Saturday, May 29, 2010
इंटर में अभिलेख,स्वर्णिमा और हाईस्कूल में आलोक प्रदेश के टॉपर
रामनगर/देहरादून ,29मई। उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने आज हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया। पौड़ी गढ़वाल के छात्रा अभिलेख बर्थवाल तथा कोटद्वार की छात्रा स्वर्णिमा ने इण्टरमीडिएट में 88.60 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रदेश की श्रेष्ठता सूची में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया जबकि हाईस्कूल में अल्मोड़ा के छात्रा आलोक प्रकाश सक्सेना ने 95.60 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया। इस बार इंटर का परीक्षापफल 74.36 प्रतिशत और हाईस्कूल का 65.85 प्रतिशत रहा। परीक्षापफल घोषित करते हुए परिषद के सचिव दामोदर पंत और निदेशक श्रीमती पुष्पा मानस ने बताया कि इण्टर मीडिएट परीक्षा में इस बार कुल 116201 परीक्षार्थी शामिल हुए। इसमें संस्थागत परीक्षार्थियों की संख्या 104964 तथा व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की संख्या 11237 थी। इस बार इण्टर मीडिएट परीक्षा 2010 का कुल परीक्षापफल 74.36 प्रतिशत है,इसमें बालिकाओं का उर्त्तीण प्रतिशत 82.36 तथा बालकों का उर्त्तीण प्रतिशत 66.87 रहा। राजकीय इण्टर कालेज श्रीनगर,पौड़ी गढ़वाल के छात्रा अभिलेख बर्थवाल तथा एमएस के एस वी एम आई सी कोटद्वार,पौड़ी गढ़वाल की छात्रा स्वर्णिमा ने इण्टरमीडिएट परीक्षा में कुल 88.60 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रदेश की श्रेष्ठता सूची में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। इंटर में इस वर्ष गत वर्षो की तुलना में परीक्षार्थियों की उत्तीर्ण संख्या में 1.30 बिन्दु प्रतिशत की वृ(ि हुई है। बालिकाओं की उत्तीर्ण संख्या में 2.78 बिन्दु प्रतिशत की वृ(ि तथा बालकों के उर्त्तीण संख्या में 0.20 बिन्दु प्रतिशत की कर्मी हुई है। हाईस्कूल में इस बार कुल 177060 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए। इसमें 157745 परीक्षार्थी संस्थागत एवं 19315 व्यक्तिगत परीक्षार्थी सम्मिलित हुए। इस बार हाईस्कूल परीक्षा का कुल परीक्षापफल 65.85 प्रतिशत रहा। इसमें बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 72.88 तथा बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 60.03 रहा। विवेकानन्द इण्टर कालेज, रानीधरा रोड, अल्मोड़ा के छात्रा आलोक प्रकाश सक्सेना ने हाईस्कूल परीक्षा में कुल 95.60 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रदेश की श्रेष्ठता सूची में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। राजकीय बालिका इण्टर कालेज चौखुटिया, अल्मोड़ा की छात्रा कु.अर्चना सिंह ने हाईस्कूल परीक्षा में कुल 93.40 प्रतिशत अंक प्राप्त कर बालिकाओं की श्रेष्ठता सूची में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। इस वर्ष परीक्षार्थियों की उत्तीर्ण संख्या में 3.39 बिन्दु प्रतिशत की वृ(ि हुई। सम्मान सहित उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या का बिन्दु प्रतिशत गतवर्ष से 0.59 अध्कि रहा। प्रथम श्रेणी के उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या में 3.32 बिन्दु प्रतिशत की वृ(ि हुई एवं द्वितीय श्रेणी के उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या में 5.31 बिन्दु प्रतिशत की कमी हुई। तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या में 1.40 बिन्दु प्रतिशत की वृ(ि हुई। बालिकाओं की उत्तीर्ण संख्या में 6.26 बिन्दु प्रतिशत तथा बालकों के उत्तीर्ण संख्या में 0.77 बिन्दु प्रतिशत की वृ(ि रही। बोर्ड के इतिहास में प्रथम बार परिषदीय परीक्षाओं का परीक्षापफल मई माह में घोषित किया गया है। इस वर्ष की हाईस्कूल की परीक्षाएं प्रदेश भर के 1140 परीक्षा केंद्रों पर 6मार्च से 27 मार्च तक सम्पन्न कराई गईं। हाईस्कूल विज्ञान विषय की परीक्षा योजना में परिवर्तन किया गया। विज्ञान विषय के अंतर्गत प्रथम बार 60 अंकों की लिखित सै(ांतिक परीक्षा,20 अंकों की प्रयोगात्मक वस्तुनिष्ठ लिखित परीक्षा तथा 20अंकों की प्रयोगात्मक कार्य आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा की गयी।
