Friday, September 5, 2008

'विहिप को अस्थि यात्रा नहीं निकालने देंगे'


'विहिप को अस्थि यात्रा नहीं निकालने देंगे'

उड़ीसा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को राहत शिविरों की पुख़्ता सुरक्षा का भरोसा दिलाया है
उड़ीसा की नवीन पटनायक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि वह विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेता प्रवीण तोगड़िया को अस्थि यात्रा का आयोजन नहीं करने देगी.
उड़ीसा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा कि कंधमाल के दंगा प्रभावित परिवारों की सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं.
उड़ीसा सरकार ने उनकी सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम के लिए केंद्र सरकार से सुरक्षा बलों की चार और बटालियनों की माँग की है.
सुप्रीम कोर्ट को उड़ीसा सरकार ने बताया कि हिंसा प्रभावित पूरे इलाक़े में धारा-144 लागू है.
एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में उड़ीसा सरकार ने ये आश्वासन दिए हैं.
अदालत की उम्मीद
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय खंडपीठ ने उड़ीसा सरकार के इस आश्वासन को दर्ज करते हुए उम्मीद जताई कि दंगा प्रभावित इलाक़ों और राहत शिविरों की सुरक्षा के समुचित उपाए किए जाएँगे.
अदालत अब इस मामले में अगली सुनवाई अब नौ सितंबर को करेगी.
याचिका दायर करने वाले कटक के आर्चबिशप रायफ़ेल चीनाथ के वकील चाहते थे कि विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया को अस्थिकलश यात्रा निकालने की अनुमति न दी जाए.
दंगा प्रभावित परिवारों की सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं. उनके पुख्ता सुरक्षा इंतज़ाम के लिए उसे केंद्र सरकार से सुरक्षा बलों की चार और बटालियनें चाहिए

उड़ीसा सरकार
विश्व हिंदू परिषद ने घोषणा की है कि वह सात सितंबर से पूरे उड़ीसा में अस्थिकलश यात्रा निकालेगी.
कटक के आर्चबिशप रायफ़ेल चीनाथ ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर प्रवीन तोगड़िया की अस्थि यात्रा पर प्रतिबंध लगाने और दंगा प्रभावित परिवारों की समुचित सुरक्षा व्यवस्था करने की माँग की थी.
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा सरकार को एक नोटिस जारी कर पूछा था कि प्रवीन तोगड़िया को अस्थिकलश यात्रा निकालने की अनुमति कैसे दी गई और दंगा प्रभावित परिवारों की सुरक्षा के क्या इंतज़ाम किए गए हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा सरकार से चौबीस घंटे के भीतर अपना जवाब दाख़िल करने को कहा था.
हिंसा
उड़ीसा के कंधमाल ज़िले में 23 अगस्त को अज्ञात लोगों ने एक आश्रम पर हमला कर दिया था. इसमें विश्व हिंदू परिषद के नेता लक्ष्मणानंद सरस्वती समते पाँच लोगों की मौत हो गई थी.
इस हमले के बाद कंधमाल ज़िले के साथ-साथ कई ज़िलों में हिंसा भड़क उठी थी. जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी. इसमें ईसाइयों और उनके पूजा घरों को निशाना बनाया गया.
जिसके बाद से हज़ारों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं.
इस हिंसा की गूंज दुनिया भर में सुनाई पड़ी थी और कैथोलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धार्मिक नेता पोप ने भी इस पर चिंता ज़ाहिर की थी.
बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित कंधमाल ज़िले का दौरा कर स्थिति का जायज़ा लिया था.
संभार बीबीसी

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