Friday, June 11, 2010

प्रदेश में माओवाद व आतंकवाद के संकेेत?

देहरादून,11 जून। राज्य में माओवाद की सुगबुगाहट के साथ आतंकवाद के संकेत भी मिले हैं। जो देव भूमि के लिए बेहद संवेदनशील साबित हो सकते हैं। यह बातें नव निर्वाचित राज्यसभा सदस्य तरूण विजय ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्राकार वार्ता के दौरान कही। श्री विजय ने कहा कि प्रदेश सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास किया जाना चाहिए। जिससे पर्वतीय क्षेत्रों के पलायन को रोका जा सके और चीन की घुसपैठ पर देश के प्रधनमंत्राी इसे जनता के बीच सार्वजनिक करें। देवभूमि को जहां उन्होंने वीरों की भूमि बताते हुए केंद्र द्वारा राज्य की उपेक्षा किये जाने को बेहद खतरनाक साबित होने की बात कही है वहीं उत्तराखंड में माओवाद व आतंकवाद के संकेत मिलने की बात कहे जाने के बाद इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि देवभूमि उत्तराखंड आतंकवाद के निशाने पर है। कुछ समय पूर्व चीन की सीमा से उत्तराखंड में घुसपैठ की बातें जिस तरह उजागर हुई थी उसे लेकर उत्तराखंड इतनी अध्कि सुरक्षा राज्य की लगती हुई सीमाओं पर नहीं कर पाया है जिससे राज्य को खतरे की संभावना बनी हुई है। वहीं लगातार माओवाद व आतंकवाद के संकेत जिस तरह से केंद्र सरकार द्वारा कहे जाने की बात राज्यसभा सदस्य तरूण विजय ने कह डाली है उसे लेकर राज्य के परिवेश के अनुसार यह बेहद खतरनाक माना जा रहा है। केंद्र द्वारा उत्तराखंड की उपेक्षा किये जाने के मुद्दे पर भी तरूण विजय ने इसके खतरनाक परिणाम सामने आने की बातें खुले मन से कहकर जहां केंद्र को राज्य की उपेक्षा न किये जाने की बात कही है वहीं चीन व अंदरूनी आतंकवाद होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया है। तरूण विजय की इन बातों के बाद प्रदेश का इंटेलीजेंस विभाग व खुपिफया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। और माना जा रहा है कि केद्र के पफरमान जारी किये जाने के बाद भी प्रदेश में भयंकर स्थिति पैदा हो सकती है हालांकि इस बारे में जब प्रदेश के डीजीपी सुभाष जोशी से बात की गई तो उन्होंने केद्र सरकार द्वारा इस तरह के किसी भी प्रकार के संकेत मिलने की बात से सापफ इंकार किया है। कुल मिलाकर प्रदेश में माओवाद व आतंकवाद के संकेत मिलने की बात से प्रदेश में नई सुगबुगाहट शुरू हो गई है। जबकि कंेद्र नेपाल व चीन से लगी सीमाओं पर कड़े सुरक्षा प्रबंध् किये जाने की बात प्रदेश को कह चुका है। कुल मिलाकर माओवाद व आतंकवाद के विषय को लेकर पहली बार भाजपा के नेता तरूण विजय द्वारा यह बातें उजागर की गई हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस महकमा राज्य की सीमावर्ती इलाकों में पैनी नजर गड़ाए हुए है। इसके साथ ही प्रदेश के कुछ संवेदनशील स्थानों पर खुपिफया विभाग के साथ-साथ इंटेलीजेंस के दायरे को बढ़ाया जा चुका है। कुमांउ के साथ-साथ गढ़वाल के पर्वतीय इलाकों में भी ऐसे संकेत मिले हैं कि यहां माओवाद व आतंकवाद बड़ी तेजी से अपना नेटवर्क तैयार कर रहा है। जिसे लेकर केंद्रीय खुपिफया एजेंसियां भी बेहद सर्तक हो गई हैं। वहीं गोपनीय रूप से प्रदेश के कई ऐसे स्थानों पर पैनी नजर रखी जा रही है जहां माओवाद व आतंकवादी गतिविध्यिों का केंद्र बिंदु बनाया जा सकता है। कुल मिलाकर देवभूमि उत्तराखंड में माओवादी गतिविध्यिों के प्रकाश में आने के बाद पुलिस कई माओवादियों को गिरफ्रतार भी कर चुकी है। जबकि कई अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर बताए जा रहे हैं। वहीं खुपिफया एजेंसियों की चिंता इसलिए और अध्कि बढ़ गयी है कि कुछ संवेदनशील स्थानों पर नेटवर्क तैयार किये जाने की जानकारी भी मिलती देखी जा रही है।

No comments: