देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से सोमवार को सचिवालय में नवनियुक्त मीडिया सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष अजेन्द्र अजय तथा डॉ. अनिल कपूर डब्बू ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने श्री अजेन्द्र अजय तथा अनिल कुमार को उनके नये दायित्व के लिए बधाई दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नवनियुक्त उपाध्यक्षों के कार्यभार ग्रहण करने के बाद मीडिया सलाहकार समिति और अधिक सशक्त होगी। उन्होंने कहा कि मीडिया सलाहकार समिति को मीडिया प्रतिनिधियों के साथ पूर्णतः संवाद स्थापित कर सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना है। इसके साथ ही समिति को मीडिया की समस्याओं के प्रति भी जागरूक रहना होगा। मीडिया सलाहकार समिति के नवनियुक्त उपाध्यक्ष अजेन्द्र अजय तथा अनिल कुमार डब्बू ने कहा कि वे मीडिया सलाहकार समिति को उसकी अपेक्षाओं के अनुरूप और मजबूत करेंगे।
देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड कर्मचारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महेश डोबरियाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने भेट की। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री डॉ. निशंक से कर्मचारी हितो से जुडे विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की तथा लम्बित मांगों के शीघ्र समाधान का अनुरोध किया। श्री डोबरियाल ने मुख्यमंत्री से राज्य कर्मचारियों को 08 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता शीघ्र अनुमन्य करने का भी अनुरोध किया। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री डॉ. निशंक को 11 बिन्दुओं का मांग पत्र भी सौपा। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार कर्मचारी हितों का पूरा ध्यान रखेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सभी मांगों पर यथोचित कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रतिनिधिमण्डल से राज्य के विकास में अपना सक्रिय सहयोग देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के हितों के लिए वचनबद्ध है और इसको देखते हुए हमने सबसे पहले छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों को राज्य में लागू किया। प्रतिनिधिमण्डल में उत्तराखण्ड कर्मचारी शिक्षक महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी, ए.एन.एम. एसोशिएशन की अध्यक्ष गुड्डी मटूडा, जिला अध्यक्ष टिहरी पंचम सिंह बिष्ट तथा माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रदीप डबराल आदि उपस्थि उपस्थित थे।
देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने जनपद पौड़ी गढ़वाल तथा चमोली में हुई दो अलग-अलग दुर्घटनाओं में मृत लोगों के प्रति गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत लोगो की आत्माओं की शांति एवं दुःख की इस घड़़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने जिलाधिकारी पौड़ी तथा चमोली को निर्देश दिये है कि वे मृतकों के परिजनों को अनुमन्य आर्थिक सहायता तथा घायलों को उचित उपचार उपलब्ध कराये। राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र से प्राप्त सूचना के अनुसार सोमवार को दोपहर लगभग 2.15 बजे जनपद पौड़ी के अन्तर्गत एक वाहन संख्या- यू.ए.13-482, सतपुली से कोटद्वार जाते समय राजस्व क्षेत्र गुमखाल क्षेत्रांतर्गत बैर गांव के समीप गहरी खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। घटना में 3 लोगो की मृत्यु हो गई, जबकि 03 लोग घायल हो गये। एक अन्य घटना में जनपद चमोली के अन्तर्गत दोपहर लगभग 1 बजे एक महिन्द्रा जीप संख्या यू.ए.11-0021 सुयालकोट से देवाल जाते समय बोरागाड के समीप गहरी खाई मे गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। घटना में 3 लोगो की मृत्यु हो गई तथा 6 लोग घायल हो गये।
देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को सचिवालय में वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश में पानी और बिजली की नियमित आपूर्ति, विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं की जनपदीय अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने पेयजल की गहन समीक्षा करते हुए नाराजगी व्यक्त की कि जल निगम, जल संस्थान के पास पर्याप्त धन की उपलब्धता के बावजूद भी पेयजल अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाया नहीं गया। उन्होंने इसको गंभीरता से लेते हुए तत्काल दोषी अधिकारी चिन्हित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने पौड़ी में जल निगम में गत 01 अप्रैल 2010 को अवशेष धनराशि 85 करोड़ 46 लाख के सापेक्ष खर्च की धीमी गति 9 करोड़ रुपये व्यय को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव को जांच कर 3 दिन में संबन्धित अधिशासी अभियन्ता के प्रति कार्रवाई करने के निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया कि जल निगम की निर्माण ईकाई-2 तथा कोटद्वार डिविजन द्वारा धन की उपलबधता के बावजूद भी धनराशि खर्च नही की गयी। उन्होंने मुख्य महाप्रबन्धक जल संस्थान को निर्देश दिये कि स्टॉफ की भर्ती तत्काल कर ले, ताकि पेयजल आपूर्ति में स्टाफ की कमी आड़े नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष कर पेयजल तथा विद्युत अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार में यदि कोई वित्तीय या प्रशासनिक निर्णय लेना जरूरी हो, तो तीन दिन में कैबिनेट से पास करा लिया जाय, ताकि जनता को बिजली तथा पानी की समस्या से दो चार न होना पड़े। मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा जनपद की समीक्षा के दौरान समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल से समस्याग्रस्त गांव को टैंकरों, खच्चरों श्रमिकों से जहां आवश्यक हो पानी की आपूर्ति कराई जाय। अल्मोड़ा के जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में 23 गांव में 46 खच्चर तथा 41 गांव में 22 टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने समस्त जिलाधिकारी को दैवीय आपदा मद में 25-25 लाख रुपये तथा अल्मोड़ा जिले की पानी की विकट समस्या को देखते हुए 50 लाख रुपये धनराशि तत्काल जारी करने के निर्देश अपर सचिव पेयजल को दिए। उन्होंने पेयजल की समस्या से तुरन्त निजात दिलाने के लिए पौड़ी जनपद द्वारा संचालित मॉडल को सभी जिलाधिकारियों को अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मॉडल के तहत संचालित कंट्रोल रूम में जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी प्रातः 9 बजे से अनुश्रवण करें तथा रोज सायं काल दिन भर की समस्याओं की समीक्षा करे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पानी और बिजली की विकट समस्या से निपटने के लिए इनसे जुड़े सभी कर्मी 14 से 16 घंटे का समय दें।मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने निर्देश दिए कि वीडियों कांफें्रसिग में दिए गए निर्देशों का अनुपालन एक हफ्ते में नजर आना चहिए। उन्होंने कहा कि आगामी 10 दिन में दोनों मण्डल के आयुक्त तथा जनपदीय अधिकारी गांव की ओर अभियान की रिपोर्ट भी देगें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी या उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में सम्बन्धित खण्डविकास अधिकारी सहित अधिकारी टीम लेकर न्याय पंचायत स्तर में जनता की समस्याओं को सुना जाय और उसका समाधान भी तत्काल किया जाय। उन्हांेन कहा कि भविष्य में किसी भी विभाग की धीमी प्रगति पर संबन्धित जिले के जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे निरन्तर पानी, बिजली, सड़क की प्रगति की समीक्षा करें, क्योंकि इन विभागों में राज्य जिला केन्द्र वाह्य सहायतित योजनाओं में पर्याप्त मात्रा में धन की उपलब्धता हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने मुख्य सचिव को प्रत्येक 15 दिन में पेयजल तथा विकास योजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रायः जिला तथा मण्डल स्तर की समस्याऐं निस्तारित न होने के कारण जनता मिलन में अनावश्यक भीड़ बढ़ रही है। उन्होंने जनपद तथा मण्डल स्तर की समस्याओं के जनता मिलन न आने की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने कहा कि जिन-जिन विभागों में जिला योजना में धन जारी नहीं हुआ है, ऐसे मामलों में जिला अधिकारी एवं सम्बन्धित विभागाध्यक्षों तथा सचिवों से धन जारी कराये, ताकि पात्र लोगों को योजना का लाभ समय से प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रकरण में किसी भी स्तर से देरी होती है तो उनके संज्ञान में लाया जाय। