हथियारों की होड़ में शामिल नहीं हैं. हम परमाणु हथियारों को पहले इस्तेमाल न करने की अपनी नीति पर भी क़ायम हैं."
गुरुवार को विएना में एनएसजी के सदस्य देशों की बैठक शुरू हुई थी. लेकिन पहले दिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया था. अमरीका एनएसजी से परमाणु समझौते पर हरी झंडी लेना चाहता है ताकि वह इसे मंज़ूरी के लिए संसद के सामने रख सके.
लेकिन ऑस्ट्रिया, स्विट्ज़रलैंड, आयरलैंड, न्यूज़ीलैंड और नॉर्वे को इस बात की चिंता है इस समझौते के लिए नीतियों में बदलाव क्यों किया जाए और इससे ग़लत उदाहरण पेश होगा. संभार बीबीसी
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