Saturday, June 19, 2010
हल्द्वानी के निवासी रह चुके हैं प्रधनमंत्राी
पंतनगर, 19 जून। पंतनगर में 26वें दीक्षान्त समारोह में हॉल उस समय तालियों की गूंज से गड़गड़ा गया जब पता चला कि देश के प्रधनमंत्राी डा.मनमोहन सिंह हल्द्वानी के निवासी रहे चुके है। अपने सम्बोध्न में राज्यपाल मार्ग्रेट आल्वा ने कहा कि देश के विभाजन के पश्चात डा.मनमोहन सिंह अपने परिवार के साथ हल्द्वानी आये थे और एक वर्ष तक हल्द्वानी में रहे। जैसे ही श्रीमती आल्वा ने यह जानकारी दी पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा और प्रधनमंत्राी भी मंद मंद मुस्कुराने लगे।
पैकेज की मांग को अनसुना किया पीएम ने
पंतनगर, 19 जून। पंतनगर में आयोजित 26वंे दीक्षान्त समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रधनमंत्राी डा.मनमोहन सिंह विराजमान थे। मंच पर मुख्यमंत्राी डा.रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा भी विराजमान थे। संचालन कर रहे कुलपति बीएस बिष्ट ने सम्बोध्न के लिए मुख्यमंत्राी डा.निशंक को आमंत्रित किया। श्री निशंक ने अपने सम्बोध्न की शुरूआत में प्रधनमंत्राी के आगमन पर उनका अभिनन्दन किया। उन्होंने प्रातः 10ः33 पर अपना सम्बोध्न शुरू किया और 10ः52 पर अपना सम्बोध्न समाप्त किया । सम्बोध्न के अंत में डा.निशंक ने राज्य के विकास के लिए औद्योगिक पैकेज की अवध् ि2013 तक बढ़ाने की मांग की उनके सम्बोध्न के पश्चात राज्यपाल श्रीमती आल्वा ने अपना सम्बोध्न किया। तत्पश्चात कुलपति डा.बिष्ट ने प्रधनमंत्राी को सम्बोध्न के लिए आमंत्रित किया। प्रधनमंत्राी डा.मनमोहन सिंह ने 11ः12 बजेअपना सम्बोध्न प्रारम्भ किया। सर्वप्रथम उन्होंने सर्वोच्च आये छात्रा छात्राओं को शुभकामनाएं दी। प्रधनमंत्राी डा.सिंह ने 11ः35 बजे अपना सम्बोध्न समाप्त किया लेकिन पैकेज बढ़ाने की मांग को लेकर वह मुख्यमंत्राी डा.निशंक का अनुरोध् टाल गये। जिससे डा.निशंक थोड़ा उदास दिखे।
कृषि विकास में पंत विवि का अहम योगदानः डा.मनमोहन
पंतनगर, 19 जून। प्रधनमंत्राी डा0 मनमोहन सिंह ने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय हरित क्रांति की जननी है यहां के वैज्ञानिक और शोध्कर्ता देश के विकास में अपना अहम योगदान दें ताकि राष्ट्र ऊंचाईयों को छू सके। प्रधनमंत्राी श्री सिंह आज पंतनगर में आयोजित 26वें दीक्षांत समारोह तथा गोल्डन जुबली वर्ष पर बतौर मुख्य अतिथि सम्बोध्ति कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी विश्व विद्यालय के लिए दीक्षान्त समारोह बेहद अहम है जो छात्रों के भविष्य का निर्धारण करता है उन्होंने कहा कि पंत विवि में शिक्षा प्राप्त करना ही बड़ी उपध् िहैउन्होनंे कहा कि पंत विवि का कई दशकों से कृषि के क्षेत्रा में महत्वपूर्ण योगदान है,लेकिन वर्तमान में यहां के छात्रा नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहे। उन्होंने कहा कि भारत में पशुओं की पैदावार अच्छी है और छोटे किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए केन्द्र सरकार निरन्तर प्रयासरत है। किसानों को उनकी पैदावार का उचित मूल्य दिया जाना बेहद जरूरी है इसके लिए राज्य सरकारें भी प्रयास करें। प्रधनमंत्राी डा.सिंह ने कहा कि राष्ट्र कृषि विकास योजनाओं के साथ सभी राज्यों को सहयोग दिया जायेगा। उद्यान और वानिकी के क्षेत्रा में प्रयास किये जायेंगे। कृषि विज्ञान केन्द्रों में शोध् कराई जायेगी। ताकि पफसलों की पैदावार और बढ़ सके। प्रधनमंत्राी ने कहा कि कृषि क्षेत्रों में पीपी मोड़ होने चाहिए सारे वैज्ञानिक और शोध्कर्ता देश के विकास में अपना योगदान दें। उन्होंने पर्यावरण संतुलन और ग्लोबल वार्मिग पर भी सहयोग देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड नैसर्गिक सौदर्य से ओतप्रोत राज्य है यहां पहाड़ों पर खेती के प्रयास किये जा रहे है तथा हिमालय को भी संरक्षित करने के प्रयास किये जा रहे है। राज्यपाल माग्रेट आल्वा ने अपने सम्बोध्न में कहा कि उत्तराखण्ड राज्य सीड् हब के रूप में विकसित हो रहा है पंत नगर विश्वविद्यालय शोध् एवं अनुसंधन में देश का सर्वोत्तम विवि है। तराई में चावल उत्पादन का अहम योगदान है जिस पर अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। उन्होने कहा िक उत्तराखण्ड देवभूमि है। नये राज्य होने के कारण आर्थिक विकास की ओर देखना होगा। युवा पीढ़ी मात्रा कृषि नही बल्कि औद्योगिक विकास में भी अपना अहम योगदान दे ताकि राज्य में समुचित विकास हो। श्रीमती आल्वा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रोत्साहन देना जरूरी है। पहाड़ांे व जंगलों में महिलाएं बेहद मेहनतकश है। मुख्यमंत्राी डा.रमेश पोखरियाल ने कहा कि दीक्षान्त समारोह से उपाध् िप्राप्त करने वाले छात्रा भविष्य में देश व प्रदेश की कृषि की दिशा में योजनाकार रणनीति के निर्माता होंगे। उत्तराखण्ड कृषि मुनियों की तपोस्थली है। प्रकृति ने प्रदेश को प्रचुर वनसंम्पदा दी है साथ ही जैव विविध्ता का भी अपार भण्डार है। राज्य के जल संसाध्नों को संरक्षित सम्वध्ति एवं प्रदूषण मुक्त करने हेतु स्पर्श गंगा अभियान जनप्रिय हो चुका है। निवेदित राज्य ने 65 प्रतिशत वन और दुरूह भौगोलिकता के बावजूद भी राष्ट्र विकास दर में देश में तीसरा स्थान हासिल किया है राज्य बनने के समय विकास दर 2.9 प्रतिशत भी लेकिन अब 9.5 प्रतिशत है। वार्षिक आय भी बढ़कर 42 हजार रूपये प्रति व्यक्ति हो चुकी है। आम आदमी का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए सरकार सुनियोजित विकास कर रही है। डा.निशंक ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रा में हरित क्रांति अभी अध्ूरी है। यहां की भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों किसानों के लिए उपयुक्त नही है। जिस कारण आध्ुनिक कृषि मशीनरी का प्रयोग यहां कठिन है। डा.निशंक ने कहा कि विश्व भर में जैविक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ी है और यहां पर्वतीय क्षेत्रों मे ंआज भी जैविक तरीके से खेती की जा रही हे यदि किसानों को जागरूक किया जाये तो यह बड़ा कदम होगा। मुख्यमंत्राी डा.निशंक ने कहा कि कृषि योजनाआंे का सीध लाभ किसानों को देने के लिए कृषि महोत्सव शुरू किया है। गांव गांव कृषक रथ के जरिये किसानों की समस्याओं का समाधन किया जा रहा है। प्रधनमंत्राी डा.मनमोहन सिंह,राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा और मुख्यमंत्राी डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने समारोह में भाग लेने वाले छात्रा छात्राओं को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रधनमंत्राी डा. मनमोहन सिंह ने पं गोविन्द बल्लभ पंत के चित्रा पर मार्ल्यापण कर किया। इस दौरान केन्द्रीय उद्योग मंत्राी हरीश रावत, आर.के.ध्वन,कुलपति डा.बी.एस.बिष्ट,बलराज पासी,विधयक तिलक राज बेहड़,शैलेन्द्र मोहन सिंघल, हरभजन सिंह चीमा, रामपुर की पूर्व सांसद बेगम नूरबानों,सुखदेव सिंह नामधरी,यशपाल आर्य,निरंजन आल्वा,सुभाष चतुर्वेदी,दरबार सिंह, मीना शर्मा,सुरेश अग्रवाल,हरीश पनेरू, सुरेश परिहार,गुलशन छाबड़ा,देव बहादुर,राजेन्द्र पाल,अनिल शर्मा समेत तमाम विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ छात्राओं ने स्वागत गीत से किया तथा समारोह का समापन राष्ट्रगान से किया गया।
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पंतनगर, 19 जून। प्रधनमंत्राी डा0 मनमोहन सिंह ने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय हरित क्रांति की जननी है यहां के वैज्ञानिक और शोध्कर्ता देश के विकास में अपना अहम योगदान दें ताकि राष्ट्र ऊंचाईयों को छू सके। प्रधनमंत्राी श्री सिंह आज पंतनगर में आयोजित 26वें दीक्षांत समारोह तथा गोल्डन जुबली वर्ष पर बतौर मुख्य अतिथि सम्बोध्ति कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी विश्व विद्यालय के लिए दीक्षान्त समारोह बेहद अहम है जो छात्रों के भविष्य का निर्धारण करता है उन्होंने कहा कि पंत विवि में शिक्षा प्राप्त करना ही बड़ी उपध् िहैउन्होनंे कहा कि पंत विवि का कई दशकों से कृषि के क्षेत्रा में महत्वपूर्ण योगदान है,लेकिन वर्तमान में यहां के छात्रा नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहे। उन्होंने कहा कि भारत में पशुओं की पैदावार अच्छी है और छोटे किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए केन्द्र सरकार निरन्तर प्रयासरत है। किसानों को उनकी पैदावार का उचित मूल्य दिया जाना बेहद जरूरी है इसके लिए राज्य सरकारें भी प्रयास करें। प्रधनमंत्राी डा.सिंह ने कहा कि राष्ट्र कृषि विकास योजनाओं के साथ सभी राज्यों को सहयोग दिया जायेगा। उद्यान और वानिकी के क्षेत्रा में प्रयास किये जायेंगे। कृषि विज्ञान केन्द्रों में शोध् कराई जायेगी। ताकि पफसलों की पैदावार और बढ़ सके। प्रधनमंत्राी ने कहा कि कृषि क्षेत्रों में पीपी मोड़ होने चाहिए सारे वैज्ञानिक और शोध्कर्ता देश के विकास में अपना योगदान दें। उन्होंने पर्यावरण संतुलन और ग्लोबल वार्मिग पर भी सहयोग देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड नैसर्गिक सौदर्य से ओतप्रोत राज्य है यहां पहाड़ों पर खेती के प्रयास किये जा रहे है तथा हिमालय को भी संरक्षित करने के प्रयास किये जा रहे है। राज्यपाल माग्रेट आल्वा ने अपने सम्बोध्न में कहा कि उत्तराखण्ड राज्य सीड् हब के रूप में विकसित हो रहा है पंत नगर विश्वविद्यालय शोध् एवं अनुसंधन में देश का सर्वोत्तम विवि है। तराई में चावल उत्पादन का अहम योगदान है जिस पर अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। उन्होने कहा िक उत्तराखण्ड देवभूमि है। नये राज्य होने के कारण आर्थिक विकास की ओर देखना होगा। युवा पीढ़ी मात्रा कृषि नही बल्कि औद्योगिक विकास में भी अपना अहम योगदान दे ताकि राज्य में समुचित विकास हो। श्रीमती आल्वा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रोत्साहन देना जरूरी है। पहाड़ांे व जंगलों में महिलाएं बेहद मेहनतकश है। मुख्यमंत्राी डा.रमेश पोखरियाल ने कहा कि दीक्षान्त समारोह से उपाध् िप्राप्त करने वाले छात्रा भविष्य में देश व प्रदेश की कृषि की दिशा में योजनाकार रणनीति के निर्माता होंगे। उत्तराखण्ड कृषि मुनियों की तपोस्थली है। प्रकृति ने प्रदेश को प्रचुर वनसंम्पदा दी है साथ ही जैव विविध्ता का भी अपार भण्डार है। राज्य के जल संसाध्नों को संरक्षित सम्वध्ति एवं प्रदूषण मुक्त करने हेतु स्पर्श गंगा अभियान जनप्रिय हो चुका है। निवेदित राज्य ने 65 प्रतिशत वन और दुरूह भौगोलिकता के बावजूद भी राष्ट्र विकास दर में देश में तीसरा स्थान हासिल किया है राज्य बनने के समय विकास दर 2.9 प्रतिशत भी लेकिन अब 9.5 प्रतिशत है। वार्षिक आय भी बढ़कर 42 हजार रूपये प्रति व्यक्ति हो चुकी है। आम आदमी का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए सरकार सुनियोजित विकास कर रही है। डा.निशंक ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रा में हरित क्रांति अभी अध्ूरी है। यहां की भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों किसानों के लिए उपयुक्त नही है। जिस कारण आध्ुनिक कृषि मशीनरी का प्रयोग यहां कठिन है। डा.निशंक ने कहा कि विश्व भर में जैविक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ी है और यहां पर्वतीय क्षेत्रों मे ंआज भी जैविक तरीके से खेती की जा रही हे यदि किसानों को जागरूक किया जाये तो यह बड़ा कदम होगा। मुख्यमंत्राी डा.निशंक ने कहा कि कृषि योजनाआंे का सीध लाभ किसानों को देने के लिए कृषि महोत्सव शुरू किया है। गांव गांव कृषक रथ के जरिये किसानों की समस्याओं का समाधन किया जा रहा है। प्रधनमंत्राी डा.मनमोहन सिंह,राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा और मुख्यमंत्राी डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने समारोह में भाग लेने वाले छात्रा छात्राओं को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रधनमंत्राी डा. मनमोहन सिंह ने पं गोविन्द बल्लभ पंत के चित्रा पर मार्ल्यापण कर किया। इस दौरान केन्द्रीय उद्योग मंत्राी हरीश रावत, आर.के.ध्वन,कुलपति डा.बी.एस.बिष्ट,बलराज पासी,विधयक तिलक राज बेहड़,शैलेन्द्र मोहन सिंघल, हरभजन सिंह चीमा, रामपुर की पूर्व सांसद बेगम नूरबानों,सुखदेव सिंह नामधरी,यशपाल आर्य,निरंजन आल्वा,सुभाष चतुर्वेदी,दरबार सिंह, मीना शर्मा,सुरेश अग्रवाल,हरीश पनेरू, सुरेश परिहार,गुलशन छाबड़ा,देव बहादुर,राजेन्द्र पाल,अनिल शर्मा समेत तमाम विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ छात्राओं ने स्वागत गीत से किया तथा समारोह का समापन राष्ट्रगान से किया गया।
Friday, June 18, 2010
लाल या सत्सव्रत में से कौन होगा प्रदेश का डीजीपी!
देहरादून, 17 जून। प्रदेश के चीपफ सेक्रेटरी को 6 माह का सेवा विस्तार दिये जाने के बाद अब प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के पद को लेकर लॉबिंग तेज हो गई है। प्रदेश के मौजूदा डीजीपी केंद्र में रिलिव होकर जा रहे हैं वहीं उनके जाने के बाद खाली हो रही सीट पर कब्जा जमाने के लिए पुलिस के दो बड़े अध्किारी अपने-अपने आकाओं से इस सीट पर बैठने के लिए एडी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। वर्ष 2007 में प्रदेश के डीजीपी सुभाष जोशी कुर्सी पर बैठे थे और उनके शांत व ईमानदार छवि के चलते वह पुलिस का ग्रापफ अपराधें को कम करने में कोई कारगर कदम नहीं उठा सके। यहां तक कि उनके कार्यकाल के दौरान कई बड़ी-बड़ी आपराध्कि वारदातों के साथ-साथ कई ऐसे घटनाक्रम हुए जिसने पुलिस विभाग की पूरी तरह किर-किरी कर डाली हल्द्वानी में ब्लाक प्रमुख कन्याल की थाने के भीतर हुयी हत्या के साथ-साथ रणवीर एनकाउंटर मामला भी पुलिस की किर-किरी कराने में कोई कसर नहीं छोड़ गया जबकि बची हुई प्रतिष्ठा चौराहों पर पिटने वाले पुलिस कर्मियों ने पूरी कर डाली। इतना ही नहीं पेशी के दौरान ले जाते वक्त कई बदमाश भी पुलिस को चकमा देकर पफरार होने में कामयाब रहे। वहीं कई सनसनी खेज एमएमएस कांड भी देवभूमि को शर्मसार करते नजर आए। कुल मिलाकर मौजूदा डीजीपी का कार्यकाल पुलिस की छवि को बेहततर ढंग से क्रियान्वित करने में असपफल रहा। अब डीजीपी के रिलीव होने के बाद इस कुर्सी पर 75 बैच के आईपीएस अध्किारी एबी लाल व 76 बैच के आईपीएस अध्किारी सत्यव्रत इस सीट को लेकर एडी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। वहीं 77 बैच के विजय राघव पंत व 76 बैच के जीवन चंद्र पांडे भी डीजीपी की कुर्सी को पाने के लिए जोरआजमाइश में लगे हुए हैं। वैसे पंत व पांडे की डीजीपी पद पर संभावनाएं ना के बराबर मानी जा रही हैं और 75 बैच के लाल दिल्ली से इस सीट पर बैठने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे। जबकि प्रदेश के मुखिया एबी लाल को डीजीपी की सीट पर बैठाए जाने के पक्ष में नजर आ रहे हैं वहीं यह भी संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं कि यदि मामला पफंसा तो डीजीपी पद के लिए डीपीसी की जाएगी। वहीं सत्यव्रत के मुकाबले सीनियरिटी के हिसाब से पांडे मेरिट में आगे चल रहे हैं जबकि सत्यव्रत के परिवार की भूमिका आरएसएस से होने के चलते उन्हें इस सीट का पफायदा मिल सकता है। यदि सबकुछ ठीकठाक रहा और बिना डीपीसी के डीजीपी पद की घोषणा हुयी तो इस सीट पर सत्यव्रत बाजी मार सकते हैं। और यदि डीपीसी के माध्यम से डीजीपी पद भरा गया तो सीनियरिटी के हिसाब से 75 बैच के एबी लाल प्रदेश के अगले डीजीपी हो सकते हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के मौजूदा डीजीपी सुभाष जोशी व सत्यव्रत में छत्तीस का आंकड़ा रहा है और प्रदेश के मौजूदा डीजीपी जीवन चंद्र पांडे को अपनी सीट पर बैठा हुआ देखना चाह रहे हैं। कुल मिलाकर मुख्यमंत्राी की वीटो पावर के आधर पर ही प्रदेश का अगला डीजीपी तय होगा। पुलिस महकमे में पिछले कई दिनों से डीजीपी पद को लेकर चर्चाएं चल रही हैं और नये डीजीपी की कुर्सी पर बैठने के बाद ही प्रदेश के मौजूदा डीजीपी सुभाष जोशी को शासन स्तर से रिलीव किया जाएगा। वहीं 75 वैच के एबी लाल को पूर्व मुख्यमंत्राी खंडूड़ी के शासनकाल में वरिष्ठ होने के नाते डीजीपी की सीट पर नहीं बैठाया गया था और उनके स्थान पर 76 बैच के सुभाष जोशी को प्रदेश का डीजीपी बनाया गया था। इसके पीछे लाल के खिलापफ उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार का एक मामला सामने आने के कारण इस सीट पर ताजपोशी न किया जाना बताया गया था जबकि 75 बैच के एबी लाल आईटीआई रूड़की से गोल्ड मेडलिस्ट होने के साथ-साथ बेहतर तरीके से विभाग को चलाने की मजबूत पकड़ रखते हैं। यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो एबी लाल प्रदेश के नये डीजीपी हो सकते हैं।
Wednesday, June 16, 2010
टैंट व्यवसायियों को कराना होगा पंजीकरण
देहरादून। राज्य में टैंट व्यवसायियों की पंजीकरण प्रक्रिया की बाबत कैबिनेट ने अहम फैसला लेते हुए विभिन्न श्रेणियां निर्धारित कर दी है। जिससे सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्त होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं आयुष विभाग के ढांचे को पुनर्गठित करना तथा रिषीकेश के पशुलोक क्षेत्र में गौ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान की पीपीपी मोड़ के आधार पर स्थापना करने संबधी महत्वपूर्ण निर्णय सरकार की ओर से लिए गये। आज यहां सचिवालय में मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में हुयी कैबिनेट की बैठक में लिए गए अहम फैसलों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव नृप सिंह नपच्याल ने सचिवालय सभागार मंे पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रीमंडल ने राज्य में एक विशेष अभियान के तहत टैंट व्यवसायियों को अनिवार्य रूप से पंजीकृत करने का निर्णय लिया है। उन्होनंे बताया कि राज्य में टैंट व्यवसायियों तादात बड़ी संख्या में होने के बावजूद मात्र 162 टैंट व्यवसायी पंजीकृत हैं। सुरक्षा की दृष्टि व अन्य बिंदुओं पर ध्यान देते हुए मंत्रीमंडल ने सभी छोटे बड़े टैंट व्यवसायियों का पंजीकरण करवाना अनिवार्य करने का फैसला लिया है। सचिव वित्त राधा रतूड़ी ने बताया कि टैंट व्यवसायियों के अनुरोध पर मंत्रीमंडल ने तीन वर्षों के लिए वर्ष 2006-07, 2007-08 व 2008-09 के लिए पांच लाख से अधिक के वार्षिंक टर्नओवर वाले व्यवसायी के लिए कर समाधान योजना का अनुमोदन किया है। उन्होनंे बताया कि इस योजना में स्टाक वैल्यू के आधार पर व्यवसायी का वाद समाधान किया जायेगा। जिसके अंतर्गत पांच लाख तक तीन वर्षों के लिए 4000, 4500 व 5000 रूपये, पांच से 15 लाख तक 16000, 18000 व 20000 रूपये, 15 से 25 लाख तक 42 हजार, 46 हजार व 51हजार तथा 25 से 75 लाख व उससे अधिक स्टाक रखने वाले टैंट व्यवसायी को 75000, 82500 व 91000 एकमुश्त अदा करने होंगें। उन्होनें बताया कि सरकार को इस वर्ष इस व्यवसाय से केवल 20लाख 53हजार का राजस्व ही प्राप्त हुआ है। मुख्य सचिव ने बताया कि मंत्री मंडल ने राजभवन सचिवालय में नियुक्त वित्त सहायक समीक्षा व समीक्षा अधिकारियों की पदोन्नति के लिए नियमावली मंे संसोधन किया है। जो केवल वर्ष 2010-11 के लिए ही मान्य होगी। उन्होंने बताया कि इन दोनों पदों पर पदोन्नति के लिए कार्य आयु सीमा पांच वर्ष निर्धारित थी। जिसको घटाकर तीन वर्ष किया गया है। मुख्य सचिव ने बताया कि मंत्रीमंडल ने राज्य की नगरपालिकाओं में कार्यरत केंद्रीय व अकेंद्रीय कर्मचारियों की सेवा नियमावली पर पुनः चर्चा करने का फैसला लिया है।
प्रतिदिन एकत्र होगा 10000 ली. गौमूत्रदेहरादून। राज्य में पशुपालन की अपार संभावना को देखते हुए सरकार ने इस क्षेत्र को व्यवसायिक दृष्टिकोण से विकसित करने का मन बनाया है। भावी योजनाओं की जानकारी देते हुए सचिव पशुपालन विनोद फोनिया ने देते हुए बताया कि रिषीकेश के पशुलोक क्षेत्र में गौ-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना पीपीपी मोड़ के आधार पर की जायेगी। इसके लिए निविदांए आमंत्रित की जायेंगी और सक्षम व शर्तों पर खरा उतरने वाली कंपनी को यह कार्य सौंपा जायेगा। सरकार इसके लिए संबधित कंेपनी को 20 एकड़ भूमि भी उपलब्ध करायेगी। फोनिया ने बताया कि यह अपने आप में देश का ऐसा पहला संस्थान होगा जहां पर पंचतत्व व गौमूत्र पर शोध करने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही यहां पर 10000 लीटर गौमूत्र प्रतिदिन एकत्र किया जायेगा। उन्होनंे बताया कि बीते वर्ष में पशुपालन विभाग ने गौमूत्र व्यवसाय से 1 करोड़ से अधिक का कारोबार किया है।
आयुष चिकित्सा में सृजित होंगे 131 पददेहरादून। प्रमुख सचिव आयुष विभाग राजीव गुप्ता ने बताया कि मंत्री मंडल ने प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आयुष चिकित्सा के क्षेत्र को अधिक महत्व देने के लिए इस विभाग के ढांचे को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत 131 नये पद सृजित किए जायेंगे। उन्होनंे बताया कि अभी तक 2797 पदों का ढांचा स्वीकृत है। इसके अलावा कोटद्वार में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का योगकर्म एवं प्रोद्योगिकी संस्थान पीपीपी मोड़ के आधार पर स्थापित होगी ओर एक पंचकर्म इकाई भी बनाने का निर्णय हुआ है। जो विभाग के निदेशक के अधीन कार्य करेगी।
प्रतिदिन एकत्र होगा 10000 ली. गौमूत्रदेहरादून। राज्य में पशुपालन की अपार संभावना को देखते हुए सरकार ने इस क्षेत्र को व्यवसायिक दृष्टिकोण से विकसित करने का मन बनाया है। भावी योजनाओं की जानकारी देते हुए सचिव पशुपालन विनोद फोनिया ने देते हुए बताया कि रिषीकेश के पशुलोक क्षेत्र में गौ-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना पीपीपी मोड़ के आधार पर की जायेगी। इसके लिए निविदांए आमंत्रित की जायेंगी और सक्षम व शर्तों पर खरा उतरने वाली कंपनी को यह कार्य सौंपा जायेगा। सरकार इसके लिए संबधित कंेपनी को 20 एकड़ भूमि भी उपलब्ध करायेगी। फोनिया ने बताया कि यह अपने आप में देश का ऐसा पहला संस्थान होगा जहां पर पंचतत्व व गौमूत्र पर शोध करने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही यहां पर 10000 लीटर गौमूत्र प्रतिदिन एकत्र किया जायेगा। उन्होनंे बताया कि बीते वर्ष में पशुपालन विभाग ने गौमूत्र व्यवसाय से 1 करोड़ से अधिक का कारोबार किया है।
आयुष चिकित्सा में सृजित होंगे 131 पददेहरादून। प्रमुख सचिव आयुष विभाग राजीव गुप्ता ने बताया कि मंत्री मंडल ने प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आयुष चिकित्सा के क्षेत्र को अधिक महत्व देने के लिए इस विभाग के ढांचे को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत 131 नये पद सृजित किए जायेंगे। उन्होनंे बताया कि अभी तक 2797 पदों का ढांचा स्वीकृत है। इसके अलावा कोटद्वार में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का योगकर्म एवं प्रोद्योगिकी संस्थान पीपीपी मोड़ के आधार पर स्थापित होगी ओर एक पंचकर्म इकाई भी बनाने का निर्णय हुआ है। जो विभाग के निदेशक के अधीन कार्य करेगी।
डी कंपनी से हमारा कोई संबंध नहीं: अक्षय
मुंबई. डी कंपनी से मेरी पत्नी ट्विंकल खन्ना का कोई संबंध नहीं है, यह कहना है उनके पति अक्षय कुमार का। बॉलीवुड अभिनेत्री और अक्षय कुमार की पत्नी ट्विंकल खन्ना के बारे में पिछले दिनों यह खबर निकली थी कि उनका संबंध दाउद इब्राहिम से है।
इस खबर के बाद अक्षय कुमार काफी गुस्से में हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया को न जाने ऐसी गलत और निराधार खबरें कहां से मिल जाती हैं। अगर मेरी पत्नी का संबंध डी कंपनी से है तो आज तक मेरे घर पर छापा क्यों नहीं मारा गया।
यह सब हमें फंसाने और बदनाम करने की साजिश है। हमारी पत्नी का कभी भी ऐसे लोगों से वास्ता नहीं रहा है। अक्की दादा ने कहा कि इन खबरों से मैं निश्चित ही परेशान हुआ हूं लेकिन हताश नहीं क्योंकि मैं फिल्म उद्योग में पिछले 20 सालों से हूं और ऐसी कई खबरें मेरे सामने आती ही रहती हैं।
अक्षय का कहना है कि एक हस्ती की लाइफ ऐसे विवादों से घिरी ही रहती है, उसे ज्यादा फेमस होता देख कुछ लोग जलते हैं लेकिन मीडिया को ऐसी घटिया खबरों को छापने और बताने से पहले कई बार सोचना चाहिए।
अक्षय की पत्नी का डी कंपनी से कनेक्शन! (यह थी खबर, जिसपर बौखलाए हैं अक्षय)
मुंबई. चाहे फिल्मों में पैसा लगाने की बात हो या फिर बॉलीवुड के साथ संबंध की, हर जगह डी लिंक की बात सामने आती रही है। इन्हीं संबंधों का पता लगाने के लिए अब सीबीआई ने यूएई को एक पत्र लिखा है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सारे अंडरवर्ल्ड डॉन दुबई में ही रहते हैं, और यहीं से ही वे अपनी सारी गतिविधियों को चलाते हैं।
सूत्रों की माने तो सीबीआई ने बॉलीवुड सेलेब्रिटियों की डीलिंक से संबंधों को लेकर यूएई (दुबई) से जानकारी मांगी है। पत्र में चार बॉलीवुड सितारों का नाम सबसे उपर बताया जा रहा है जिसमें से एक नाम तो फिल्म अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना (अक्षय कुमार की पत्नी) का बताया जा रहा है। सीबीआई ने 1990 से दुबई के होटलों में रुकने वाले अभिनेता-अभिनेत्रियों की पूरी लिस्ट के साथ यहां पर किस-किस ने पा र्टी आयोजित की और किन-किन बड़ी हस्तियों ने ऐसी पार्टियों में शिरकत की उसका सारा ब्योरा मांगा है।
सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने दुबई में अंडरवर्ल्ड द्वारा आयोजित पार्टियों और उनके द्वारा बुलाई जाने वाली सेलेब्रिटियों और उनके साथ इनके संबंध की भी जानकारी मांगी है। दाऊद जैसे बड़े डॉन के करीबीयों की शादी या फिर किसी उत्सव में भारत से कौन-कौन जाता है, कहां रुकता, किससे मिलता सारा ब्योरा देने की अपील की है।