देहरादून, 28 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक शुक्रवार को कर्नल ब्राउन कालेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए। अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के बाजारीकरण को रोकने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा रोजगारपरक शिक्षा देकर युवाओं को स्वरोजगार के पर्याप्त अवसर दिलाये जा रहे है तथा सरकार द्वारा समाज एवं देशवासियों की खुशहाली हेतु पर्यावरण शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने महाकुम्भ की सफलता के लिए सभी सहयोगी संस्थाओं, स्वयंसेवकों एवं उपक्रमों के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संस्कृत भाषा को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है तथा सरकार द्वारा संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया है, इस निर्णय की प्रशंसा के रूप में उन्हें विदेशों के लगभग 51 देशों से प्रशस्ति पत्र भी मिले है। उन्होंने कहा कि संस्कृत कम्प्यूटर युग की तकनीकी भाषा के रूप में उपयोगी है तथा वर्तमान सरकार संस्कृत के प्रचार एवं प्रसार की पक्षधर है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को कुम्भ की सफलता के लिए प्रतीक चिन्ह भेट किया गया।
इस अवसर पर उनके साथ विधायक गंगोत्री गोपाल रावत, भाजपा महामंत्री धनसिंह रावत आदि उपस्थित थे।
देहरादून, 28 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार देर सायं पं. दीन दयाल उपाध्याय कोरोनेशन चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने चिकित्सालय में अनुपस्थित चिकित्सा कर्मियों तथा समय से पूर्व डयूटी छोड़ने वाले चिकित्साकर्मियों के स्पष्टीकरण के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने चिकित्सालय के सामान्य वार्ड में जाकर प्रत्येक मरीज से उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा उन्हे मिल रहे उपचार के संबंध में जानकारी प्राप्त की। कुछ मरीजो ने बताया कि उन्हें दवाईयां बाहर से खरीदनी पड़ रही है, इस पर मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों द्वारा बाहर से लिखी हुई दवाईयों के एवज में उनके वेतन से कटौती करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि जिन दवाईयों के विकल्प चिकित्सालय में उपलब्ध है, उन्हें बाहर से खरीदने की प्रवृत्ति पर रोक लगाये तथा भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति को गंभीरता से लेने के निर्देश भी दिये। मरीजों द्वारा बताया गया कि चिकित्सालय में कार्यरत एक सिस्टर द्वारा सही व्यवहार नही करती है, इस पर मुख्यमंत्री ने विशेषकार्याधिकारी चन्द्रशेखर उपाध्याय को निर्देश दिये कि उस सिस्टर को चिन्हित करें तथा उसे चेतावनी दे। उन्होंने सामान्य वार्ड में भर्ती उमा, शमीमा तथा सुनीता को उनके द्वारा बाहर से दवा हेतु व्यय की गई धनराशि संबंधित चिकित्सक से वसूल करने के निर्देश दिये। उन्होंने मौके पर तैनात चिकित्सक को निर्देश दिये कि सभी चिकित्सको में यह संदेश दे, कि भविष्य में बाजार की दवा न लिखे और यदि आवश्यक हो तो उसकी डिमांड अस्पताल से की जाय। उन्होंने मुख्य फार्मासिस्ट पी.सी.डिमरी तथा सहायक पी.एस.नेगी का भी पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवा न रखने पर स्पष्टीकरण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसकी जांच भी की जाय कि दवा समाप्त होने की तिथि पर अधीक्षक को मांग क्यों नही की। उन्होंने चिकित्सालय में भर्ती मरीज के उपचार के लिए बाहर से खरीदी गई दवा का विकल्प अस्पताल से देने के निर्देश चिकित्सकों को दिये।