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन की समीक्षा करते हुए धन का उपयोग न करने वाले मुख्य चिकित्साधिकारियों के विरूद्ध सचिव स्वास्थ्य डॉ. उमाकान्त को कार्रवाई के निर्देश दिए तथा चारधाम यात्रा में यातायात, शौचालय अवस्थापना सुविधा बढ़ाने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने यातायात सुचारू रूप से चलाने के लिए पडोसी राज्य हिमांचल से बस आपूर्ति करने की स्वीकृति भी दी तथा अस्थाई शौचालयों की कमी को भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी पिथौरागढ़ नारायण सिहं नेगी को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए तथा नाभिढांग से लपुलेख में हो रही बर्फबारी से रास्ता साफ रखने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर मुख्य सचिव एन.एस.नपलच्याल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री सुभाष कुमार, डी.के.कोटिया, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा राकेश शर्मा, सचिव कृषि डॉ. रणबीर सिंह, सचिव वित्त राधा रतूड़ी, सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. उमाकांत पंवार, सचिव श्रम दिलबाग सिंह, आयुक्त गढ़वाल अजय सिंह नबियाल, आयुक्त कुमायूं कुणाल शर्मा सहित सभी जनपदों के जिलाधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
देहरादून, 31 मई, 2010 उरेडा के मुख्य परियोजना अधिकारी एके त्यागी ने बताया कि 1 जून 2010 को सोलर तापीय ऊर्जा दोहन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का उदघाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक तथा केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डॉ फारूख अब्दुल्ला करेंगे। श्री त्यागी ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री श्री अब्दुल्ला पेट्रोलियम विश्वविद्यालय में स्थापित 100 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट का भी उद्घटन करेंगे।केंद्रीय मंत्री प्रातः मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के साथ राज्य में संचालित वैकल्पिक ऊर्जा कार्यक्रमों के संबंध में भी वार्ता करेगे। उन्होंने बताया कि होटल पैसिफिक में सोलर तापीय ऊर्जा दोहन कार्यशाला एवं सोलर थर्मल पर प्रर्दशनी आयोजित की जाएगी। कार्यशाला और प्रदर्शनी में विभिन्न विभागों एवं फर्मों के प्रतिनिधि, होटल, उद्योग, विकास प्राधिकरण, नगर निगम आदि के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। कार्यशाला स्थल पर तापीय उपयोग के लिए सौर ऊर्जा के विभिन्न उपकरणों पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।
देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड कर्मचारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महेश डोबरियाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने भेट की। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री डॉ. निशंक से कर्मचारी हितो से जुडे विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की तथा लम्बित मांगों के शीघ्र समाधान का अनुरोध किया। श्री डोबरियाल ने मुख्यमंत्री से राज्य कर्मचारियों को 08 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता शीघ्र अनुमन्य करने का भी अनुरोध किया। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री डॉ. निशंक को 11 बिन्दुओं का मांग पत्र भी सौपा। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार कर्मचारी हितों का पूरा ध्यान रखेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सभी मांगों पर यथोचित कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रतिनिधिमण्डल से राज्य के विकास में अपना सक्रिय सहयोग देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के हितों के लिए वचनबद्ध है और इसको देखते हुए हमने सबसे पहले छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों को राज्य में लागू किया। प्रतिनिधिमण्डल में उत्तराखण्ड कर्मचारी शिक्षक महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी, ए.एन.एम. एसोशिएशन की अध्यक्ष गुड्डी मटूडा, जिला अध्यक्ष टिहरी पंचम सिंह बिष्ट तथा माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रदीप डबराल आदि उपस्थि उपस्थित थे।
देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने जनपद पौड़ी गढ़वाल तथा चमोली में हुई दो अलग-अलग दुर्घटनाओं में मृत लोगों के प्रति गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत लोगो की आत्माओं की शांति एवं दुःख की इस घड़़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने जिलाधिकारी पौड़ी तथा चमोली को निर्देश दिये है कि वे मृतकों के परिजनों को अनुमन्य आर्थिक सहायता तथा घायलों को उचित उपचार उपलब्ध कराये। राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र से प्राप्त सूचना के अनुसार सोमवार को दोपहर लगभग 2.15 बजे जनपद पौड़ी के अन्तर्गत एक वाहन संख्या- यू.ए.13-482, सतपुली से कोटद्वार जाते समय राजस्व क्षेत्र गुमखाल क्षेत्रांतर्गत बैर गांव के समीप गहरी खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। घटना में 3 लोगो की मृत्यु हो गई, जबकि 03 लोग घायल हो गये। एक अन्य घटना में जनपद चमोली के अन्तर्गत दोपहर लगभग 1 बजे एक महिन्द्रा जीप संख्या यू.ए.11-0021 सुयालकोट से देवाल जाते समय बोरागाड के समीप गहरी खाई मे गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। घटना में 3 लोगो की मृत्यु हो गई तथा 6 लोग घायल हो गये।
देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को सचिवालय में वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश में पानी और बिजली की नियमित आपूर्ति, विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं की जनपदीय अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने पेयजल की गहन समीक्षा करते हुए नाराजगी व्यक्त की कि जल निगम, जल संस्थान के पास पर्याप्त धन की उपलब्धता के बावजूद भी पेयजल अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाया नहीं गया। उन्होंने इसको गंभीरता से लेते हुए तत्काल दोषी अधिकारी चिन्हित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने पौड़ी में जल निगम में गत 01 अप्रैल 2010 को अवशेष धनराशि 85 करोड़ 46 लाख के सापेक्ष खर्च की धीमी गति 9 करोड़ रुपये व्यय को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव को जांच कर 3 दिन में संबन्धित अधिशासी अभियन्ता के प्रति कार्रवाई करने के निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया कि जल निगम की निर्माण ईकाई-2 तथा कोटद्वार डिविजन द्वारा धन की उपलबधता के बावजूद भी धनराशि खर्च नही की गयी। उन्होंने मुख्य महाप्रबन्धक जल संस्थान को निर्देश दिये कि स्टॉफ की भर्ती तत्काल कर ले, ताकि पेयजल आपूर्ति में स्टाफ की कमी आड़े नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष कर पेयजल तथा विद्युत अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार में यदि कोई वित्तीय या प्रशासनिक निर्णय लेना जरूरी हो, तो तीन दिन में कैबिनेट से पास करा लिया जाय, ताकि जनता को बिजली तथा पानी की समस्या से दो चार न होना पड़े। मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा जनपद की समीक्षा के दौरान समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल से समस्याग्रस्त गांव को टैंकरों, खच्चरों श्रमिकों से जहां आवश्यक हो पानी की आपूर्ति कराई जाय। अल्मोड़ा के जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में 23 गांव में 46 खच्चर तथा 41 गांव में 22 टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने समस्त जिलाधिकारी को दैवीय आपदा मद में 25-25 लाख रुपये तथा अल्मोड़ा जिले की पानी की विकट समस्या को देखते हुए 50 लाख रुपये धनराशि तत्काल जारी करने के निर्देश अपर सचिव पेयजल को दिए। उन्होंने पेयजल की समस्या से तुरन्त निजात दिलाने के लिए पौड़ी जनपद द्वारा संचालित मॉडल को सभी जिलाधिकारियों को अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मॉडल के तहत संचालित कंट्रोल रूम में जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी प्रातः 9 बजे से अनुश्रवण करें तथा रोज सायं काल दिन भर की समस्याओं की समीक्षा करे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पानी और बिजली की विकट समस्या से निपटने के लिए इनसे जुड़े सभी कर्मी 14 से 16 घंटे का समय दें।मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने निर्देश दिए कि वीडियों कांफें्रसिग में दिए गए निर्देशों का अनुपालन एक हफ्ते में नजर आना चहिए। उन्होंने कहा कि आगामी 10 दिन में दोनों मण्डल के आयुक्त तथा जनपदीय अधिकारी गांव की ओर अभियान की रिपोर्ट भी देगें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी या उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में सम्बन्धित खण्डविकास अधिकारी सहित अधिकारी टीम लेकर न्याय पंचायत स्तर में जनता की समस्याओं को सुना जाय और उसका समाधान भी तत्काल किया जाय। उन्हांेन कहा कि भविष्य में किसी भी विभाग की धीमी प्रगति पर संबन्धित जिले के जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे निरन्तर पानी, बिजली, सड़क की प्रगति की समीक्षा करें, क्योंकि इन विभागों में राज्य जिला केन्द्र वाह्य सहायतित योजनाओं में पर्याप्त मात्रा में धन की उपलब्धता हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने मुख्य सचिव को प्रत्येक 15 दिन में पेयजल तथा विकास योजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रायः जिला तथा मण्डल स्तर की समस्याऐं निस्तारित न होने के कारण जनता मिलन में अनावश्यक भीड़ बढ़ रही है। उन्होंने जनपद तथा मण्डल स्तर की समस्याओं के जनता मिलन न आने की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने कहा कि जिन-जिन विभागों में जिला योजना में धन जारी नहीं हुआ है, ऐसे मामलों में जिला अधिकारी एवं सम्बन्धित विभागाध्यक्षों तथा सचिवों से धन जारी कराये, ताकि पात्र लोगों को योजना का लाभ समय से प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रकरण में किसी भी स्तर से देरी होती है तो उनके संज्ञान में लाया जाय। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन की समीक्षा करते हुए धन का उपयोग न करने वाले मुख्य चिकित्साधिकारियों के विरूद्ध सचिव स्वास्थ्य डॉ. उमाकान्त को कार्रवाई के निर्देश दिए तथा चारधाम यात्रा में यातायात, शौचालय अवस्थापना सुविधा बढ़ाने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने यातायात सुचारू रूप से चलाने के लिए पडोसी राज्य हिमांचल से बस आपूर्ति करने की स्वीकृति भी दी तथा अस्थाई शौचालयों की कमी को भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी पिथौरागढ़ नारायण सिहं नेगी को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए तथा नाभिढांग से लपुलेख में हो रही बर्फबारी से रास्ता साफ रखने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर मुख्य सचिव एन.एस.नपलच्याल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री सुभाष कुमार, डी.के.कोटिया, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा राकेश शर्मा, सचिव कृषि डॉ. रणबीर सिंह, सचिव वित्त राधा रतूड़ी, सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. उमाकांत पंवार, सचिव श्रम दिलबाग सिंह, आयुक्त गढ़वाल अजय सिंह नबियाल, आयुक्त कुमायूं कुणाल शर्मा सहित सभी जनपदों के जिलाधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
देहरादून, 31 मई, 2010 उरेडा के मुख्य परियोजना अधिकारी एके त्यागी ने बताया कि 1 जून 2010 को सोलर तापीय ऊर्जा दोहन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का उदघाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक तथा केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डॉ फारूख अब्दुल्ला करेंगे। श्री त्यागी ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री श्री अब्दुल्ला पेट्रोलियम विश्वविद्यालय में स्थापित 100 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट का भी उद्घटन करेंगे।केंद्रीय मंत्री प्रातः मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के साथ राज्य में संचालित वैकल्पिक ऊर्जा कार्यक्रमों के संबंध में भी वार्ता करेगे। उन्होंने बताया कि होटल पैसिफिक में सोलर तापीय ऊर्जा दोहन कार्यशाला एवं सोलर थर्मल पर प्रर्दशनी आयोजित की जाएगी। कार्यशाला और प्रदर्शनी में विभिन्न विभागों एवं फर्मों के प्रतिनिधि, होटल, उद्योग, विकास प्राधिकरण, नगर निगम आदि के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। कार्यशाला स्थल पर तापीय उपयोग के लिए सौर ऊर्जा के विभिन्न उपकरणों पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।
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