चार सितारों दो अभिनेत्रियां ऐसी हैं जिनका नाम हमेशा से ही डीकंपनी के साथ जोड़ा जाता रहा है। जिनमें से एक का गहरा संबंध दाऊद इब्राहिम के साथ तो दूसरी अभिनेत्री उसके भाई अनीस के साथ संबंध था, जिसने हाल ही में राजनीति में कदम रखे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस लिस्ट में राजेश खन्ना की बेटी और वर्तमान में अक्षय कुमार की पत्नी का भी नाम है।
सीबीआई ने चार के बारे में विशेष जानकारी मांगी है, इनमें से दो अभिनेत्रियों के अलावा फिल्म प्रोडच्यूसर और डायरेक्टर भी शामिल हैं। मुंबई पुलिस को इन पर उस समय शक हुआ था जब एक प्रोडच्यूसर ने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील से बातचीत करने की कोशिश की, पुलिस ने इनके फोन कॉल्स को स्कैनर पर लेकर जांच शुरु कर दी है।
इस खबर के बाद अक्षय कुमार काफी गुस्से में हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया को न जाने ऐसी गलत और निराधार खबरें कहां से मिल जाती हैं। अगर मेरी पत्नी का संबंध डी कंपनी से है तो आज तक मेरे घर पर छापा क्यों नहीं मारा गया।
यह सब हमें फंसाने और बदनाम करने की साजिश है। हमारी पत्नी का कभी भी ऐसे लोगों से वास्ता नहीं रहा है। अक्की दादा ने कहा कि इन खबरों से मैं निश्चित ही परेशान हुआ हूं लेकिन हताश नहीं क्योंकि मैं फिल्म उद्योग में पिछले 20 सालों से हूं और ऐसी कई खबरें मेरे सामने आती ही रहती हैं।
अक्षय का कहना है कि एक हस्ती की लाइफ ऐसे विवादों से घिरी ही रहती है, उसे ज्यादा फेमस होता देख कुछ लोग जलते हैं लेकिन मीडिया को ऐसी घटिया खबरों को छापने और बताने से पहले कई बार सोचना चाहिए।
अक्षय की पत्नी का डी कंपनी से कनेक्शन! (यह थी खबर, जिसपर बौखलाए हैं अक्षय)
मुंबई. चाहे फिल्मों में पैसा लगाने की बात हो या फिर बॉलीवुड के साथ संबंध की, हर जगह डी लिंक की बात सामने आती रही है। इन्हीं संबंधों का पता लगाने के लिए अब सीबीआई ने यूएई को एक पत्र लिखा है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सारे अंडरवर्ल्ड डॉन दुबई में ही रहते हैं, और यहीं से ही वे अपनी सारी गतिविधियों को चलाते हैं।
सूत्रों की माने तो सीबीआई ने बॉलीवुड सेलेब्रिटियों की डीलिंक से संबंधों को लेकर यूएई (दुबई) से जानकारी मांगी है। पत्र में चार बॉलीवुड सितारों का नाम सबसे उपर बताया जा रहा है जिसमें से एक नाम तो फिल्म अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना (अक्षय कुमार की पत्नी) का बताया जा रहा है। सीबीआई ने 1990 से दुबई के होटलों में रुकने वाले अभिनेता-अभिनेत्रियों की पूरी लिस्ट के साथ यहां पर किस-किस ने पा र्टी आयोजित की और किन-किन बड़ी हस्तियों ने ऐसी पार्टियों में शिरकत की उसका सारा ब्योरा मांगा है।
सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने दुबई में अंडरवर्ल्ड द्वारा आयोजित पार्टियों और उनके द्वारा बुलाई जाने वाली सेलेब्रिटियों और उनके साथ इनके संबंध की भी जानकारी मांगी है। दाऊद जैसे बड़े डॉन के करीबीयों की शादी या फिर किसी उत्सव में भारत से कौन-कौन जाता है, कहां रुकता, किससे मिलता सारा ब्योरा देने की अपील की है।
चार सितारों दो अभिनेत्रियां ऐसी हैं जिनका नाम हमेशा से ही डीकंपनी के साथ जोड़ा जाता रहा है। जिनमें से एक का गहरा संबंध दाऊद इब्राहिम के साथ तो दूसरी अभिनेत्री उसके भाई अनीस के साथ संबंध था, जिसने हाल ही में राजनीति में कदम रखे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस लिस्ट में राजेश खन्ना की बेटी और वर्तमान में अक्षय कुमार की पत्नी का भी नाम है।
सीबीआई ने चार के बारे में विशेष जानकारी मांगी है, इनमें से दो अभिनेत्रियों के अलावा फिल्म प्रोडच्यूसर और डायरेक्टर भी शामिल हैं। मुंबई पुलिस को इन पर उस समय शक हुआ था जब एक प्रोडच्यूसर ने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील से बातचीत करने की कोशिश की, पुलिस ने इनके फोन कॉल्स को स्कैनर पर लेकर जांच शुरु कर दी है।
Saturday, June 12, 2010
ज्वाइनऔर जब खुशी के छलक आए आंसू
देहरादून। अंतिम पग पार कर सेना का अंग बनने वाले कैडिटों के परिजनों के चेहरों पर बेटों के कंधें पर सितारे लगाने के दौश्रान खुशी के आंसू छलक उठे कई अभिभावक गरीब परिवार से होने के कारण अपने बेटों को आर्मी ऑपिफसर बनने के बाद बेहद खुश दिखे। वहीं सैन्य अकादमी का पूरा वातावरण देश भक्ति की ध्ुन के साथ भारत माता की रक्षा के लिए यादगार बन गया। कंधें पर सितारे लगने के बाद देश की रक्षा करने का संकल्प लेते हुए युवा सैन्य अपफसर जहां खुशी से झूम उठे वहीं उनके मन में देशभक्ति का जज्बा भी पूरी तरह बरकरार दिखा। खुशी का इजहार करते हुए युवा सैन्य अपफसरो ने अपनी-अपनी टोपियां हवा में उछाल कर सैन्य अपफसर बनने का इजहार किया।
देश रक्षा के लिए आर्मी को किया ज्वाइन
देहरादून, 12 जून। सैन्य अकादमी से पास होने वाले उत्तर प्रदेश के गौरव हृदय को सोर्ड ऑपफ ऑनर व गोल्ड मेडिल से नवाजे जाने के बाद उनके परिजन खासे उत्साहित हैं। गौरव हृदय बेहद मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते हैं और मेरठ उत्तरप्रदेश में पैदा हुए गौरव के पिता किसान है। ग्रामीण क्षेत्रा में रहने वाले गौरव ने नेशनल डिपफेंस एकेडमी खड़क वासला से आर्मी ज्वाइन करने के बाद भारतीय सैन्य अकादमी में कठिन परिश्रम किया। श्री गौरव कहते हैं कि शुरू सेे ही उन्हें आर्मी में जाने का शौंक था और आज उनका यह शौंक सैन्य अपफसर बनने के बाद पूरा हो गया है। अब वह देश की सीमा पर मुस्तैदी से डटकर देश की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें जीआर इंपफेंट्री में कमीशन मिला है। वहीं स्वर्ण पदक पाने वाले सुमित एस. लाहने का कहना है कि उन्होंने भी नेशनल डिपफेंस एकेडमी खड़क वासला से आर्मी में कदम रखा। परिवार में छोटे होने के नाते उन्होंने पफौज में जाने का पफैसला किया और शुरू से ही सुमित को भारतीय सेना से अपफसर बनने का जुनून सवार था और आज उनका यह जुनून पूरा हो गया है। श्री लाहने का कहना है कि अब वह देश की रक्षा के लिए सैन्य अपफसर बनने के बाद अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाएंगे। कांस्य पदक पाने वाले योगंेद्र कठैत को भी शुरू से ही सेना में जाने का जुनून था और आज सैन्य अपफसर बनने के बाद उनका सापफ कहना है कि जिस तरह देश के जवानों ने अपने प्राणों की परवाह किये बगैर देश की रक्षा की है वह भी उसी तरह देश की रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
पासिंग आउट परेड में 602 कैडिट बनें भारतीय सेना का अंग
पासिंग आउट परेड में 602 कैडिट बनें भारतीय सेना का अंग23 विदेशी कैडिट भी अपने-अपने देशों में संभालेंगे कमानअरूणाचल के राज्यपाल जेजे सिंह ने ली परेड की सलामीयूपी के गौरव हृदय को मिला सोर्ड ऑपफ ऑनर-नारायण परगांई-देहरादून,12 जून। भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में 648कैडिट अंतिम पग पार कर सेना का अंग बन गए। अंतिम पग पार करने वालों में 602 कैडिट भारतीय सेना को मिलेंगे जबकि 23 विदेशी कैडिट अपने-अपने देशों में सेना की कमान संभालेंगे। वहीं 23 कैडिट आसाम रायपफल्स में भागीदारी निभाएंगे। इन कैडिटों में 23 विभिन्न देशों के विदेशी कैडिट भी शामिल हैं। भारतीय सेना का अंग बनने वाले सबसे अध्कि कैडिट उत्तर प्रदेश से 132 और उत्तराखंड से 51 व हरियाणा से 56 हैं। वहीं 23 विदेशी कैडिटों में भूटान के 7, तजाकिस्तान 8, कजाकिस्तान 1, मालदीव 2, श्रीलंका 5 कैडिट शामिल हैं। पासिंग आउट परेड में अरूणाचल के राज्यपाल एवं पूर्व सेनाध्यक्ष जेजे. सिंह ने मेैकटिला कंपनी ;थिमैया बटालियनद्ध के अंडर कंपनी कमांडर गौरव हृदय को सोर्ड ऑपफ ऑनर व सिल्वर मेडिल प्रदान किया। इसके साथ ही अंडर ऑपिफसर सुमित एस लाहने को आईएमए गोल्ड मेडिल, कैडिट योगेंद्र कठैत को कांस्य पदक, ध्ीरेंद्र सिहं को चीपफ ऑपफ आर्मी स्टापफ मेडिल से सम्मानित किया गया। सॉर्ड आपफ पाने वाले गौरव जीआर इंपफेंट्री व स्वर्ण पदक पाने वाले सुमित 51 आर्म्ड रेजीमेंट में कमीशन लेंगे। प्रातः भारतीय सैन्य अकादमी में अरूणाचल के राज्यपाल व पूर्व सेनाध्यक्ष जेजे सिंह ने परेड का निरीक्षण करने के बाद सलामी ली। जहां बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि भारतीयसैन्य अकादमी का इतिहास रहा है कि उसने हमेशा देश को अनुभवी व ऊर्जावान सैन्य अध्किारी दिये हैं और आज इस अकादमी में परेड की सलामी लेने का जो गौरव मुझे प्राप्त हो रहा है वह निश्चित रूपसे गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भी इसी भारतीय सैन्य अकादमी से पासआउट होने के बाद सैन्य अपफसर के रूप में अंतिम पग पार कर सेना की कमाल संभाली थी और आज सैन्य अकादमी में कैडिटों को देखकर उन्हें अपने पुराने दिनों की याद ताजा हो गयी। श्री सिंह ने कहा कि हमेशा से ही सैन्य अकादमी सभी देशों के कैडिटों को प्रशिक्षित कर उन्हें एक समान ट्रेनिंग देती है और हर कैडिट को एक समान ट्रेनिंग देकर उसे मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी करने को तैयार किया जाता है। श्री सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से आज सेना का अपफसर बनने वाले अध्किारियों को खतरनाक व चुनौतिपूर्ण रास्तों से गुजरकर देश की सेवा करनी होगी और जिस तरह देश के वीर सैनिकों ने सीमाओं पर अपने प्राणों की रक्षा किये बगैर देश की रक्षा की है ठीक उसी तरह नये सैन्य अपफसर भी अपनी ड्यूटी को निभाएंगे। उन्होंने नये सैन्य अपफसरों के साथ-साथ उनके अभिभावकों व अकादमी के अन्य अध्किारियों को भी कैडिटों के पासआउट होने पर बधई भी दी।भारतीय सैन्य अकादमी के कमांडेट ले. जनरल राजेंद्र सिंह सुजलाना ने कहा कि हमेशा से ही भारतीय सैन्य अकादमी ने देश को मजबूत सैन्य अपफसर दिये हैं और अब तक हजारों सैन्य अपफसर आईएमए तैयार कर चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय सैन्य अकादमी में आनेवाले हर कैडिट को कड़ी मेहनत करने के बाद सैन्य प्रशीक्षण देकर देश की सीमा पर तैनात करने की मजबूत जिम्मेदारी दी जाती है और अब तक हजारो सैन्य अपफसर आईएमए तैयार कर चुका है। उन्होंने कहा कि देश पर मंडराते आंतकी हमले को देखते हुए इस बार कैडिटों को आतंकवाद से लड़ने की आध्ुनिक हथियारों के साथ स्पेशल ट्रेनिंग भी दी गई है। श्री सुजलाना ने कहा कि जिस तरह से कैडिटों ने आईएमए में बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी कार्यकुशलता का परिचय दिया है ठीक उसी तरह देश की सीमाओं पर भी सैन्य अपफसर मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी निभाएंगे। उन्होंने कहा कि इन्पफेंट्री कैडिटों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है क्योंकि भारतीय सेना का अपना अलग कलेवर है और पूर्व में जहां भारतीय सैन्य अकादमी में 1650 कैडिट हुआ करते थे वहीं अब इन कैडिटों की संख्या बढ़कर 2065 हो गई है। उन्होंने कहा अगले साल साइबर क्राइम को देखते हुए हर कैडिट को एक-एक कम्प्यूटर उपलब्ध् कराया जाएगा। जिससे कैडिट साइबर क्राइम को रोक पाने में और अध्कि निपुण हो सकें। उन्होंने कहा कि भारतीय सेैन्य अकादमी ने करीब 7 करोड़ का एक प्रोजेक्ट पिछले वर्ष 2009 में केंद्र को भेजा था जिसकी पफाइनल रिपोर्ट आज चुकी है और जल्द ही यह प्रोजेक्ट काम करना शुरू कर देगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय सैन्य अकादमी के पास कैडिटों को प्रशिक्षण कराने के लिए जमीन की आवश्यकता है और जितनी जमीन एनडीए के पास है उतनी ही जमीन भारतीय सैन्य अकादमी को दिये जाने की मांग प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्र को भी भेजी गई थी जिसकी रिपोर्ट आ चुकी है और अब जल्द ही निश्चित रूप से जमीन की उपलब्ध्ता हो जाने पर पफायरिंग रेंज, स्वीमिंग पूल व अन्य गतिविध्यिों को संचालित किया जाएगा। जिससे कैडिटों को और अध्कि प्रशिक्षण प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि पासिंग आउट परेड के दौरान स्थानीय जनता को रास्ता बंद हो जाने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और जल्द ही फ्रलाइ ओवर का निर्माण हो जाने से जनता के साथ-साथ आईएमए को भी राहत मिलेगी। परेड के बाद निजाम पवेलियन में नये सैन्य अपफसरों के कंधें पर उनके अभिभावकों ने स्टार लगाए और नये सैन्य अपफसरों को देश की सीमाओं पर मुस्तैदी से डटे रहने की सभी र्ध्मों के र्ध्मगुरूओं ने शपथ भी दिलायी। इसके साथ ही पीपिंग सेरेमनी के बाद कैडिटों ने हवा में टोपिया उछालकर सैन्य अपफसर बनने की खुशी का इजहार भी किया। इस दौरान कई अभिभावकों की आंखे बेटे के सैन्य अपफसर बनने पर खुशी से छलक भी आई। इस दौरान आईएमए के उपसमादेशक ललित कुमार रामपाल, समादेशक की र्ध्मपत्नी श्रीमती रश्मि सुजलाना, आईएमए पीआरओ अमित डागर सहित कैडिटों के अभिभावक व अन्य सैन्य अध्किारी भी मौजूद थे। पास आउट होने वाले कैडिटों में पंजाब के 28, राजस्थान के 47, महाराष्ट्र के 36, हिमाचल के 30, दिल्ली के 21, बिहार के 47, अरूणाचल प्रदेश के 10, झारखंड के 8, कर्नाटक के 17, केरल के 23, मेघालय, मिजोरम व नागालैंड के एक-एक कैडिट शामिल हैं।
Friday, June 11, 2010
प्रदेश में माओवाद व आतंकवाद के संकेेत?
