Friday, June 18, 2010
लाल या सत्सव्रत में से कौन होगा प्रदेश का डीजीपी!
देहरादून, 17 जून। प्रदेश के चीपफ सेक्रेटरी को 6 माह का सेवा विस्तार दिये जाने के बाद अब प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के पद को लेकर लॉबिंग तेज हो गई है। प्रदेश के मौजूदा डीजीपी केंद्र में रिलिव होकर जा रहे हैं वहीं उनके जाने के बाद खाली हो रही सीट पर कब्जा जमाने के लिए पुलिस के दो बड़े अध्किारी अपने-अपने आकाओं से इस सीट पर बैठने के लिए एडी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। वर्ष 2007 में प्रदेश के डीजीपी सुभाष जोशी कुर्सी पर बैठे थे और उनके शांत व ईमानदार छवि के चलते वह पुलिस का ग्रापफ अपराधें को कम करने में कोई कारगर कदम नहीं उठा सके। यहां तक कि उनके कार्यकाल के दौरान कई बड़ी-बड़ी आपराध्कि वारदातों के साथ-साथ कई ऐसे घटनाक्रम हुए जिसने पुलिस विभाग की पूरी तरह किर-किरी कर डाली हल्द्वानी में ब्लाक प्रमुख कन्याल की थाने के भीतर हुयी हत्या के साथ-साथ रणवीर एनकाउंटर मामला भी पुलिस की किर-किरी कराने में कोई कसर नहीं छोड़ गया जबकि बची हुई प्रतिष्ठा चौराहों पर पिटने वाले पुलिस कर्मियों ने पूरी कर डाली। इतना ही नहीं पेशी के दौरान ले जाते वक्त कई बदमाश भी पुलिस को चकमा देकर पफरार होने में कामयाब रहे। वहीं कई सनसनी खेज एमएमएस कांड भी देवभूमि को शर्मसार करते नजर आए। कुल मिलाकर मौजूदा डीजीपी का कार्यकाल पुलिस की छवि को बेहततर ढंग से क्रियान्वित करने में असपफल रहा। अब डीजीपी के रिलीव होने के बाद इस कुर्सी पर 75 बैच के आईपीएस अध्किारी एबी लाल व 76 बैच के आईपीएस अध्किारी सत्यव्रत इस सीट को लेकर एडी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। वहीं 77 बैच के विजय राघव पंत व 76 बैच के जीवन चंद्र पांडे भी डीजीपी की कुर्सी को पाने के लिए जोरआजमाइश में लगे हुए हैं। वैसे पंत व पांडे की डीजीपी पद पर संभावनाएं ना के बराबर मानी जा रही हैं और 75 बैच के लाल दिल्ली से इस सीट पर बैठने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे। जबकि प्रदेश के मुखिया एबी लाल को डीजीपी की सीट पर बैठाए जाने के पक्ष में नजर आ रहे हैं वहीं यह भी संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं कि यदि मामला पफंसा तो डीजीपी पद के लिए डीपीसी की जाएगी। वहीं सत्यव्रत के मुकाबले सीनियरिटी के हिसाब से पांडे मेरिट में आगे चल रहे हैं जबकि सत्यव्रत के परिवार की भूमिका आरएसएस से होने के चलते उन्हें इस सीट का पफायदा मिल सकता है। यदि सबकुछ ठीकठाक रहा और बिना डीपीसी के डीजीपी पद की घोषणा हुयी तो इस सीट पर सत्यव्रत बाजी मार सकते हैं। और यदि डीपीसी के माध्यम से डीजीपी पद भरा गया तो सीनियरिटी के हिसाब से 75 बैच के एबी लाल प्रदेश के अगले डीजीपी हो सकते हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के मौजूदा डीजीपी सुभाष जोशी व सत्यव्रत में छत्तीस का आंकड़ा रहा है और प्रदेश के मौजूदा डीजीपी जीवन चंद्र पांडे को अपनी सीट पर बैठा हुआ देखना चाह रहे हैं। कुल मिलाकर मुख्यमंत्राी की वीटो पावर के आधर पर ही प्रदेश का अगला डीजीपी तय होगा। पुलिस महकमे में पिछले कई दिनों से डीजीपी पद को लेकर चर्चाएं चल रही हैं और नये डीजीपी की कुर्सी पर बैठने के बाद ही प्रदेश के मौजूदा डीजीपी सुभाष जोशी को शासन स्तर से रिलीव किया जाएगा। वहीं 75 वैच के एबी लाल को पूर्व मुख्यमंत्राी खंडूड़ी के शासनकाल में वरिष्ठ होने के नाते डीजीपी की सीट पर नहीं बैठाया गया था और उनके स्थान पर 76 बैच के सुभाष जोशी को प्रदेश का डीजीपी बनाया गया था। इसके पीछे लाल के खिलापफ उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार का एक मामला सामने आने के कारण इस सीट पर ताजपोशी न किया जाना बताया गया था जबकि 75 बैच के एबी लाल आईटीआई रूड़की से गोल्ड मेडलिस्ट होने के साथ-साथ बेहतर तरीके से विभाग को चलाने की मजबूत पकड़ रखते हैं। यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो एबी लाल प्रदेश के नये डीजीपी हो सकते हैं।
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