Friday, September 5, 2008

डेरामुखी की हत्या करना चाहते थे आतंकी


जालंधर.डेरा सच्च सौदा के मुखी बाबा गुरमीत राम रहीम की हत्या का ताना बाना बुनने वाले खालिस्तान कमांडो फोर्स के दो पूर्व कुख्यात आतंकी सीआईए स्टाफ की गिरफ्त में आ गए हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से पाकिस्तान से भेजी गई एके 47 व खतरनाक हथियार बरामद किए हैं।
इनमें से एक का नाम डीसी निवासी बिजलीवाल (बटाला) और दूसरे का नाम बिंदर निवासी पिंड मान (मुक्तसर) बताए जा रहे हैं।
पूछताछ प्रक्रिया में डीसी व बिंदर ने कहा कि वह दोनों मिलकर बाबा राम रहीम की हत्या करना चाहते थे,लेकिन अपने मकसद में सफल होने से पहले ही पकड़े गए। सीआईए स्टाफ के इंचार्ज अंग्रेज सिंह ने अपनी टीम के साथ अन्य आतंकियों को पकड़ने के लिए माझा में छापेमारी की है।
हाथ आई इतनी बड़ी सफलता को लेकर सीनियर पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि आईजी (जोनल) संजीव कालड़ा ने यह माना है कि जालंधर में आतंकी संगठन से जुड़े लोगों के होने की सूचना मिली है और पुलिस उन्हे पकड़ने के लिए आपरेशन चला रही है।
.. तो कोई और मार देगा
आतंकी डीसी और बिंदर से उच्च स्तरीय टीम पूछताछ कर रही है। पूछताछ में वह बार-बार यही कह रहे है कि तो क्या हुआ हम बाबा राम रहीम को मार न सके , इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए उनके संगठन से जुड़े साथी बाबा को मारने में सफल हो जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने कुछ प्रमुख लोगों को मारने की बात भी कही। गौरतलब है कि पाक में शरण लेकर बैठे आंतकी संगठन के आकाओं की हिट लिस्ट में बाबा राम रहीम का नाम है।
जालंधर में आंतकी, एफआरआई दर्ज
थाना जालंधर छावनी में वीरवार को गुप्त सूचना पर जालंधर में आंतकी होने संबंधी एफआरआई दर्ज करवाई गई है। पुलिस ने कहा कि कुछ आंतकी बड़ी आतंकी वारदात की फिराक में शहर में आए हैं और वह छुपने के लिए ठिकाना ढूंढ रहे हैं। उनके पास घातक हथियार भी बताए गए हैं। इनके खिलाफ शस्त्र अधिनियम की धारा-25 के तहत केस दर्ज किया गया है।
जेल में रची थी साजिश
आंतकी डीसी और बिंदर कुछ समय पहले ही हत्या के केस में जमानत पर आए थे। उन्हे जेल में ही बाबा राम रहीम को मारने के लिए तैयार किया गया था। सरहद पार से योजना के तहत हथियार भेजे गए। जमानत पर छूटने के बाद वह और उनके साथी बताई गई जगह से हथियार निकाल कर ले आए थे। वह मौके की तलाश में थे। डीसी और बिंदर आंतकबाद के काले दौर में केसीएफ से जुड़ गए थे। उन पर लगभग 8 केस दर्ज हुए थे। वह फिरोजपुर व अमृतसर जेल में रहे हैं।संभार भास्कर

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