मुख्यमंत्री ने आपातकालीन कक्ष में जाकर डयूटी पर तैनात फार्मासिस्ट से स्टोर में उपलब्ध दवा का मिलान रजिस्टर से किया तथा सभी फार्मासिस्टो ंको निर्देशित किया कि स्टोर में दवाई पर्याप्त मात्रा हेतु मांग समय से भेजी जाय तथा स्टोर में उपलब्ध दवाई की अद्यतन उपलब्धता रजिस्टर में अंकित रहे।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने 108 आपात सेवा के कार्यालय जाकर गतिविधियां का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान 108 आपात सेवा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनूप नौटियाल ने बताया कि 8 घंटे की अवधि में 7245 कॉल, जिनमें से 201 आपातकालीन कॉल है, को सुना गया और उस पर तत्काल कार्यवाही की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि 108 आपात चिकित्सा सेवा को महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ सुरक्षा के साथ भी जोड़ा गया है, इस योजना से महिलाओं को लाभ मिलेगा।
देहरादून, 28 मई, 2010 (मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के लिए दी जाने वाली भूमि को वन विभाग के नाम किया जाना प्रदेश के परंपरागत हक हकूकों पर कुठाराघात है। डॉ. निशंक ने इस संदर्भ में शुक्रवार को प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को पत्र भेज कर राज्य का पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि अविभाजित उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी द्वारा वर्ष 1997 में गौडावर्मन थिरू मुल्यपद बनाम भारत संघ के मामले में गलत निर्णय लिए जाने और भारत के सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किये जाने के कारण राज्य के समस्त पर्वतीय जिलों में खेती की भूमि तथा संरक्षित वन भूमि को छोड़कर समस्त भूमि संरक्षित वन घोषित कर दी गयी। जिसके परिणाम स्वरूप नवसृजित राज्य उत्तराखण्ड के लिए वन भूमि को गैर वानिकी उपयोगों के लिए परिवर्तित कर क्षतिपूरक वृक्षारोपण की आवश्यकताओं की पूर्ति करना कठिन हो गया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार की नई व्यवस्था के बाद प्रदेश में बड़े पैमाने पर विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। विकास कार्यों के लिए वन भूमि हस्तांतरण में अभी तक क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के लिए दोगुनी भूमि दी जाती है। लेकिन, नई व्यवस्था के मुताबिक इस भूमि को वन विभाग के नाम करना होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रधानमंत्री को भेज पत्र में लिखा है कि राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र के 14 प्रतिशत क्षेत्र में खेती की जाती है, 19 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र स्थायी रूप से बर्फ, हिमनद तथा अत्याधिक ढलानों से ढका रहता है, जबकि वनाच्छादित 65 प्रतिशत क्षेत्र वन क्षेत्र के रूप में रिकार्ड किया गया है। शेष क्षेत्र बंजर, चरागाह, परती भूमि है। यदि देहरादून, ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार के मैदानी जिलों को निकाल दिया जाए, तो पर्वतीय क्षेत्र में भूमि संसाधनों पर पड़ने वाले दबाव की सहज ही कल्पना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रीय वन नीति 1988 का मुख्य उद्देश्य देश के पर्वतीय राज्यों के दो तिहाई भाग को वनों से आच्छादित करना है। हमारे राज्य में पहले से ही 65 प्रतिशत भूमि पर वन है और स्टेट ऑफ फारेस्ट रिपोर्ट, 2009 के अनुसार वनाच्छादित क्षेत्र में वृद्धि हो रही है, किन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि राष्ट्रीय नीति के अनुरूप कार्य करना हमारे हितों के विरूद्ध जा रहा है, क्योकि हमारे लिए क्षतिपूरक वृक्षारोपण के लिए भूमि की मांग को पूरा करना कठिन हो रहा है, जिसके परिणामरूवरूप सड़कों, पुलों, विद्युत परियोजनाओं, स्कूल तथा अस्पताल जैसे आवश्यक अवस्थापना संबंधी विकास कार्य रुके गए है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की सीमाएं चीन और नेपाल दोनो से लगी है राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सुविधाएं सृजन करने के लिए भूमि की मांग न्यायोचित है। उन्होंने कहा कि अभी तक हम सुरक्षा कार्यों के लिए भूमि प्रदान करते रहे है, क्योंकि हम जानते है कि यह अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इससे अधिक भूमि प्रदान करना तथा पर्वतीय जनता की विकासात्मक आवश्यकताओं