देहरादून,11 जून। राज्य में माओवाद की सुगबुगाहट के साथ आतंकवाद के संकेत भी मिले हैं। जो देव भूमि के लिए बेहद संवेदनशील साबित हो सकते हैं। यह बातें नव निर्वाचित राज्यसभा सदस्य तरूण विजय ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्राकार वार्ता के दौरान कही। श्री विजय ने कहा कि प्रदेश सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास किया जाना चाहिए। जिससे पर्वतीय क्षेत्रों के पलायन को रोका जा सके और चीन की घुसपैठ पर देश के प्रधनमंत्राी इसे जनता के बीच सार्वजनिक करें। देवभूमि को जहां उन्होंने वीरों की भूमि बताते हुए केंद्र द्वारा राज्य की उपेक्षा किये जाने को बेहद खतरनाक साबित होने की बात कही है वहीं उत्तराखंड में माओवाद व आतंकवाद के संकेत मिलने की बात कहे जाने के बाद इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि देवभूमि उत्तराखंड आतंकवाद के निशाने पर है। कुछ समय पूर्व चीन की सीमा से उत्तराखंड में घुसपैठ की बातें जिस तरह उजागर हुई थी उसे लेकर उत्तराखंड इतनी अध्कि सुरक्षा राज्य की लगती हुई सीमाओं पर नहीं कर पाया है जिससे राज्य को खतरे की संभावना बनी हुई है। वहीं लगातार माओवाद व आतंकवाद के संकेत जिस तरह से केंद्र सरकार द्वारा कहे जाने की बात राज्यसभा सदस्य तरूण विजय ने कह डाली है उसे लेकर राज्य के परिवेश के अनुसार यह बेहद खतरनाक माना जा रहा है। केंद्र द्वारा उत्तराखंड की उपेक्षा किये जाने के मुद्दे पर भी तरूण विजय ने इसके खतरनाक परिणाम सामने आने की बातें खुले मन से कहकर जहां केंद्र को राज्य की उपेक्षा न किये जाने की बात कही है वहीं चीन व अंदरूनी आतंकवाद होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया है। तरूण विजय की इन बातों के बाद प्रदेश का इंटेलीजेंस विभाग व खुपिफया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। और माना जा रहा है कि केद्र के पफरमान जारी किये जाने के बाद भी प्रदेश में भयंकर स्थिति पैदा हो सकती है हालांकि इस बारे में जब प्रदेश के डीजीपी सुभाष जोशी से बात की गई तो उन्होंने केद्र सरकार द्वारा इस तरह के किसी भी प्रकार के संकेत मिलने की बात से सापफ इंकार किया है। कुल मिलाकर प्रदेश में माओवाद व आतंकवाद के संकेत मिलने की बात से प्रदेश में नई सुगबुगाहट शुरू हो गई है। जबकि कंेद्र नेपाल व चीन से लगी सीमाओं पर कड़े सुरक्षा प्रबंध् किये जाने की बात प्रदेश को कह चुका है। कुल मिलाकर माओवाद व आतंकवाद के विषय को लेकर पहली बार भाजपा के नेता तरूण विजय द्वारा यह बातें उजागर की गई हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस महकमा राज्य की सीमावर्ती इलाकों में पैनी नजर गड़ाए हुए है। इसके साथ ही प्रदेश के कुछ संवेदनशील स्थानों पर खुपिफया विभाग के साथ-साथ इंटेलीजेंस के दायरे को बढ़ाया जा चुका है। कुमांउ के साथ-साथ गढ़वाल के पर्वतीय इलाकों में भी ऐसे संकेत मिले हैं कि यहां माओवाद व आतंकवाद बड़ी तेजी से अपना नेटवर्क तैयार कर रहा है। जिसे लेकर केंद्रीय खुपिफया एजेंसियां भी बेहद सर्तक हो गई हैं। वहीं गोपनीय रूप से प्रदेश के कई ऐसे स्थानों पर पैनी नजर रखी जा रही है जहां माओवाद व आतंकवादी गतिविध्यिों का केंद्र बिंदु बनाया जा सकता है। कुल मिलाकर देवभूमि उत्तराखंड में माओवादी गतिविध्यिों के प्रकाश में आने के बाद पुलिस कई माओवादियों को गिरफ्रतार भी कर चुकी है। जबकि कई अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर बताए जा रहे हैं। वहीं खुपिफया एजेंसियों की चिंता इसलिए और अध्कि बढ़ गयी है कि कुछ संवेदनशील स्थानों पर नेटवर्क तैयार किये जाने की जानकारी भी मिलती देखी जा रही है।
Thursday, June 10, 2010
तरुण विजय ने राज्यसभा की सीट उनसे पहले लपक ली।
संघ के पूर्व संपादकों में सांसदी को लेकर महाभारत : आर्गनाइजर और पांचजन्य के पूर्व संपादकों का इस तरह चर्चा में आना संघ के खांटी स्वयंसेवकों को शायद भा नहीं रहा होगा। लेकिन सच तो सच है। संघ की कथित ईमानदार, उज्जवल छवि को दागदार बनाते हुए दो शीर्ष पत्रकार इस तरह से भिड़ेंगे, संघ के नेताओं ने सोचा भी न होगा। पांचजन्य के पूर्व संपादक और भाजपा प्रवक्ता तरुण विजय की राज्यसभा उम्मीदवारी पर आर्गनाइजर के पूर्व संपादक शेषाद्रिचारी का भड़क उठना लाजिमी था। वो तरुण विजय के भाजपा प्रवेश के काफी अरसा पूर्व से भाजपा की सेवा कर रहे थे। उन्हें संघ ने सन् 2002 में ही भाजपा में राष्ट्रीय मंत्री के तौर पर स्थापित कर दिया था। वह उत्तराखण्ड भाजपा के प्रभारी भी रहे। जाहिर है, राज्यसभा में जाने का उनका हक तरुण विजय से पहले बनता था, लेकिन उनकी आस धरी की धरी रह गई। तरुण विजय ने राज्यसभा की सीट उनसे पहले लपक ली।
चारी का गुस्सा सातवें आसमां पर पहुंच गया। तैश में उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतिन गडकरी को जो पत्र लिख मारा, उससे बहुत कुछ साफ हो जाता है। इसमें उन्होंने तरुण विजय को एक प्रकार से भ्रष्ट सिद्ध करने की कोशिश की है। उन्होंने लिखा है कि 'उस व्यक्ति को उत्तराखण्ड से प्रत्याशी बनाया गया है जिसकी प्रामाणिकता, ईमानदारी संदिग्ध है, जिसका दामन पांच्चजन्य का संपादक रहते हुए आर्थिक भ्रष्टाचार के छींटों से दागदार है।' दूसरी ओर तरुण विजय के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि तरुण विजय ने भी पलटवार की पूरी तैयारी कर ली है।
सूत्रों के मुताबिक, आर्गनाइजर का संपादक रहते हुए शेषाद्रि चारी की कारस्तानी के सबूत जुटा लिए गए हैं। तरुण विजय राज्यसभा की सदस्यता की शपथ लेने के बाद आस्तीन में छुपे सांपों से बदला लेने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। गौर तलब है कि दो साल पहले, सन् 2008 के फरवरी महीने में तरुण विजय को पांचजन्य के संपादक पद से बहुत ही गमगीन माहौल में हटना पड़ा था। वह पद छोड़ने को तैयार नहीं थे, लेकिन उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप दर आरोप हवा में उछाले गए, देश के तमाम दैनिक पत्रों, साप्ताहिक पत्रों में उनके खिलाफ आरोपों का सप्रमाण प्रकाशन हुआ। तरुण विजय ने खण्डन की तमाम कोशिशें कीं लेकिन संघ नेतृत्व ने उन्हें विदा करने का मन बना लिया।
संघ से नजदीकी से जुड़े रहे कुछ खास लोगों का मानना है कि ये तो महाभारत की शुरुआत भर है। पांचजन्य और आर्गनाइजर अखबार के आंतरिक विवादों की गूंज अब भाजपा में नये गुल खिलाने जा रही है। सूत्रों के अनुसार, शेषाद्रिचारी और तरुण विजय के बीच जंग की शुरुआत केंद्र में एनडीए सरकार बनते ही हो गयी थी। दोनों के बीच मीडिया में संघ का चेहरा बनने को लेकर जो होड़ मची, उसका नतीजा यह निकला कि संघ ने राम माधव को आगे लाकर प्रवक्ता पद का सृजन कर दिया और दोनों अखबारों को अपना मुखपत्र कहना बंद कर दिया। दोनों के मध्य बीचबचाव और मध्यस्थता की कोशिशें भी संघ ने की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस बीच शेषाद्रिचारी ने पांचजन्य में तरुणविजय द्वारा सताए गए लोगों को संरक्षण देकर आग में घी डालने का काम किया। आगबबूला तरुण विजय ने तब शेषाद्रिचारी को आर्गनाइजर के संपादक पद से हटवाने में एड़ी चोटी एक कर दी और अपने दोस्त बाला शंकर को संपादक बनवाकर दम लिया।
चोट से घायल शेषाद्रिचारी भी मौके की ताक में लगे रहे। और जब पांचजन्य में तरुण विजय के बुरे दिन शुरु हुए तो देश के तमाम राष्ट्रीय अंग्रेजी पत्रों में खबरें प्लांट करवाकर इसका बदला लिया गया। पांचजन्य के वर्तमान संपादक बलदेव शर्मा भी तरुण विजय के सताए लोगों में रह चुके हैं। सन् 1998 में उन्होंने भारी मन से पांचजन्य के एसोसिएट एडिटर पद से यह कहते हुए त्यागपत्र दे दिया था कि तरुण विजय के रहते पांचजन्य में काम करना संभव ही नहीं है। तरुण विजय के हटते ही बलदेव शर्मा फिर सक्रिय हुए और संपादक पद पर कब्जाकर उन्होंने भी तरुण विजय के खिलाफ अपनी पुरानी खुन्नस का बदला पूरा कर लिया।
लेकिन, भाजपा में आते ही तरुण विजय ने जिस तरह से राज्य सभा की सीट पर हाथ साफ किया, उससे बड़े-बड़े दिग्गज हैरत में हैं। दबी जुबां तरुण विजय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को सभी गिना रहे हैं, लेकिन कोई बोलने को तैयार नहीं था। शेषाद्रिचारी ने आगे आकर मोर्चा खोल दिया है। देखना दिलचस्प होगा कि दो दिग्गज भूतपूर्व संपादकों की यह लड़ाई किस करवट बैठती है। तरुण विजय तो फिलहाल निर्विरोध राज्यसभा पहुंच चुके हैं।चारी ने जरुर मुंह खोलकर संकट मोल ले लिया है। माना जा रहा है कि उन्हें बीजेपी संसदीय दल के निर्णय पर उंगली उठाने के आरोप में पार्टी से मुअत्तल किया जा सकता है। तरुण विजय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सन् 2008 में अंग्रेजी दैनिक द स्टेट्समैंन में छपी एक रिपोर्ट...
