देहरादून। राज्य मंे श्रमिक हितों को ताक पर रखकर सरकार और उद्योगपति उनका उत्पीड़न करने पर तुले हुए हैं। जिसके चलते वह बुनियादी अधिकारों से वंिचत होते जा रहे हैं। आज यहां राजपुर रोड़ स्थित एक होटल में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए भारतीय मजदूर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि केंद्र की कई योजनाओं को पलीता लगाने का काम राज्य सरकार कर रही है। उनके अधिकारों का हनन बदस्तूर जारी है। पंरतुं सत्ता मे मौजूद हुक्मरानों को इससे कोई सरोकार नहीं जान पड़ता। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मजदूरों की हालत बेहद दयनीय हो चली है। प्रबधन तथा शासन मिलकर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होने कहा कि इंटक मजदूरों के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद करने का प्रयास निरंतर करता रहेगा। श्री बिष्ट ने कहा कि राज्य में रोजगार देने के सरकारी दावे हवाई साबित हो रहे हैं। जिसके चलते बेरोजगारों के उपर रोजगार छिनने का संकट मंडराने लगा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 56000 पद रिक्त पड़े हैं। परंतु सरकार इन्हें भरने की दिशा में कोई पहल करती नजर नहीं आती। जबकि केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखण्ड को 6 अस्पताल व एक मेडिकल कालेज की स्वीकृति दी गयी है। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में करोड़ों बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान कर पलायन रोकने की सार्थक पहल की गयी है।असंगठित क्षेत्र के लगभग 30 करोड़ श्रमिकों को सामािजक सुरक्षा की गांरट प्रदान करने के लिए 1000 करोड़ की मंजूरी प्रदान की गयी। निजी वह असंगठित क्षेत्र में भी गेच्युटी की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रूपये कर ऐतिहासिक पहल की गयी। वैश्विक मंदी के बावजूद भी केंद्र के लगभग 60 लाख कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू करने की स्वीकृति कांग्रेस की सरकार ने प्रदान की। कर्मचारियों के हितों को देखते हुए मंहगाई की मार से निजात दिलानेे के लिए 50 प्रतिशत मंहगाई भत्ते को मूल भत्ते में समाहित करने का काम किया है। जबकि पूर्व सैनिकों की लगभग 30 वर्षों से चली आ रही एक रैंक एक पेंशन की मांग को स्वीकृति प्रदान कर लाखों को लाभ प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनता के हितों का ताक पर रखकर मापिफयाओं के हाथों में खेल रही है। केंद्र के लिए कुंभ के सफल आयोजन हेतु प्रदान की गयी धनराशि में बड़ा घोटाला किया गया हे। विद्युत परियोजनााओं के नि यम विरूद्व तथा अवैध बिक्री में करोड़ों रूपये का घोटाला किया गया है। वहीं स्टर्डिया कैमिकल्स फैक्ट्री के भूमि के भू परिवर्तन में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। परंतु सरकार इसकी निष्पक्ष जांच कराने क ेबजाय मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। इस अवसर पर विधायक जोत सिंह गुनसोला, एपी अमोली आदि उपस्थित थे।
देहराूदन। दून घाटी में अवैध खनन का धंधा चरम पर है। सरकार की मिलीभगत से खनन व्यवसायी अपने हित साधने में सफलता अर्जित कर रहे हैं। अकेले सौंग नदी से 300 ट्रक रोजना इस काम में लगे है और पूरे खेल को उच्चस्तर से संचालित किया जा रहा है। जिससे रोजाना 5 करोड़ रूपये का घालमेल देखने को मिल रहा हे। श्री बिष्ट ने कहा कि दून घाटी में खनन पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ताक पर रखने का काम किया जा रहा है जो सीधे तौर पर कोर्ट की अवमानना की श्रेणी में आता है।
देहरादून। कृषि विभाग में भी भ्रष्टाचार चरम पर है। किसानों को आवंटित की जाने वाली खाद और बीज में घोटाला देखने को मिल रहा है। अकेले पौड़ी में ही विभागीय अधिकारियों तथा कर्ताधर्ताओं ने 5 करोड़ रूपये डकार लिए हैं। जिससे प्रदेश में कृषकों और कृषि की हालत सुधारने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
कुंभ के लिए मिले 500 करोड़ में घोटालाजलविद्युत परियोजना में करोड़ों का घोटालास्टर्डिया कैमिकल्स के लिए भू-परिवर्तन दून मंे अवैध खनन से करोड़ों के वारे-न्यारे
No comments:
Post a Comment