के लिए भूमि की मांग की पूर्ति करना भी हमारे लिए कठिन हो रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि जब तक अविभाजित उत्तर प्रदेश सरकार के वर्ष 1997 के अनुचित एवं तर्कहीन आदेश को विखण्डित किये जाने की अनुमति केन्द्रीय सशक्त समिति तथा मा. सर्वोच्च न्यायालय से नही मिल जाती है, तब तक केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय राज्य को सहयोग करे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन के 1997 के आदेश को विखण्डित करने की याचिका शीघ्र ही सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी।
देहरादून, 28 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से शुक्रवार को सचिवालय में मध्य कमान के सैन्य कमाण्डर ले.जन. वी.के.अहलूवालिया ने मुलाकात की। ले.जन. अहलूवालिया ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा सैनिकों के लिये आवासीय भूमि प्रदान किये जाने पर धन्यवाद देते हुए सेना से जुड़ी कुछ अन्य मांगों को मुख्यमंत्री के सम्मुख रखा। उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्व सैनिकों की बड़ी संख्या को देखते हुए सी.एस.डी. कैन्टीन के लिये वैट दरों में कमी की जानी चाहिये। उन्होने जय जवान आवास योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा भूमि दिये जाने के निर्णय की प्रशंसा करते हुए कुछ अन्य स्थानों पर भी भूमि की मांग की। उन्होंने म्ब्भ्ै (एक्स सर्विसमैन कान्ट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम) पॉली केन्द्रों के लिये प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर भूमि की मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड वीर सैनिकों की भूमि है और यहां की सरकार और जनता सेना को हर संभव सहयोग देने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड दो-दो विदेशी सीमाओं से घिरा होने के कारण बेहद संवेदनशील राज्य है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिये सेना और अन्य सैन्य बलों को सभी सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी। मुख्यमंत्री ने सैन्य कमाण्डर से प्रदेश के वन्य-पर्यावरण सरंक्षण में और अधिक योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सेना पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रदेश के कुछ क्षेत्रों को गोद ले सकती है और वहां वृक्षारोपण आदि कार्य कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ईको टास्क फोर्स को भी मजबूत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्न्तराष्ट्रीय सीमाओं पर राष्ट्र विरोधी एवं घुसपैठियों की गतिविधियों को उभरने से पहले ही कुचल देना होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पहचान पत्र योजना आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से बहुत आवश्यक है और उत्तराखण्ड के अन्तर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों में यह शीघ्र लागू होनी चाहिये। इस अवसर पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री सुभाष कुमार तथा डी.के.कोटिया उपस्थित थे।
देहरादून, 28 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से शुक्रवार को सचिवालय में जनपद ऊधमसिंहनगर के एक प्रतिनिधिमण्डल ने राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी की नेतृत्व में भेंट की। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से विगत दिनों जनपद ऊधमसिंहनगर के काशीपुर निवासी नरेन्द्र किशोक सिंह मानस की पुत्री पल्लवी की संदिग्ध मृत्यु की सी.बी.सी.आई.डी. जांच का अनुरोध किया। पीड़ित परिवार के लोगों ने मुख्यमंत्री से इस संदिग्ध मृत्यु की गुत्थी को शीघ्र सुलझाने तथा दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों पर यथाोचित कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने इसके लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किये। प्रतिनिधिमण्डल में ईश्वर चन्द्र गुप्ता, राम मेहरोत्रा, खिलेन्द्र चौधरी, डॉ. गिरीश तिवारी तथा अरविन्द आदि शामिल थे।