Fund fraud hits RSS publication "Panchajanya"
Dipankar Chakraborty, The Statesman, NEW DELHI, March 10. : Panchajanya, a Sangh Parivar publication, once edited by Mr Atal Bihari Vajpayee, appears to have come under a cloud after alleged financial irregularities involving the magazine surfaced recently.
Sources told The Statesman that the RSS top brass is seized of the matter and is contemplating action against those believed to be responsible for tarnishing the image of the publication. Charges range from “misusing” the name of the magazine to collect advertisements and financial assistance to floating parallel publications and souvenirs besides diversion of money to bank accounts other than that of Bharat Prakashan, the publisher of Panchajanya.
When the Statesman on the basis of certain documents in its possession talked to RSS leader and director of Panchajanya, Mr Ram Madhav, he termed the allegations levelled against the editor of the magazine, Mr Tarun Vijay, “baseless”. He denied that the RSS had anything to do with the publication of the magazine and said he had no information about alleged financial irregularities. He also denied that the RSS was contemplating removal of the editor. Being editor of Panchajanya did not mean that you could not work elsewhere, he added.
Copies of some of the documents and bank statements with The Statesman show that money collected through publications and souvenirs was diverted to different bank accounts. Not a single paise went to the Panchajanya’s bank account although the money was collected in the name of Panchajanya, sources alleged. A separate bank account in the name of M/S Samarsatta Granth Samiti was opened in the Rani Jhansi Road branch of Syndicate Bank in New Delhi. Financial assistance was sought, through bank draft only, in the name of Macchan (a Noida-based publication) for publishing Samrasta Ke Sutra, a commemorative publication to mark the birth centenary of RSS ideologue Guru Golwalkar.
At an internal meeting of board of directors of Panchajanya in December 2000 a section of board members had objected to the use of the Panchajanya logo and address (Sanskriti Bhawan, Deshbandhu Gupta Marg New Delhi-110055) for “Panchajanya Nachiteka Prathisthan”, set up on 24 December 1999 with its bank account at Jhandewalan Extension branch of Punjab National Bank. “Panchajanya Nachiketa Prathisthan” had Mr Vajpayee, Mr K Sudershan, Mr S Gurumurthy, Mr Balbir Punj and Mr Tarun Vijay as prominent members. The board members also took exception to collection of funds in the name of “Bharat Gaurav Smarika” using Panchajanya’s name.
On 30 May 2002 as petroleum minister in the NDA government, Mr Ram Naik responding to a request released Rs 85,000 as advertisement to “Panchajanya Nachiketa Prathisthan” for its Daridra Narayan souvenir. A separate bank account was also allegedly opened for the “Kirtikalash-Bharat Gaurav Smarika” under the aegis of Panchajanya Nachiketa Pratisthan. Cheques and drafts were solicited in the name of Bharat Gaurav Smarika, not Bharat Prakashan, publishers of Panchajanya.
In a letter dated 7 December 2006, issued by Madhya Pradesh government’s public relations secretariat to “Hrittik Prakashan” bearing the post box number (5803) of Panchajanya’s Jhandewalan office, an order for 200 copies of a book on Kailash Mansarovar published by Hrittik Prakashan, a publishing house owned by the wife of Mr Tarun Vijay, was placed. It is alleged that large amounts of money collected in the name of the magazine were siphoned off. It is also being alleged that the editor of Panchajanya runs the Indian Institute of Information Technology, based at Jhajhar in Dehra Dun and collected large amounts during the NDA rule at the Centre.
Rubbishing all charges against him, Mr Tarun Vijay said he could account for all the money collected through any of the organisations and publications. He denied charges of financial irregularities in the Indian Institute of Information Technology of which he is also one of the board members. He said the institute was supporting 150 tribals from North-eastern states and vested interests were spreading all kinds of false information against him.
“I don’t run the Indian Institute of Information Technology, Dehradun, alone. It also has Mr Ashok Jhunjhunwallah of wireless loop-technology fame as one of the board members. The institute is supporting 150 tribal students from North-eastern states. If there were any financial irregularities in its running then chief minister Mr ND Tiwari would not have sanctioned a grant to us. Being in Panchajanya does not mean you cannot work for weaker sections of society,” Mr Vijay asserted. “There is not a single case of financial irregularities against me. To what extent do you expect me to go to prove my innocence against these baseless allegations?” he asked.
Mr Tarun Vijay admitted that his wife owned Hritik Prakashan and it had come out with “a widely acclaimed book” on Kailash Mansarovar. “The book was sold through the then RSS chief Rajju Bhaiya and Sudershan ji’s consent. Both the RSS leaders recommended that the book should be widely read,” he said.
The Panchajanya Nachiketa Sansthan (PNS) instituted the Nachiketa Award for best journalist with the consent of the RSS leaders who were signatories to it, he added. About alleged irregularities in funds management, Mr Vijay said the auditors to Panchajanya maintained the account of PNS. “There is no room for any wrong doing. It (PNS) was formed to celebrate the golden jubilee of Panchajanya under the aegis of RSS. Daridra Narayan was a souvenir. Not a single paise was collected without the prior approval of PNS ‘nayasi’ (board members). Every single paise is accounted for,” he said.
On the allegations about Macchan publishing House, which had come out with Samrastra Ke Sutra, the Panchajanya editor said it was approved by RSS chief Mr Sudershan and the book was distributed at RSS branches across the country.
चारी का गुस्सा सातवें आसमां पर पहुंच गया। तैश में उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतिन गडकरी को जो पत्र लिख मारा, उससे बहुत कुछ साफ हो जाता है। इसमें उन्होंने तरुण विजय को एक प्रकार से भ्रष्ट सिद्ध करने की कोशिश की है। उन्होंने लिखा है कि 'उस व्यक्ति को उत्तराखण्ड से प्रत्याशी बनाया गया है जिसकी प्रामाणिकता, ईमानदारी संदिग्ध है, जिसका दामन पांच्चजन्य का संपादक रहते हुए आर्थिक भ्रष्टाचार के छींटों से दागदार है।' दूसरी ओर तरुण विजय के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि तरुण विजय ने भी पलटवार की पूरी तैयारी कर ली है।
सूत्रों के मुताबिक, आर्गनाइजर का संपादक रहते हुए शेषाद्रि चारी की कारस्तानी के सबूत जुटा लिए गए हैं। तरुण विजय राज्यसभा की सदस्यता की शपथ लेने के बाद आस्तीन में छुपे सांपों से बदला लेने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। गौर तलब है कि दो साल पहले, सन् 2008 के फरवरी महीने में तरुण विजय को पांचजन्य के संपादक पद से बहुत ही गमगीन माहौल में हटना पड़ा था। वह पद छोड़ने को तैयार नहीं थे, लेकिन उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप दर आरोप हवा में उछाले गए, देश के तमाम दैनिक पत्रों, साप्ताहिक पत्रों में उनके खिलाफ आरोपों का सप्रमाण प्रकाशन हुआ। तरुण विजय ने खण्डन की तमाम कोशिशें कीं लेकिन संघ नेतृत्व ने उन्हें विदा करने का मन बना लिया।
संघ से नजदीकी से जुड़े रहे कुछ खास लोगों का मानना है कि ये तो महाभारत की शुरुआत भर है। पांचजन्य और आर्गनाइजर अखबार के आंतरिक विवादों की गूंज अब भाजपा में नये गुल खिलाने जा रही है। सूत्रों के अनुसार, शेषाद्रिचारी और तरुण विजय के बीच जंग की शुरुआत केंद्र में एनडीए सरकार बनते ही हो गयी थी। दोनों के बीच मीडिया में संघ का चेहरा बनने को लेकर जो होड़ मची, उसका नतीजा यह निकला कि संघ ने राम माधव को आगे लाकर प्रवक्ता पद का सृजन कर दिया और दोनों अखबारों को अपना मुखपत्र कहना बंद कर दिया। दोनों के मध्य बीचबचाव और मध्यस्थता की कोशिशें भी संघ ने की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस बीच शेषाद्रिचारी ने पांचजन्य में तरुणविजय द्वारा सताए गए लोगों को संरक्षण देकर आग में घी डालने का काम किया। आगबबूला तरुण विजय ने तब शेषाद्रिचारी को आर्गनाइजर के संपादक पद से हटवाने में एड़ी चोटी एक कर दी और अपने दोस्त बाला शंकर को संपादक बनवाकर दम लिया।
चोट से घायल शेषाद्रिचारी भी मौके की ताक में लगे रहे। और जब पांचजन्य में तरुण विजय के बुरे दिन शुरु हुए तो देश के तमाम राष्ट्रीय अंग्रेजी पत्रों में खबरें प्लांट करवाकर इसका बदला लिया गया। पांचजन्य के वर्तमान संपादक बलदेव शर्मा भी तरुण विजय के सताए लोगों में रह चुके हैं। सन् 1998 में उन्होंने भारी मन से पांचजन्य के एसोसिएट एडिटर पद से यह कहते हुए त्यागपत्र दे दिया था कि तरुण विजय के रहते पांचजन्य में काम करना संभव ही नहीं है। तरुण विजय के हटते ही बलदेव शर्मा फिर सक्रिय हुए और संपादक पद पर कब्जाकर उन्होंने भी तरुण विजय के खिलाफ अपनी पुरानी खुन्नस का बदला पूरा कर लिया।
लेकिन, भाजपा में आते ही तरुण विजय ने जिस तरह से राज्य सभा की सीट पर हाथ साफ किया, उससे बड़े-बड़े दिग्गज हैरत में हैं। दबी जुबां तरुण विजय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को सभी गिना रहे हैं, लेकिन कोई बोलने को तैयार नहीं था। शेषाद्रिचारी ने आगे आकर मोर्चा खोल दिया है। देखना दिलचस्प होगा कि दो दिग्गज भूतपूर्व संपादकों की यह लड़ाई किस करवट बैठती है। तरुण विजय तो फिलहाल निर्विरोध राज्यसभा पहुंच चुके हैं।चारी ने जरुर मुंह खोलकर संकट मोल ले लिया है। माना जा रहा है कि उन्हें बीजेपी संसदीय दल के निर्णय पर उंगली उठाने के आरोप में पार्टी से मुअत्तल किया जा सकता है। तरुण विजय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सन् 2008 में अंग्रेजी दैनिक द स्टेट्समैंन में छपी एक रिपोर्ट...
Fund fraud hits RSS publication "Panchajanya"
Dipankar Chakraborty, The Statesman, NEW DELHI, March 10. : Panchajanya, a Sangh Parivar publication, once edited by Mr Atal Bihari Vajpayee, appears to have come under a cloud after alleged financial irregularities involving the magazine surfaced recently.
Sources told The Statesman that the RSS top brass is seized of the matter and is contemplating action against those believed to be responsible for tarnishing the image of the publication. Charges range from “misusing” the name of the magazine to collect advertisements and financial assistance to floating parallel publications and souvenirs besides diversion of money to bank accounts other than that of Bharat Prakashan, the publisher of Panchajanya.
When the Statesman on the basis of certain documents in its possession talked to RSS leader and director of Panchajanya, Mr Ram Madhav, he termed the allegations levelled against the editor of the magazine, Mr Tarun Vijay, “baseless”. He denied that the RSS had anything to do with the publication of the magazine and said he had no information about alleged financial irregularities. He also denied that the RSS was contemplating removal of the editor. Being editor of Panchajanya did not mean that you could not work elsewhere, he added.
Copies of some of the documents and bank statements with The Statesman show that money collected through publications and souvenirs was diverted to different bank accounts. Not a single paise went to the Panchajanya’s bank account although the money was collected in the name of Panchajanya, sources alleged. A separate bank account in the name of M/S Samarsatta Granth Samiti was opened in the Rani Jhansi Road branch of Syndicate Bank in New Delhi. Financial assistance was sought, through bank draft only, in the name of Macchan (a Noida-based publication) for publishing Samrasta Ke Sutra, a commemorative publication to mark the birth centenary of RSS ideologue Guru Golwalkar.
At an internal meeting of board of directors of Panchajanya in December 2000 a section of board members had objected to the use of the Panchajanya logo and address (Sanskriti Bhawan, Deshbandhu Gupta Marg New Delhi-110055) for “Panchajanya Nachiteka Prathisthan”, set up on 24 December 1999 with its bank account at Jhandewalan Extension branch of Punjab National Bank. “Panchajanya Nachiketa Prathisthan” had Mr Vajpayee, Mr K Sudershan, Mr S Gurumurthy, Mr Balbir Punj and Mr Tarun Vijay as prominent members. The board members also took exception to collection of funds in the name of “Bharat Gaurav Smarika” using Panchajanya’s name.
On 30 May 2002 as petroleum minister in the NDA government, Mr Ram Naik responding to a request released Rs 85,000 as advertisement to “Panchajanya Nachiketa Prathisthan” for its Daridra Narayan souvenir. A separate bank account was also allegedly opened for the “Kirtikalash-Bharat Gaurav Smarika” under the aegis of Panchajanya Nachiketa Pratisthan. Cheques and drafts were solicited in the name of Bharat Gaurav Smarika, not Bharat Prakashan, publishers of Panchajanya.
In a letter dated 7 December 2006, issued by Madhya Pradesh government’s public relations secretariat to “Hrittik Prakashan” bearing the post box number (5803) of Panchajanya’s Jhandewalan office, an order for 200 copies of a book on Kailash Mansarovar published by Hrittik Prakashan, a publishing house owned by the wife of Mr Tarun Vijay, was placed. It is alleged that large amounts of money collected in the name of the magazine were siphoned off. It is also being alleged that the editor of Panchajanya runs the Indian Institute of Information Technology, based at Jhajhar in Dehra Dun and collected large amounts during the NDA rule at the Centre.
Rubbishing all charges against him, Mr Tarun Vijay said he could account for all the money collected through any of the organisations and publications. He denied charges of financial irregularities in the Indian Institute of Information Technology of which he is also one of the board members. He said the institute was supporting 150 tribals from North-eastern states and vested interests were spreading all kinds of false information against him.
