Saturday, June 12, 2010

पासिंग आउट परेड में 602 कैडिट बनें भारतीय सेना का अंग


पासिंग आउट परेड में 602 कैडिट बनें भारतीय सेना का अंग23 विदेशी कैडिट भी अपने-अपने देशों में संभालेंगे कमानअरूणाचल के राज्यपाल जेजे सिंह ने ली परेड की सलामीयूपी के गौरव हृदय को मिला सोर्ड ऑपफ ऑनर-नारायण परगांई-देहरादून,12 जून। भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में 648कैडिट अंतिम पग पार कर सेना का अंग बन गए। अंतिम पग पार करने वालों में 602 कैडिट भारतीय सेना को मिलेंगे जबकि 23 विदेशी कैडिट अपने-अपने देशों में सेना की कमान संभालेंगे। वहीं 23 कैडिट आसाम रायपफल्स में भागीदारी निभाएंगे। इन कैडिटों में 23 विभिन्न देशों के विदेशी कैडिट भी शामिल हैं। भारतीय सेना का अंग बनने वाले सबसे अध्कि कैडिट उत्तर प्रदेश से 132 और उत्तराखंड से 51 व हरियाणा से 56 हैं। वहीं 23 विदेशी कैडिटों में भूटान के 7, तजाकिस्तान 8, कजाकिस्तान 1, मालदीव 2, श्रीलंका 5 कैडिट शामिल हैं। पासिंग आउट परेड में अरूणाचल के राज्यपाल एवं पूर्व सेनाध्यक्ष जेजे. सिंह ने मेैकटिला कंपनी ;थिमैया बटालियनद्ध के अंडर कंपनी कमांडर गौरव हृदय को सोर्ड ऑपफ ऑनर व सिल्वर मेडिल प्रदान किया। इसके साथ ही अंडर ऑपिफसर सुमित एस लाहने को आईएमए गोल्ड मेडिल, कैडिट योगेंद्र कठैत को कांस्य पदक, ध्ीरेंद्र सिहं को चीपफ ऑपफ आर्मी स्टापफ मेडिल से सम्मानित किया गया। सॉर्ड आपफ पाने वाले गौरव जीआर इंपफेंट्री व स्वर्ण पदक पाने वाले सुमित 51 आर्म्ड रेजीमेंट में कमीशन लेंगे। प्रातः भारतीय सैन्य अकादमी में अरूणाचल के राज्यपाल व पूर्व सेनाध्यक्ष जेजे सिंह ने परेड का निरीक्षण करने के बाद सलामी ली। जहां बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि भारतीयसैन्य अकादमी का इतिहास रहा है कि उसने हमेशा देश को अनुभवी व ऊर्जावान सैन्य अध्किारी दिये हैं और आज इस अकादमी में परेड की सलामी लेने का जो गौरव मुझे प्राप्त हो रहा है वह निश्चित रूपसे गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भी इसी भारतीय सैन्य अकादमी से पासआउट होने के बाद सैन्य अपफसर के रूप में अंतिम पग पार कर सेना की कमाल संभाली थी और आज सैन्य अकादमी में कैडिटों को देखकर उन्हें अपने पुराने दिनों की याद ताजा हो गयी। श्री सिंह ने कहा कि हमेशा से ही सैन्य अकादमी सभी देशों के कैडिटों को प्रशिक्षित कर उन्हें एक समान ट्रेनिंग देती है और हर कैडिट को एक समान ट्रेनिंग देकर उसे मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी करने को तैयार किया जाता है। श्री सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से आज सेना का अपफसर बनने वाले अध्किारियों को खतरनाक व चुनौतिपूर्ण रास्तों से गुजरकर देश की सेवा करनी होगी और जिस तरह देश के वीर सैनिकों ने सीमाओं पर अपने प्राणों की रक्षा किये बगैर देश की रक्षा की है ठीक उसी तरह नये सैन्य अपफसर भी अपनी ड्यूटी को निभाएंगे। उन्होंने नये सैन्य अपफसरों के साथ-साथ उनके अभिभावकों व अकादमी के अन्य अध्किारियों को भी कैडिटों के पासआउट होने पर बधई भी दी।