देहरादून, 28 मई, 2010 सरकारी प्रवक्ता ने बताया है कि राष्ट्रीय वन अधिकार मान्यता अधिनियम समिति, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय की सामूहिक समिति द्वारा 30 मई, 2010 को शताब्दी वन विज्ञान केन्द्र (पुराना वन रैंजर्स कालेज) परेड़ ग्राउण्ड के पास देहरादून में जनवार्ता व समीक्षा का आयोजन किया गया है। वनाधिकार कानून संबंधित जो भी वनाश्रित समुदाय, व्यक्ति, संस्थान, संगठन या सरकारी विभाग इस संबंध में कुछ कहना चाहते है, वह प्रातः 9.30 बजे से सायं 6 बजे तक इस समिति के समक्ष उपस्थित हो कर अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। यह समिति 1 जून 2010 को कानून के क्रियान्वयन से संबंधित उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों के प्रतिनिधियो से वार्ता करेगी।
देहरादून, 28 मई, 2010 अपर सचिव नियोजन डॉ. पी.एस. गुसांई ने बताया कि प्रदेश में बी.ए.डी.पी. योजना के अन्तर्गत मार्च, 2010 तक भारत सरकार द्वारा कुल रु॰ 10611.64 लाख धनराशि अवमुक्त की गयी, जिसके सापेक्ष 8454.63 लाख धनराशि का व्यय किया गया तथा रु॰ 2157.01 लाख धनराशि अवशेष थी। अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष व्यय 80 प्रतिशत है।
उन्हांेने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत हिमाच्छादित क्षेत्रों में वर्ष में माह नवम्बर से माह मई तक कोई भी कार्य नहीं किया जाता है, तथा शेष 5 माह में भी वर्षा के कारण कार्य में अत्याधिक व्यवधान उत्पन्न होता है। इसके बावजूद भी बी.ए.डी.पी. योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2009-10 में माह मार्च, 2010 तक वित्तीय प्रगति में 80 प्रतिशत धनराशि का व्यय किया गया है, तथा योजनाअन्तर्गत 2498 कार्य पूर्ण कर लिये गये है तथा शेष कार्य प्रगति पर है। योजना के सम्बन्ध में भारत सरकार के स्तर पर 9वीं म्उचवूमतमक ब्वउउपजजमम की बैठक में समीक्षा के दौरान योजना के प्रगति पर संतोष प्रकट किया गया।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि बी.ए.डी.पी. अन्तर्गत आधारभूत सवेंक्षण की सूचना प्रेषित की जा चुकी है। हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नए प्रपत्रों पर सर्वेक्षण किए जाने के निर्देश पुनः जारी किए गए है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को कुम्भ की सफलता के लिए प्रतीक चिन्ह भेट किया गया।
इस अवसर पर उनके साथ विधायक गंगोत्री गोपाल रावत, भाजपा महामंत्री धनसिंह रावत आदि उपस्थित थे।
देहरादून, 28 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार देर सायं पं. दीन दयाल उपाध्याय कोरोनेशन चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने चिकित्सालय में अनुपस्थित चिकित्सा कर्मियों तथा समय से पूर्व डयूटी छोड़ने वाले चिकित्साकर्मियों के स्पष्टीकरण के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने चिकित्सालय के सामान्य वार्ड में जाकर प्रत्येक मरीज से उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा उन्हे मिल रहे उपचार के संबंध में जानकारी प्राप्त की। कुछ मरीजो ने बताया कि उन्हें दवाईयां बाहर से खरीदनी पड़ रही है, इस पर मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों द्वारा बाहर से लिखी हुई दवाईयों के एवज में उनके वेतन से कटौती करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि जिन दवाईयों के विकल्प चिकित्सालय में उपलब्ध है, उन्हें बाहर से खरीदने की प्रवृत्ति पर रोक लगाये तथा भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति को गंभीरता से लेने के निर्देश भी दिये। मरीजों द्वारा बताया गया कि चिकित्सालय में कार्यरत एक सिस्टर द्वारा सही व्यवहार नही करती है, इस पर मुख्यमंत्री ने विशेषकार्याधिकारी चन्द्रशेखर उपाध्याय को निर्देश दिये कि उस सिस्टर को चिन्हित करें तथा उसे चेतावनी दे। उन्होंने सामान्य वार्ड में भर्ती उमा, शमीमा तथा सुनीता को उनके द्वारा बाहर से दवा हेतु व्यय की गई धनराशि संबंधित चिकित्सक से वसूल करने के निर्देश दिये। उन्होंने मौके पर तैनात चिकित्सक को निर्देश दिये कि सभी चिकित्सको में यह संदेश दे, कि भविष्य में बाजार की दवा न लिखे और यदि आवश्यक हो तो उसकी डिमांड अस्पताल से की जाय। उन्होंने मुख्य फार्मासिस्ट पी.