Thursday, June 10, 2010
तो क्या खुफिया विभाग ने जारी किया था एनओसी?
देहरादून, 10 जून। प्रदेश के हाईजोन माने जाने वाले स्थानों की सुरक्षाा व्यवस्था इतनी ढीली है कि कोई भी आसानी से वहां पहुंचकर किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकता है। सुरक्षा के नाम पर बरती जा रही लापरवाही किसी बडी वारदात के घटित होने की ओर सापफ इशारा कर रही है। इसका जीता जागता उदाहरण कल रात उस वक्त सामने आया जब भारतीय सैन्य अकादमी के पास कैरी गांव से एक संदिग्ध् विदेशी नागरिक को बिना पासपोर्ट वीजा के गिरफ्रतार किया गया। जनवरी माह से भारतीय सैन्य अकादमी के प्रेमनगर क्षेत्रा में नंदा की चौकी निवासी माध्ुरी क्षेत्राी से शादी करने के बाद रह रहा था। लेकिन खुपिफया विभाग उसे पांच माह से अध्कि समय होने के बाद भी गिरफ्रतार नहीं कर सका। जिसे लेकर विभाग की लापरवाही भी खुलकर उजागर हो गई है। जबकि हमेशा से ही भारतीय सैन्य अकादमी आतंकवादियों के निशाने पर रहती है ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि सत्यापन के नाम पर जिस तरह से लापरवाही बरती जा रही है उससे किसी बड़े खतरे की आशंका को टाला नहीं जा सकता। जबकि इससे पूर्व भी प्रेमनगर क्षेत्रा से कई संदिग्ध् लोगों को गिरफ्रतार किया जा चुका है और पासिंग आउट परेड से ठीक पहले सत्यापन अभियान चलाकर पुलिस बाद में हाथ पर हाथ रख बैठ जाती है और साल में दो बार होने वाली पासिंग आउट परेड के दौरान ही पुलिस का सत्यापन अभियान जोर पकड़ता है। अब तक पुलिस इस क्षेत्रा में रहने वाले कितने लोगों का सत्यापन कर पायी है इसका आंकड़ा भी खुपिफया विभाग के पास मौजूद नहीं। एक तरपफ जहां पुलिस राजधनी की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद किये जाने के दावे कर रही है वहीं दूसरी तरपफ शहर में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। यहां तक कि अति संवेदनशील माने जाने वाले रक्षा संस्थानों के साथ-साथ आईएसबीटी, रेलवे स्टेशन की सुरक्षा पूरी तरह भगवान भरोसे नजर आ रही है। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्राी डा. निशंक के आवास पर भी लगातार आंदोलनकारी प्रदर्शन करते हुए देखे जा रहे हैं जबकि खुपिफया विभाग उन्हें रोक पाने में भी पूरी तरह नाकामयाब साबित हो रहा है। अब जनपद के पुलिस कप्तान ने मुख्यमंत्राी आवास की तरपफ किसी भी प्रकार के आंदोलन पर पूरी तरह रोक लगा दी है।यह पफैसला बीते दिवस मुख्यमंत्राी आवास पर पहंुचे आंदोलन कारियों के पहुंचने के बाद मुख्यमंत्राी के कड़े तेवर होने के चलते लिया गया है। कुल मिलाकर शहर की कानून व्यवस्था को लेकर खुपिफया विभाग पूरी तरह सोया हुआ है और विभाग में काम करने वाले कई कर्मचारी गांध्ी पार्क के पास एकत्रा हुए भी देखे जा सकते हैं। और घटनाओं की जानकारी अपने स्तर से लेने के बजाय मीडिया कर्मियों से घटनाओं की जानकारी लेने में भी मशगूल रहते हैं। इस बारे में जब जिम्मेदार पुलिस अध्किारियों से संपर्क करना चाहा तो किसी ने भी पफोन उठाने तक की जहमत नहीं उठाई। जबकि जनपद के एक पुलिस अध्किारी के अनुसार हजारों लोगों के सत्यापन पुलिस कर चुकी है। कुल मिलाकर पुलिस के सत्यापन अभियान की कलई आईएमए के पास पकड़े गए संदिग्ध् युवक ने खोलकर रख दी है। वहीं इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पुलिस का सुरक्षा व्यवस्था में छेद ही छेद हैं।
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