देहरादून। राज्य में टैंट व्यवसायियों की पंजीकरण प्रक्रिया की बाबत कैबिनेट ने अहम फैसला लेते हुए विभिन्न श्रेणियां निर्धारित कर दी है। जिससे सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्त होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं आयुष विभाग के ढांचे को पुनर्गठित करना तथा रिषीकेश के पशुलोक क्षेत्र में गौ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान की पीपीपी मोड़ के आधार पर स्थापना करने संबधी महत्वपूर्ण निर्णय सरकार की ओर से लिए गये। आज यहां सचिवालय में मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में हुयी कैबिनेट की बैठक में लिए गए अहम फैसलों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव नृप सिंह नपच्याल ने सचिवालय सभागार मंे पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रीमंडल ने राज्य में एक विशेष अभियान के तहत टैंट व्यवसायियों को अनिवार्य रूप से पंजीकृत करने का निर्णय लिया है। उन्होनंे बताया कि राज्य में टैंट व्यवसायियों तादात बड़ी संख्या में होने के बावजूद मात्र 162 टैंट व्यवसायी पंजीकृत हैं। सुरक्षा की दृष्टि व अन्य बिंदुओं पर ध्यान देते हुए मंत्रीमंडल ने सभी छोटे बड़े टैंट व्यवसायियों का पंजीकरण करवाना अनिवार्य करने का फैसला लिया है। सचिव वित्त राधा रतूड़ी ने बताया कि टैंट व्यवसायियों के अनुरोध पर मंत्रीमंडल ने तीन वर्षों के लिए वर्ष 2006-07, 2007-08 व 2008-09 के लिए पांच लाख से अधिक के वार्षिंक टर्नओवर वाले व्यवसायी के लिए कर समाधान योजना का अनुमोदन किया है। उन्होनंे बताया कि इस योजना में स्टाक वैल्यू के आधार पर व्यवसायी का वाद समाधान किया जायेगा। जिसके अंतर्गत पांच लाख तक तीन वर्षों के लिए 4000, 4500 व 5000 रूपये, पांच से 15 लाख तक 16000, 18000 व 20000 रूपये, 15 से 25 लाख तक 42 हजार, 46 हजार व 51हजार तथा 25 से 75 लाख व उससे अधिक स्टाक रखने वाले टैंट व्यवसायी को 75000, 82500 व 91000 एकमुश्त अदा करने होंगें। उन्होनें बताया कि सरकार को इस वर्ष इस व्यवसाय से केवल 20लाख 53हजार का राजस्व ही प्राप्त हुआ है। मुख्य सचिव ने बताया कि मंत्री मंडल ने राजभवन सचिवालय में नियुक्त वित्त सहायक समीक्षा व समीक्षा अधिकारियों की पदोन्नति के लिए नियमावली मंे संसोधन किया है। जो केवल वर्ष 2010-11 के लिए ही मान्य होगी। उन्होंने बताया कि इन दोनों पदों पर पदोन्नति के लिए कार्य आयु सीमा पांच वर्ष निर्धारित थी। जिसको घटाकर तीन वर्ष किया गया है। मुख्य सचिव ने बताया कि मंत्रीमंडल ने राज्य की नगरपालिकाओं में कार्यरत केंद्रीय व अकेंद्रीय कर्मचारियों की सेवा नियमावली पर पुनः चर्चा करने का फैसला लिया है।
प्रतिदिन एकत्र होगा 10000 ली. गौमूत्रदेहरादून। राज्य में पशुपालन की अपार संभावना को देखते हुए सरकार ने इस क्षेत्र को व्यवसायिक दृष्टिकोण से विकसित करने का मन बनाया है। भावी योजनाओं की जानकारी देते हुए सचिव पशुपालन विनोद फोनिया ने देते हुए बताया कि रिषीकेश के पशुलोक क्षेत्र में गौ-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना पीपीपी मोड़ के आधार पर की जायेगी। इसके लिए निविदांए आमंत्रित की जायेंगी और सक्षम व शर्तों पर खरा उतरने वाली कंपनी को यह कार्य सौंपा जायेगा। सरकार इसके लिए संबधित कंेपनी को 20 एकड़ भूमि भी उपलब्ध करायेगी। फोनिया ने बताया कि यह अपने आप में देश का ऐसा पहला संस्थान होगा जहां पर पंचतत्व व गौमूत्र पर शोध करने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही यहां पर 10000 लीटर गौमूत्र प्रतिदिन एकत्र किया जायेगा। उन्होनंे बताया कि बीते वर्ष में पशुपालन विभाग ने गौमूत्र व्यवसाय से 1 करोड़ से अधिक का कारोबार किया है।
आयुष चिकित्सा में सृजित होंगे 131 पददेहरादून। प्रमुख सचिव आयुष विभाग राजीव गुप्ता ने बताया कि मंत्री मंडल ने प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आयुष चिकित्सा के क्षेत्र को अधिक महत्व देने के लिए इस विभाग के ढांचे को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत 131 नये पद सृजित किए जायेंगे। उन्होनंे बताया कि अभी तक 2797 पदों का ढांचा स्वीकृत है। इसके अलावा कोटद्वार में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का योगकर्म एवं प्रोद्योगिकी संस्थान पीपीपी मोड़ के आधार पर स्थापित होगी ओर एक पंचकर्म इकाई भी बनाने का निर्णय हुआ है। जो विभाग के निदेशक के अधीन कार्य करेगी।
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