“I don’t run the Indian Institute of Information Technology, Dehradun, alone. It also has Mr Ashok Jhunjhunwallah of wireless loop-technology fame as one of the board members. The institute is supporting 150 tribal students from North-eastern states. If there were any financial irregularities in its running then chief minister Mr ND Tiwari would not have sanctioned a grant to us. Being in Panchajanya does not mean you cannot work for weaker sections of society,” Mr Vijay asserted. “There is not a single case of financial irregularities against me. To what extent do you expect me to go to prove my innocence against these baseless allegations?” he asked.
Mr Tarun Vijay admitted that his wife owned Hritik Prakashan and it had come out with “a widely acclaimed book” on Kailash Mansarovar. “The book was sold through the then RSS chief Rajju Bhaiya and Sudershan ji’s consent. Both the RSS leaders recommended that the book should be widely read,” he said.
The Panchajanya Nachiketa Sansthan (PNS) instituted the Nachiketa Award for best journalist with the consent of the RSS leaders who were signatories to it, he added. About alleged irregularities in funds management, Mr Vijay said the auditors to Panchajanya maintained the account of PNS. “There is no room for any wrong doing. It (PNS) was formed to celebrate the golden jubilee of Panchajanya under the aegis of RSS. Daridra Narayan was a souvenir. Not a single paise was collected without the prior approval of PNS ‘nayasi’ (board members). Every single paise is accounted for,” he said.
On the allegations about Macchan publishing House, which had come out with Samrastra Ke Sutra, the Panchajanya editor said it was approved by RSS chief Mr Sudershan and the book was distributed at RSS branches across the country.
सीएम ने घनसाली तहसील में मारा छापा
देहरादून, 10 जून। प्रदेश के मुख्यमंत्राी ने आज घनसाली तहसील में छापा मारकर लापरवाह अध्किारियों के खिलापफ कार्यवाही करने के निर्देश प्रमुख सचिव को देने के साथ-साथ घनसाली के तहसीलदार वीरपाल सिंह रावत व अध्शिस अभियंता शंकर राय को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही सीएम ने बिजली विभाग के एसडीओ गुरूवर सिंह को हटाने के निर्देश भी दिये हैं। पौड़ी व श्रीनगर के दौरे को लेकर आज प्रातः 11 बजे के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्राी डा. रमेश पोखरियाल निशंक का हेलीकाप्टर देहरादून से पौड़ी के लिये रवाना हुआ कि तभी प्रदेश के मुख्यमंत्राी हेलीकाप्टर की लेंडिंग घनसाली हेलीपैड पर करा दी। सीएम के घनयाली हैलीपैड पहुंचने की सूचना जिला प्रशासन को कापफी देर बाद मिली और प्रदेश के मुख्यमंत्राी ने भाजपा कार्यकर्ता की गाड़ी में बैठकर ही तहसील परिसर में अचानक छापा मारा। सीएम के छापा मारे जाने की खबर प्रदेश के खाद्यमंत्राी दिवाकर भट्ट तक को नहीं लग सकी। सीएम दिवाकर भट्ट को हेलीपैड पर छोड़ने के बाद एक कार्यकर्ता की गाड़ी में बैठकर अचानक तहसील परिसर पहुंचे थे जहां उन्होंने छापेमारी की कार्यवाही करते हुए मौके पर मौजूद अध्किारियों पर भी कापफी नाराजगी व्यक्त की। सीएम की सूचना जैसे ही जिला प्रशासन को मिली तो वहां मौजूद अध्किारियों में हडकंप मच गया। जिसके बाद प्रदेश के मुख्यमत्रंाी ने घनसाली स्थित तहसील में छापा मारकर पीडब्लूडी व बिजली विभाग के कार्यालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्राी को कई अध्किारी मौके से नदारद मिले। जिस पर उपस्थिति पंजिका में कई अध्किारी ऐसे भी थे जो बिना सूचना के अपने कार्यालय से अनुपस्थित थे। करीब आध्े घंटे तक घनसाली में रूकने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्राी पौड़ी के लिए रवाना हुए। इससे पूर्व भी प्रदेश के मुख्यमंत्राी सचिवालय में छापेमारी की कार्यवाही के बाद अध्किारियों को समय पर काम पूरा किये जाने के साथ-साथ कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दे चुके हैं। और अब तक सीएम की छापेमारी के दौरान कई अध्किारियों को निलंबित किया जा चुका है। लेकिन इसके बाद भी अध्किारी अपने कार्यालयों से बगैर बताए अनुपस्थित चल रहे हैं। जिसका असर ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले विकास पर भी पड़ता हुआ देखा जा रहा है। यहां तक कि कई जनपदों से अध्किारियों के सरकारी कार्यालयों से नदारद रहने की कई शिकायतें भी सीएम दरबार में दस्तक दे चुकी हैं। और माना जा रहा है कि आज की गई छापेमारी की कार्यवाही भी इसी आधर पर अंजाम दी गई है। सीएम के छापे से जहां जिला प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है, वहीं अध्किारियों में भी सीएम के छापों से खौपफ पैदा हो गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्राी के साथ खाद्यमंत्राी दिवाकर भट्ट भी मौजूद थे। जबकि घनसाली में कई भाजपा नेताओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्राी का स्वागत भी किया।
तो क्या खुफिया विभाग ने जारी किया था एनओसी?
देहरादून, 10 जून। प्रदेश के हाईजोन माने जाने वाले स्थानों की सुरक्षाा व्यवस्था इतनी ढीली है कि कोई भी आसानी से वहां पहुंचकर किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकता है। सुरक्षा के नाम पर बरती जा रही लापरवाही किसी बडी वारदात के घटित होने की ओर सापफ इशारा कर रही है। इसका जीता जागता उदाहरण कल रात उस वक्त सामने आया जब भारतीय सैन्य अकादमी के पास कैरी गांव से एक संदिग्ध् विदेशी नागरिक को बिना पासपोर्ट वीजा के गिरफ्रतार किया गया। जनवरी माह से भारतीय सैन्य अकादमी के प्रेमनगर क्षेत्रा में नंदा की चौकी निवासी माध्ुरी क्षेत्राी से शादी करने के बाद रह रहा था। लेकिन खुपिफया विभाग उसे पांच माह से अध्कि समय होने के बाद भी गिरफ्रतार नहीं कर सका। जिसे लेकर विभाग की लापरवाही भी खुलकर उजागर हो गई है। जबकि हमेशा से ही भारतीय सैन्य अकादमी आतंकवादियों के निशाने पर रहती है ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि सत्यापन के नाम पर जिस तरह से लापरवाही बरती जा रही है उससे किसी बड़े खतरे की आशंका को टाला नहीं जा सकता। जबकि इससे पूर्व भी प्रेमनगर क्षेत्रा से कई संदिग्ध् लोगों को गिरफ्रतार किया जा चुका है और पासिंग आउट परेड से ठीक पहले सत्यापन अभियान चलाकर पुलिस बाद में हाथ पर हाथ रख बैठ जाती है और साल में दो बार होने वाली पासिंग आउट परेड के दौरान ही पुलिस का सत्यापन अभियान जोर पकड़ता है। अब तक पुलिस इस क्षेत्रा में रहने वाले कितने लोगों का सत्यापन कर पायी है इसका आंकड़ा भी खुपिफया विभाग के पास मौजूद नहीं। एक तरपफ जहां पुलिस राजधनी की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद किये जाने के दावे कर रही है वहीं दूसरी तरपफ शहर में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। यहां तक कि अति संवेदनशील माने जाने वाले रक्षा संस्थानों के साथ-साथ आईएसबीटी, रेलवे स्टेशन की सुरक्षा पूरी तरह भगवान भरोसे नजर आ रही है। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्राी डा. निशंक के आवास पर भी लगातार आंदोलनकारी प्रदर्शन करते हुए देखे जा रहे हैं जबकि खुपिफया विभाग उन्हें रोक पाने में भी पूरी तरह नाकामयाब साबित हो रहा है। अब जनपद के पुलिस कप्तान ने मुख्यमंत्राी आवास की तरपफ किसी भी प्रकार के आंदोलन पर पूरी तरह रोक लगा दी है।यह पफैसला बीते दिवस मुख्यमंत्राी आवास पर पहंुचे आंदोलन कारियों के पहुंचने के बाद मुख्यमंत्राी के कड़े तेवर होने के चलते लिया गया है। कुल मिलाकर शहर की कानून व्यवस्था को लेकर खुपिफया विभाग पूरी तरह सोया हुआ है और विभाग में काम करने वाले कई कर्मचारी गांध्ी पार्क के पास एकत्रा हुए भी देखे जा सकते हैं। और घटनाओं की जानकारी अपने स्तर से लेने के बजाय मीडिया कर्मियों से घटनाओं की जानकारी लेने में भी मशगूल रहते हैं। इस बारे में जब जिम्मेदार पुलिस अध्किारियों से संपर्क करना चाहा तो किसी ने भी पफोन उठाने तक की जहमत नहीं उठाई। जबकि जनपद के एक पुलिस अध्किारी के अनुसार हजारों लोगों के सत्यापन पुलिस कर चुकी है। कुल मिलाकर पुलिस के सत्यापन अभियान की कलई आईएमए के पास पकड़े गए संदिग्ध् युवक ने खोलकर रख दी है। वहीं इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पुलिस का सुरक्षा व्यवस्था में छेद ही छेद हैं।
Tuesday, June 8, 2010
पत्रकारिता के नाम पर दलाली का मोटा खेल
देहरादून, 8 जून।अब तक सिपर्फ देह व्यापार का ध्ंध करने वाले दलालों की कहानी ही सुनी गयी होेगी लेकिन राजधनी दून में पत्राकारिता के नाम पर दलाली का खेल भी रोजाना खेला जा रहा है। अपने को खबरिया चैनल का पत्राकार बताने वाले कई लोग रोजाना लोगों से मोटी रकम ऐंठकर लाखों के वारे-न्यारे कर चुके हैं। इतना ही नहीं खबरों को मैनेज कराने के नाम पर भी लाखों का मोटा खेल पिछले कापफी समय से बेखौपफ होकर खेला जा रहा है। पुलिस के एक बड़े अध्किारी ने इस बात की पुष्टि नाम न छपने की शर्त पर करते हुए खुलासा किया कि कुछ खबरिया चैनल के पत्राकार मामलों को रपफादपफा कराने की एवज में कई लोगों को लाखों रूपये का चूना खबर न छपने के नाम पर लगा चुके हैं। इतना ही नहीं खबर को उनके पक्ष में छापने की एवज में भी कई लोगों से मोटा खेल खेला जा चुका है। ताजा मामला उस समय सामने देखने को आया जब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के पूर्व रजिस्ट्रार मृत्युंजय मिश्रा को एक महिला के साथ पुलिस ने रंगरलियां मनाते हुए गिरफ्रतार किया गया। लेकिन बाद में गिरफ्रतारी के एक दिन बाद ही मृत्युंजय मिश्रा की र्ध्मपत्नी ने उसी महिला के साथ एक स्थान पर पत्राकार वार्ता आयोजित कर अपने पति पर लगे आरोपों को सिरे से खरिज कर दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस रात मृत्युंजय मिश्रा को पुलिस ने पकड़ा था तभी दस लाख की मोटी डील कर ली गई थी और खबर न छपने के साथ-साथ पूरी खबर को मैनेज करने की जिम्मेदारी भी एक टीवी चैनल के पत्राकार द्वारा ली गई थी। अब यह बात बड़ी तेजी से उठ रही है कि आखिर राजधनी दून में बड़े पैमाने पर रोजाना खबरों को मैनेज करने के नाम पर लाखों का मोटा खेल खेला जा रहा है। अब तक कई लोगों को यह गिरोह लाखों का चूना लगाकर कापफी ध्न अर्जित कर चुका है। लेकिन किसी भी व्यक्ति के शिकायत करने के लिए सामने न आने के चलते पुलिस भी इन लोगों पर कार्यवाही करने से कतरा रही है। राजधनी दून में पुलिस को यह भी संभावना है कि पत्राकारिता की आड़ में कई अन्य गोरखध्ंध्े को भी अंजाम दिये जा रहे हैं। कुल मिलाकर दून नगरी में पत्राकारिता के नाम पर दलाली किये जाने का गोरख ध्ंध बड़ी तेजी से पफलपफूल रहा है। बाहरी राज्यों से पत्राकारिता करने वाले कई ऐसे संदिग्ध् लोगों के खिलापफ अन्य राज्यों में मुकदमे कायम होने के बाद भी पुलिस अभी तक उनका रिकॉर्ड नहीं खंगाल सकी है। जिससे इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कभी भी कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है। क्योंकि अक्सर बड़ी वारदातों में चूक की वजह वैरिपिफकेशन न होने के साथ-साथ व्यक्ति की सही पहचान न होना भी सामने आ चुकी है। दून नगरी में पत्राकारिता की आड़ में जिस तरह से दलाली का खेल खेला जा रहा है उसे लेकर अब खुद ही पत्राकार जगत के कई लोग इन लोगों से खासे परेशान हो उठे है। पूर्व में भी कई मामले इस तरह के सामने आए। जिनमें सबूत के तौर पर कुछ भी प्रस्तुत नहीं किया जा सका। जबकि शासन स्तर के एक अध्किारी को गाड़ी के भीतर पकड़ा गया था। लेकिन जांच के दौरान कोई भी सबूत पेश नहीं हो सका।पैसे मांगने की बात उस वक्त उजागर हुई जब पत्राकार वार्ता के दौरान पूरा मामला दबाने के लिए कहा गया था। वहीं इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि मृत्युंजय मिश्रा व सरस्वती प्रिंटिंग प्रेस के मालिक आदेश गुप्ता के बीच प्रिंटिंग की छपाई के दौरान विवाद चला आ रहा है। माना जा रहा है कि मृतयुंजय मिश्रा को पफंसाने के पीछे यह खेल भी हो सकता है। जबकिपुलिस की भूमिका भी पूरी तरह संदिग्ध् नजर आ रही है। अब दलाली का पैसा मांगने वाले एक टीवी चैनल के पत्राकार के खिलापफ दिल्ली कार्यालय पैसे मांगे जाने की शिकायत की गई है।
Saturday, June 5, 2010
आखिर किसकी शह पर चल रहे हैं सैक्स रैकेट
देहरादून।प्रदेश में लगातार देह-व्यापार करने वाली लड़कियों के साथ मंत्री के पीआरओ से लेकर पूर्व रजिस्ट्रार जिस तरह से फंसते हुए नजर आ रहे हैं उसने देवभूमि कही जाने वाली उत्तराखण्ड की साख को बट्टा लगाने का काम शुरू कर दिया है। लगातार बढ़ते जा रहे इस तरह के घटनाक्रमों ने जहां राजनैतिक परिदृश्य के साथ-साथ पूरे वातावरण को दूषित कर डाला है वहीं आम जनता को भी यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि प्रदेश में देह-व्यापार करने वाले गिरोह के बीच लोगां के फंसने से यह दलदल बढ़ती जा रही है। पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान कई कांग्रेसी नेता कालगर्ल रैकेट के साथ जहां बेखौफ होकर पकड़े गये वहीं कई हाईप्रोफाइल मामले भी लगातार उजागर होते रहे। यहां तक कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी भी सैक्स स्कैंडल में इस तरह फसे कि उन्हें राज्यपाल पद भी गवाना पड़ा। अब भाजपा सरकार के दौरान बीते दिवस काबीना मंत्री बंशीधर भगत के पीआरओ का कालगर्ल रैकेट क ेसाथ पकड़ा जाना भी कई सवालों को खड़ा कर रहा है। जबकि बीती रात ही पूर्व रजिस्ट्रार मृत्युंजय मिश्रा भी अश्लील हरकत करते हुए गिरपतार किए गये। रजिस्ट्रार के पकड़े जाने की घटना ने जहां शासन स्तर से लेकर अधिकारियों तक में हड़कंप मचा डाला। वहीं यह बात भी उभरकर सामने आ गयी कि कालगर्ल रैकेटों के तार अधिकारियों से भी जुड़े हुए हैं और मौजमस्ती का यह शौक देवभूमि में बेखौफ होकर रोजाना अंजाम दिया जा रहा है। पर्दे के पीछे कई ऐसे चेहरे अभी भी बेनकाब नहीं हो पाये है जो लगातार गर्म गोश्त की दुकानों के रोजाना ग्राहक बने हुए हैं। वहीं पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि दून नगरी में बड़े पैमाने पर गर्म गोश्त की कई दुकानें बड़े अधिकारियों से लेकर कई राजनीतिक दलों की छत्र-छाया में संचालित की जा रही हैं। वहीं इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि इन दुकानों को कुछ बड़े अधिकारियों की शह पर दून में मौज मस्ती के लिए संचालित करवाया जा रहा है। अब तक दून नगरी से कई हाइप्रोफाइल सैक्स रैकेट पकड़े जा चुके हैं और पुलिस कई बाहरी लड़कियों के साथ-साथ कई लोगों को गिरपतार कर चुकी है।