भारतीय सैन्य अकादमी के कमांडेट ले. जनरल राजेंद्र सिंह सुजलाना ने कहा कि हमेशा से ही भारतीय सैन्य अकादमी ने देश को मजबूत सैन्य अपफसर दिये हैं और अब तक हजारों सैन्य अपफसर आईएमए तैयार कर चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय सैन्य अकादमी में आनेवाले हर कैडिट को कड़ी मेहनत करने के बाद सैन्य प्रशीक्षण देकर देश की सीमा पर तैनात करने की मजबूत जिम्मेदारी दी जाती है और अब तक हजारो सैन्य अपफसर आईएमए तैयार कर चुका है। उन्होंने कहा कि देश पर मंडराते आंतकी हमले को देखते हुए इस बार कैडिटों को आतंकवाद से लड़ने की आध्ुनिक हथियारों के साथ स्पेशल ट्रेनिंग भी दी गई है। श्री सुजलाना ने कहा कि जिस तरह से कैडिटों ने आईएमए में बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी कार्यकुशलता का परिचय दिया है ठीक उसी तरह देश की सीमाओं पर भी सैन्य अपफसर मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी निभाएंगे। उन्होंने कहा कि इन्पफेंट्री कैडिटों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है क्योंकि भारतीय सेना का अपना अलग कलेवर है और पूर्व में जहां भारतीय सैन्य अकादमी में 1650 कैडिट हुआ करते थे वहीं अब इन कैडिटों की संख्या बढ़कर 2065 हो गई है। उन्होंने कहा अगले साल साइबर क्राइम को देखते हुए हर कैडिट को एक-एक कम्प्यूटर उपलब्ध् कराया जाएगा। जिससे कैडिट साइबर क्राइम को रोक पाने में और अध्कि निपुण हो सकें। उन्होंने कहा कि भारतीय सेैन्य अकादमी ने करीब 7 करोड़ का एक प्रोजेक्ट पिछले वर्ष 2009 में केंद्र को भेजा था जिसकी पफाइनल रिपोर्ट आज चुकी है और जल्द ही यह प्रोजेक्ट काम करना शुरू कर देगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय सैन्य अकादमी के पास कैडिटों को प्रशिक्षण कराने के लिए जमीन की आवश्यकता है और जितनी जमीन एनडीए के पास है उतनी ही जमीन भारतीय सैन्य अकादमी को दिये जाने की मांग प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्र को भी भेजी गई थी जिसकी रिपोर्ट आ चुकी है और अब जल्द ही निश्चित रूप से जमीन की उपलब्ध्ता हो जाने पर पफायरिंग रेंज, स्वीमिंग पूल व अन्य गतिविध्यिों को संचालित किया जाएगा। जिससे कैडिटों को और अध्कि प्रशिक्षण प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि पासिंग आउट परेड के दौरान स्थानीय जनता को रास्ता बंद हो जाने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और जल्द ही फ्रलाइ ओवर का निर्माण हो जाने से जनता के साथ-साथ आईएमए को भी राहत मिलेगी। परेड के बाद निजाम पवेलियन में नये सैन्य अपफसरों के कंधें पर उनके अभिभावकों ने स्टार लगाए और नये सैन्य अपफसरों को देश की सीमाओं पर मुस्तैदी से डटे रहने की सभी र्ध्मों के र्ध्मगुरूओं ने शपथ भी दिलायी। इसके साथ ही पीपिंग सेरेमनी के बाद कैडिटों ने हवा में टोपिया उछालकर सैन्य अपफसर बनने की खुशी का इजहार भी किया। इस दौरान कई अभिभावकों की आंखे बेटे के सैन्य अपफसर बनने पर खुशी से छलक भी आई। इस दौरान आईएमए के उपसमादेशक ललित कुमार रामपाल, समादेशक की र्ध्मपत्नी श्रीमती रश्मि सुजलाना, आईएमए पीआरओ अमित डागर सहित कैडिटों के अभिभावक व अन्य सैन्य अध्किारी भी मौजूद थे। पास आउट होने वाले कैडिटों में पंजाब के 28, राजस्थान के 47, महाराष्ट्र के 36, हिमाचल के 30, दिल्ली के 21, बिहार के 47, अरूणाचल प्रदेश के 10, झारखंड के 8, कर्नाटक के 17, केरल के 23, मेघालय, मिजोरम व नागालैंड के एक-एक कैडिट शामिल हैं।

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