कुंभ के लिए मिले 500 करोड़ में घोटाला
देहरादून। राज्य मंे श्रमिक हितों को ताक पर रखकर सरकार और उद्योगपति उनका उत्पीड़न करने पर तुले हुए हैं। जिसके चलते वह बुनियादी अधिकारों से वंिचत होते जा रहे हैं। आज यहां राजपुर रोड़ स्थित एक होटल में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए भारतीय मजदूर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि केंद्र की कई योजनाओं को पलीता लगाने का काम राज्य सरकार कर रही है। उनके अधिकारों का हनन बदस्तूर जारी है। पंरतुं सत्ता मे मौजूद हुक्मरानों को इससे कोई सरोकार नहीं जान पड़ता। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मजदूरों की हालत बेहद दयनीय हो चली है। प्रबधन तथा शासन मिलकर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होने कहा कि इंटक मजदूरों के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद करने का प्रयास निरंतर करता रहेगा। श्री बिष्ट ने कहा कि राज्य में रोजगार देने के सरकारी दावे हवाई साबित हो रहे हैं। जिसके चलते बेरोजगारों के उपर रोजगार छिनने का संकट मंडराने लगा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 56000 पद रिक्त पड़े हैं। परंतु सरकार इन्हें भरने की दिशा में कोई पहल करती नजर नहीं आती। जबकि केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखण्ड को 6 अस्पताल व एक मेडिकल कालेज की स्वीकृति दी गयी है। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में करोड़ों बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान कर पलायन रोकने की सार्थक पहल की गयी है।असंगठित क्षेत्र के लगभग 30 करोड़ श्रमिकों को सामािजक सुरक्षा की गांरट प्रदान करने के लिए 1000 करोड़ की मंजूरी प्रदान की गयी। निजी वह असंगठित क्षेत्र में भी गेच्युटी की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रूपये कर ऐतिहासिक पहल की गयी। वैश्विक मंदी के बावजूद भी केंद्र के लगभग 60 लाख कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू करने की स्वीकृति कांग्रेस की सरकार ने प्रदान की। कर्मचारियों के हितों को देखते हुए मंहगाई की मार से निजात दिलानेे के लिए 50 प्रतिशत मंहगाई भत्ते को मूल भत्ते में समाहित करने का काम किया है। जबकि पूर्व सैनिकों की लगभग 30 वर्षों से चली आ रही एक रैंक एक पेंशन की मांग को स्वीकृति प्रदान कर लाखों को लाभ प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनता के हितों का ताक पर रखकर मापिफयाओं के हाथों में खेल रही है। केंद्र के लिए कुंभ के सफल आयोजन हेतु प्रदान की गयी धनराशि में बड़ा घोटाला किया गया हे। विद्युत परियोजनााओं के नि यम विरूद्व तथा अवैध बिक्री में करोड़ों रूपये का घोटाला किया गया है। वहीं स्टर्डिया कैमिकल्स फैक्ट्री के भूमि के भू परिवर्तन में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। परंतु सरकार इसकी निष्पक्ष जांच कराने क ेबजाय मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। इस अवसर पर विधायक जोत सिंह गुनसोला, एपी अमोली आदि उपस्थित थे।
देहराूदन। दून घाटी में अवैध खनन का धंधा चरम पर है। सरकार की मिलीभगत से खनन व्यवसायी अपने हित साधने में सफलता अर्जित कर रहे हैं। अकेले सौंग नदी से 300 ट्रक रोजना इस काम में लगे है और पूरे खेल को उच्चस्तर से संचालित किया जा रहा है। जिससे रोजाना 5 करोड़ रूपये का घालमेल देखने को मिल रहा हे। श्री बिष्ट ने कहा कि दून घाटी में खनन पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ताक पर रखने का काम किया जा रहा है जो सीधे तौर पर कोर्ट की अवमानना की श्रेणी में आता है।
देहरादून। कृषि विभाग में भी भ्रष्टाचार चरम पर है। किसानों को आवंटित की जाने वाली खाद और बीज में घोटाला देखने को मिल रहा है। अकेले पौड़ी में ही विभागीय अधिकारियों तथा कर्ताधर्ताओं ने 5 करोड़ रूपये डकार लिए हैं। जिससे प्रदेश में कृषकों और कृषि की हालत सुधारने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
कुंभ के लिए मिले 500 करोड़ में घोटालाजलविद्युत परियोजना में करोड़ों का घोटालास्टर्डिया कैमिकल्स के लिए भू-परिवर्तन दून मंे अवैध खनन से करोड़ों के वारे-न्यारे
देहराूदन। दून घाटी में अवैध खनन का धंधा चरम पर है। सरकार की मिलीभगत से खनन व्यवसायी अपने हित साधने में सफलता अर्जित कर रहे हैं। अकेले सौंग नदी से 300 ट्रक रोजना इस काम में लगे है और पूरे खेल को उच्चस्तर से संचालित किया जा रहा है। जिससे रोजाना 5 करोड़ रूपये का घालमेल देखने को मिल रहा हे। श्री बिष्ट ने कहा कि दून घाटी में खनन पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ताक पर रखने का काम किया जा रहा है जो सीधे तौर पर कोर्ट की अवमानना की श्रेणी में आता है।
देहरादून। कृषि विभाग में भी भ्रष्टाचार चरम पर है। किसानों को आवंटित की जाने वाली खाद और बीज में घोटाला देखने को मिल रहा है। अकेले पौड़ी में ही विभागीय अधिकारियों तथा कर्ताधर्ताओं ने 5 करोड़ रूपये डकार लिए हैं। जिससे प्रदेश में कृषकों और कृषि की हालत सुधारने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
कुंभ के लिए मिले 500 करोड़ में घोटालाजलविद्युत परियोजना में करोड़ों का घोटालास्टर्डिया कैमिकल्स के लिए भू-परिवर्तन दून मंे अवैध खनन से करोड़ों के वारे-न्यारे
Wednesday, June 2, 2010
DEHRADUN: 2 Jun 20101. The Army Educational Corps celebrates its 63rd anniversary on 1st June 10. On this occasion Comdt Lt Gen RS Sujlana PVSM, AVSM, VSM, complimented all ranks of AEC on the eve of Raising Day. He wished all ranks of AEC and their families the very best of times to come. The Army Educational Corps has been in the forefront of preparing our Gentlemen Cadets to adapt to the ever-changing environment. Its role in refining the knowledge base of the Human Resource has contributed positively in the professional development of the Gentlemen Cadets.2. Brig Sunil Chandra Head of Academic Department Indian Military Academy, the senior most serving AEC officer in the station addressed all Ranks of AEC and the civil staff. In his address he congratulated all the members of AEC family and emphasized continuous professional growth. He exhorted all Corps personnel to upgrade & update themselves through individuals & local initiatives to supplement the organizational efforts for war. The address was followed by light refreshment.3. A dinner was organized in evening at Officers Institute, the event was graced by retired officers of the Corps residing at Dehradun & senior officers of Indian Military Academy.
Tuesday, June 1, 2010
देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से सोमवार को सचिवालय में नवनियुक्त मीडिया सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष अजेन्द्र अजय तथा डॉ. अनिल कपूर डब्बू ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने श्री अजेन्द्र अजय तथा अनिल कुमार को उनके नये दायित्व के लिए बधाई दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नवनियुक्त उपाध्यक्षों के कार्यभार ग्रहण करने के बाद मीडिया सलाहकार समिति और अधिक सशक्त होगी। उन्होंने कहा कि मीडिया सलाहकार समिति को मीडिया प्रतिनिधियों के साथ पूर्णतः संवाद स्थापित कर सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना है। इसके साथ ही समिति को मीडिया की समस्याओं के प्रति भी जागरूक रहना होगा। मीडिया सलाहकार समिति के नवनियुक्त उपाध्यक्ष अजेन्द्र अजय तथा अनिल कुमार डब्बू ने कहा कि वे मीडिया सलाहकार समिति को उसकी अपेक्षाओं के अनुरूप और मजबूत करेंगे।
देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड कर्मचारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महेश डोबरियाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने भेट की। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री डॉ. निशंक से कर्मचारी हितो से जुडे विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की तथा लम्बित मांगों के शीघ्र समाधान का अनुरोध किया। श्री डोबरियाल ने मुख्यमंत्री से राज्य कर्मचारियों को 08 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता शीघ्र अनुमन्य करने का भी अनुरोध किया। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री डॉ. निशंक को 11 बिन्दुओं का मांग पत्र भी सौपा। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार कर्मचारी हितों का पूरा ध्यान रखेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सभी मांगों पर यथोचित कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रतिनिधिमण्डल से राज्य के विकास में अपना सक्रिय सहयोग देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के हितों के लिए वचनबद्ध है और इसको देखते हुए हमने सबसे पहले छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों को राज्य में लागू किया। प्रतिनिधिमण्डल में उत्तराखण्ड कर्मचारी शिक्षक महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी, ए.एन.एम. एसोशिएशन की अध्यक्ष गुड्डी मटूडा, जिला अध्यक्ष टिहरी पंचम सिंह बिष्ट तथा माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रदीप डबराल आदि उपस्थि उपस्थित थे।
देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने जनपद पौड़ी गढ़वाल तथा चमोली में हुई दो अलग-अलग दुर्घटनाओं में मृत लोगों के प्रति गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत लोगो की आत्माओं की शांति एवं दुःख की इस घड़़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने जिलाधिकारी पौड़ी तथा चमोली को निर्देश दिये है कि वे मृतकों के परिजनों को अनुमन्य आर्थिक सहायता तथा घायलों को उचित उपचार उपलब्ध कराये। राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र से प्राप्त सूचना के अनुसार सोमवार को दोपहर लगभग 2.15 बजे जनपद पौड़ी के अन्तर्गत एक वाहन संख्या- यू.ए.13-482, सतपुली से कोटद्वार जाते समय राजस्व क्षेत्र गुमखाल क्षेत्रांतर्गत बैर गांव के समीप गहरी खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। घटना में 3 लोगो की मृत्यु हो गई, जबकि 03 लोग घायल हो गये। एक अन्य घटना में जनपद चमोली के अन्तर्गत दोपहर लगभग 1 बजे एक महिन्द्रा जीप संख्या यू.ए.11-0021 सुयालकोट से देवाल जाते समय बोरागाड के समीप गहरी खाई मे गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। घटना में 3 लोगो की मृत्यु हो गई तथा 6 लोग घायल हो गये।
देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को सचिवालय में वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश में पानी और बिजली की नियमित आपूर्ति, विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं की जनपदीय अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने पेयजल की गहन समीक्षा करते हुए नाराजगी व्यक्त की कि जल निगम, जल संस्थान के पास पर्याप्त धन की उपलब्धता के बावजूद भी पेयजल अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाया नहीं गया। उन्होंने इसको गंभीरता से लेते हुए तत्काल दोषी अधिकारी चिन्हित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने पौड़ी में जल निगम में गत 01 अप्रैल 2010 को अवशेष धनराशि 85 करोड़ 46 लाख के सापेक्ष खर्च की धीमी गति 9 करोड़ रुपये व्यय को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव को जांच कर 3 दिन में संबन्धित अधिशासी अभियन्ता के प्रति कार्रवाई करने के निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया कि जल निगम की निर्माण ईकाई-2 तथा कोटद्वार डिविजन द्वारा धन की उपलबधता के बावजूद भी धनराशि खर्च नही की गयी। उन्होंने मुख्य महाप्रबन्धक जल संस्थान को निर्देश दिये कि स्टॉफ की भर्ती तत्काल कर ले, ताकि पेयजल आपूर्ति में स्टाफ की कमी आड़े नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष कर पेयजल तथा विद्युत अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार में यदि कोई वित्तीय या प्रशासनिक निर्णय लेना जरूरी हो, तो तीन दिन में कैबिनेट से पास करा लिया जाय, ताकि जनता को बिजली तथा पानी की समस्या से दो चार न होना पड़े। मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा जनपद की समीक्षा के दौरान समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल से समस्याग्रस्त गांव को टैंकरों, खच्चरों श्रमिकों से जहां आवश्यक हो पानी की आपूर्ति कराई जाय। अल्मोड़ा के जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में 23 गांव में 46 खच्चर तथा 41 गांव में 22 टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने समस्त जिलाधिकारी को दैवीय आपदा मद में 25-25 लाख रुपये तथा अल्मोड़ा जिले की पानी की विकट समस्या को देखते हुए 50 लाख रुपये धनराशि तत्काल जारी करने के निर्देश अपर सचिव पेयजल को दिए। उन्होंने पेयजल की समस्या से तुरन्त निजात दिलाने के लिए पौड़ी जनपद द्वारा संचालित मॉडल को सभी जिलाधिकारियों को अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मॉडल के तहत संचालित कंट्रोल रूम में जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी प्रातः 9 बजे से अनुश्रवण करें तथा रोज सायं काल दिन भर की समस्याओं की समीक्षा करे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पानी और बिजली की विकट समस्या से निपटने के लिए इनसे जुड़े सभी कर्मी 14 से 16 घंटे का समय दें।मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने निर्देश दिए कि वीडियों कांफें्रसिग में दिए गए निर्देशों का अनुपालन एक हफ्ते में नजर आना चहिए। उन्होंने कहा कि आगामी 10 दिन में दोनों मण्डल के आयुक्त तथा जनपदीय अधिकारी गांव की ओर अभियान की रिपोर्ट भी देगें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी या उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में सम्बन्धित खण्डविकास अधिकारी सहित अधिकारी टीम लेकर न्याय पंचायत स्तर में जनता की समस्याओं को सुना जाय और उसका समाधान भी तत्काल किया जाय। उन्हांेन कहा कि भविष्य में किसी भी विभाग की धीमी प्रगति पर संबन्धित जिले के जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे निरन्तर पानी, बिजली, सड़क की प्रगति की समीक्षा करें, क्योंकि इन विभागों में राज्य जिला केन्द्र वाह्य सहायतित योजनाओं में पर्याप्त मात्रा में धन की उपलब्धता हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने मुख्य सचिव को प्रत्येक 15 दिन में पेयजल तथा विकास योजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रायः जिला तथा मण्डल स्तर की समस्याऐं निस्तारित न होने के कारण जनता मिलन में अनावश्यक भीड़ बढ़ रही है। उन्होंने जनपद तथा मण्डल स्तर की समस्याओं के जनता मिलन न आने की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने कहा कि जिन-जिन विभागों में जिला योजना में धन जारी नहीं हुआ है, ऐसे मामलों में जिला अधिकारी एवं सम्बन्धित विभागाध्यक्षों तथा सचिवों से धन जारी कराये, ताकि पात्र लोगों को योजना का लाभ समय से प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रकरण में किसी भी स्तर से देरी होती है तो उनके संज्ञान में लाया जाय। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन की समीक्षा करते हुए धन का उपयोग न करने वाले मुख्य चिकित्साधिकारियों के विरूद्ध सचिव स्वास्थ्य डॉ. उमाकान्त को कार्रवाई के निर्देश दिए तथा चारधाम यात्रा में यातायात, शौचालय अवस्थापना सुविधा बढ़ाने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने यातायात सुचारू रूप से चलाने के लिए पडोसी राज्य हिमांचल से बस आपूर्ति करने की स्वीकृति भी दी तथा अस्थाई शौचालयों की कमी को भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी पिथौरागढ़ नारायण सिहं नेगी को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए तथा नाभिढांग से लपुलेख में हो रही बर्फबारी से रास्ता साफ रखने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर मुख्य सचिव एन.एस.नपलच्याल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री सुभाष कुमार, डी.के.कोटिया, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा राकेश शर्मा, सचिव कृषि डॉ. रणबीर सिंह, सचिव वित्त राधा रतूड़ी, सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. उमाकांत पंवार, सचिव श्रम दिलबाग सिंह, आयुक्त गढ़वाल अजय सिंह नबियाल, आयुक्त कुमायूं कुणाल शर्मा सहित सभी जनपदों के जिलाधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
देहरादून, 31 मई, 2010 उरेडा के मुख्य परियोजना अधिकारी एके त्यागी ने बताया कि 1 जून 2010 को सोलर तापीय ऊर्जा दोहन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का उदघाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक तथा केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डॉ फारूख अब्दुल्ला करेंगे। श्री त्यागी ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री श्री अब्दुल्ला पेट्रोलियम विश्वविद्यालय में स्थापित 100 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट का भी उद्घटन करेंगे।केंद्रीय मंत्री प्रातः मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के साथ राज्य में संचालित वैकल्पिक ऊर्जा कार्यक्रमों के संबंध में भी वार्ता करेगे। उन्होंने बताया कि होटल पैसिफिक में सोलर तापीय ऊर्जा दोहन कार्यशाला एवं सोलर थर्मल पर प्रर्दशनी आयोजित की जाएगी। कार्यशाला और प्रदर्शनी में विभिन्न विभागों एवं फर्मों के प्रतिनिधि, होटल, उद्योग, विकास प्राधिकरण, नगर निगम आदि के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। कार्यशाला स्थल पर तापीय उपयोग के लिए सौर ऊर्जा के विभिन्न उपकरणों पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।
देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड कर्मचारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महेश डोबरियाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने भेट की। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री डॉ. निशंक से कर्मचारी हितो से जुडे विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की तथा लम्बित मांगों के शीघ्र समाधान का अनुरोध किया। श्री डोबरियाल ने मुख्यमंत्री से राज्य कर्मचारियों को 08 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता शीघ्र अनुमन्य करने का भी अनुरोध किया। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री डॉ. निशंक को 11 बिन्दुओं का मांग पत्र भी सौपा। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार कर्मचारी हितों का पूरा ध्यान रखेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सभी मांगों पर यथोचित कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रतिनिधिमण्डल से राज्य के विकास में अपना सक्रिय सहयोग देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के हितों के लिए वचनबद्ध है और इसको देखते हुए हमने सबसे पहले छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों को राज्य में लागू किया। प्रतिनिधिमण्डल में उत्तराखण्ड कर्मचारी शिक्षक महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी, ए.एन.एम. एसोशिएशन की अध्यक्ष गुड्डी मटूडा, जिला अध्यक्ष टिहरी पंचम सिंह बिष्ट तथा माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रदीप डबराल आदि उपस्थि उपस्थित थे।
देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने जनपद पौड़ी गढ़वाल तथा चमोली में हुई दो अलग-अलग दुर्घटनाओं में मृत लोगों के प्रति गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत लोगो की आत्माओं की शांति एवं दुःख की इस घड़़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने जिलाधिकारी पौड़ी तथा चमोली को निर्देश दिये है कि वे मृतकों के परिजनों को अनुमन्य आर्थिक सहायता तथा घायलों को उचित उपचार उपलब्ध कराये। राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र से प्राप्त सूचना के अनुसार सोमवार को दोपहर लगभग 2.15 बजे जनपद पौड़ी के अन्तर्गत एक वाहन संख्या- यू.ए.13-482, सतपुली से कोटद्वार जाते समय राजस्व क्षेत्र गुमखाल क्षेत्रांतर्गत बैर गांव के समीप गहरी खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। घटना में 3 लोगो की मृत्यु हो गई, जबकि 03 लोग घायल हो गये। एक अन्य घटना में जनपद चमोली के अन्तर्गत दोपहर लगभग 1 बजे एक महिन्द्रा जीप संख्या यू.ए.11-0021 सुयालकोट से देवाल जाते समय बोरागाड के समीप गहरी खाई मे गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। घटना में 3 लोगो की मृत्यु हो गई तथा 6 लोग घायल हो गये।
देहरादून, 31 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को सचिवालय में वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश में पानी और बिजली की नियमित आपूर्ति, विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं की जनपदीय अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने पेयजल की गहन समीक्षा करते हुए नाराजगी व्यक्त की कि जल निगम, जल संस्थान के पास पर्याप्त धन की उपलब्धता के बावजूद भी पेयजल अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाया नहीं गया। उन्होंने इसको गंभीरता से लेते हुए तत्काल दोषी अधिकारी चिन्हित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने पौड़ी में जल निगम में गत 01 अप्रैल 2010 को अवशेष धनराशि 85 करोड़ 46 लाख के सापेक्ष खर्च की धीमी गति 9 करोड़ रुपये व्यय को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव को जांच कर 3 दिन में संबन्धित अधिशासी अभियन्ता के प्रति कार्रवाई करने के निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया कि जल निगम की निर्माण ईकाई-2 तथा कोटद्वार डिविजन द्वारा धन की उपलबधता के बावजूद भी धनराशि खर्च नही की गयी। उन्होंने मुख्य महाप्रबन्धक जल संस्थान को निर्देश दिये कि स्टॉफ की भर्ती तत्काल कर ले, ताकि पेयजल आपूर्ति में स्टाफ की कमी आड़े नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष कर पेयजल तथा विद्युत अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार में यदि कोई वित्तीय या प्रशासनिक निर्णय लेना जरूरी हो, तो तीन दिन में कैबिनेट से पास करा लिया जाय, ताकि जनता को बिजली तथा पानी की समस्या से दो चार न होना पड़े। मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा जनपद की समीक्षा के दौरान समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल से समस्याग्रस्त गांव को टैंकरों, खच्चरों श्रमिकों से जहां आवश्यक हो पानी की आपूर्ति कराई जाय। अल्मोड़ा के जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में 23 गांव में 46 खच्चर तथा 41 गांव में 22 टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने समस्त जिलाधिकारी को दैवीय आपदा मद में 25-25 लाख रुपये तथा अल्मोड़ा जिले की पानी की विकट समस्या को देखते हुए 50 लाख रुपये धनराशि तत्काल जारी करने के निर्देश अपर सचिव पेयजल को दिए। उन्होंने पेयजल की समस्या से तुरन्त निजात दिलाने के लिए पौड़ी जनपद द्वारा संचालित मॉडल को सभी जिलाधिकारियों को अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मॉडल के तहत संचालित कंट्रोल रूम में जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी प्रातः 9 बजे से अनुश्रवण करें तथा रोज सायं काल दिन भर की समस्याओं की समीक्षा करे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पानी और बिजली की विकट समस्या से निपटने के लिए इनसे जुड़े सभी कर्मी 14 से 16 घंटे का समय दें।मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने निर्देश दिए कि वीडियों कांफें्रसिग में दिए गए निर्देशों का अनुपालन एक हफ्ते में नजर आना चहिए। उन्होंने कहा कि आगामी 10 दिन में दोनों मण्डल के आयुक्त तथा जनपदीय अधिकारी गांव की ओर अभियान की रिपोर्ट भी देगें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी या उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में सम्बन्धित खण्डविकास अधिकारी सहित अधिकारी टीम लेकर न्याय पंचायत स्तर में जनता की समस्याओं को सुना जाय और उसका समाधान भी तत्काल किया जाय। उन्हांेन कहा कि भविष्य में किसी भी विभाग की धीमी प्रगति पर संबन्धित जिले के जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे निरन्तर पानी, बिजली, सड़क की प्रगति की समीक्षा करें, क्योंकि इन विभागों में राज्य जिला केन्द्र वाह्य सहायतित योजनाओं में पर्याप्त मात्रा में धन की उपलब्धता हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने मुख्य सचिव को प्रत्येक 15 दिन में पेयजल तथा विकास योजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रायः जिला तथा मण्डल स्तर की समस्याऐं निस्तारित न होने के कारण जनता मिलन में अनावश्यक भीड़ बढ़ रही है। उन्होंने जनपद तथा मण्डल स्तर की समस्याओं के जनता मिलन न आने की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने कहा कि जिन-जिन विभागों में जिला योजना में धन जारी नहीं हुआ है, ऐसे मामलों में जिला अधिकारी एवं सम्बन्धित विभागाध्यक्षों तथा सचिवों से धन जारी कराये, ताकि पात्र लोगों को योजना का लाभ समय से प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रकरण में किसी भी स्तर से देरी होती है तो उनके संज्ञान में लाया जाय। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन की समीक्षा करते हुए धन का उपयोग न करने वाले मुख्य चिकित्साधिकारियों के विरूद्ध सचिव स्वास्थ्य डॉ. उमाकान्त को कार्रवाई के निर्देश दिए तथा चारधाम यात्रा में यातायात, शौचालय अवस्थापना सुविधा बढ़ाने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने यातायात सुचारू रूप से चलाने के लिए पडोसी राज्य हिमांचल से बस आपूर्ति करने की स्वीकृति भी दी तथा अस्थाई शौचालयों की कमी को भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी पिथौरागढ़ नारायण सिहं नेगी को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए तथा नाभिढांग से लपुलेख में हो रही बर्फबारी से रास्ता साफ रखने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर मुख्य सचिव एन.एस.नपलच्याल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री सुभाष कुमार, डी.के.कोटिया, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा राकेश शर्मा, सचिव कृषि डॉ. रणबीर सिंह, सचिव वित्त राधा रतूड़ी, सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. उमाकांत पंवार, सचिव श्रम दिलबाग सिंह, आयुक्त गढ़वाल अजय सिंह नबियाल, आयुक्त कुमायूं कुणाल शर्मा सहित सभी जनपदों के जिलाधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
देहरादून, 31 मई, 2010 उरेडा के मुख्य परियोजना अधिकारी एके त्यागी ने बताया कि 1 जून 2010 को सोलर तापीय ऊर्जा दोहन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का उदघाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक तथा केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डॉ फारूख अब्दुल्ला करेंगे। श्री त्यागी ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री श्री अब्दुल्ला पेट्रोलियम विश्वविद्यालय में स्थापित 100 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट का भी उद्घटन करेंगे।केंद्रीय मंत्री प्रातः मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के साथ राज्य में संचालित वैकल्पिक ऊर्जा कार्यक्रमों के संबंध में भी वार्ता करेगे। उन्होंने बताया कि होटल पैसिफिक में सोलर तापीय ऊर्जा दोहन कार्यशाला एवं सोलर थर्मल पर प्रर्दशनी आयोजित की जाएगी। कार्यशाला और प्रदर्शनी में विभिन्न विभागों एवं फर्मों के प्रतिनिधि, होटल, उद्योग, विकास प्राधिकरण, नगर निगम आदि के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। कार्यशाला स्थल पर तापीय उपयोग के लिए सौर ऊर्जा के विभिन्न उपकरणों पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।
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