सी.डिमरी तथा सहायक पी.एस.नेगी का भी पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवा न रखने पर स्पष्टीकरण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसकी जांच भी की जाय कि दवा समाप्त होने की तिथि पर अधीक्षक को मांग क्यों नही की। उन्होंने चिकित्सालय में भर्ती मरीज के उपचार के लिए बाहर से खरीदी गई दवा का विकल्प अस्पताल से देने के निर्देश चिकित्सकों को दिये।
मुख्यमंत्री ने आपातकालीन कक्ष में जाकर डयूटी पर तैनात फार्मासिस्ट से स्टोर में उपलब्ध दवा का मिलान रजिस्टर से किया तथा सभी फार्मासिस्टो ंको निर्देशित किया कि स्टोर में दवाई पर्याप्त मात्रा हेतु मांग समय से भेजी जाय तथा स्टोर में उपलब्ध दवाई की अद्यतन उपलब्धता रजिस्टर में अंकित रहे।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने 108 आपात सेवा के कार्यालय जाकर गतिविधियां का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान 108 आपात सेवा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनूप नौटियाल ने बताया कि 8 घंटे की अवधि में 7245 कॉल, जिनमें से 201 आपातकालीन कॉल है, को सुना गया और उस पर तत्काल कार्यवाही की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि 108 आपात चिकित्सा सेवा को महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ सुरक्षा के साथ भी जोड़ा गया है, इस योजना से महिलाओं को लाभ मिलेगा।
देहरादून, 28 मई, 2010 (मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के लिए दी जाने वाली भूमि को वन विभाग के नाम किया जाना प्रदेश के परंपरागत हक हकूकों पर कुठाराघात है। डॉ. निशंक ने इस संदर्भ में शुक्रवार को प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को पत्र भेज कर राज्य का पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि अविभाजित उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी द्वारा वर्ष 1997 में गौडावर्मन थिरू मुल्यपद बनाम भारत संघ के मामले में गलत निर्णय लिए जाने और भारत के सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किये जाने के कारण राज्य के समस्त पर्वतीय जिलों में खेती की भूमि तथा संरक्षित वन भूमि को छोड़कर समस्त भूमि संरक्षित वन घोषित कर दी गयी। जिसके परिणाम स्वरूप नवसृजित राज्य उत्तराखण्ड के लिए वन भूमि को गैर वानिकी उपयोगों के लिए परिवर्तित कर क्षतिपूरक वृक्षारोपण की आवश्यकताओं की पूर्ति करना कठिन हो गया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार की नई व्यवस्था के बाद प्रदेश में बड़े पैमाने पर विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। विकास कार्यों के लिए वन भूमि हस्तांतरण में अभी तक क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के लिए दोगुनी भूमि दी जाती है। लेकिन, नई व्यवस्था के मुताबिक इस भूमि को वन विभाग के नाम करना होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रधानमंत्री को भेज पत्र में लिखा है कि राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र के 14 प्रतिशत क्षेत्र में खेती की जाती है, 19 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र स्थायी रूप से बर्फ, हिमनद तथा अत्याधिक ढलानों से ढका रहता है, जबकि वनाच्छादित 65 प्रतिशत क्षेत्र वन क्षेत्र के रूप में रिकार्ड किया गया है। शेष क्षेत्र बंजर, चरागाह, परती भूमि है। यदि देहरादून, ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार के मैदानी जिलों को निकाल दिया जाए, तो पर्वतीय क्षेत्र में भूमि संसाधनों पर पड़ने वाले दबाव की सहज ही कल्पना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रीय वन नीति 1988 का मुख्य उद्देश्य देश के पर्वतीय राज्यों के दो तिहाई भाग को वनों से आच्छादित करना है। हमारे राज्य में पहले से ही 65 प्रतिशत भूमि पर वन है और स्टेट ऑफ फारेस्ट रिपोर्ट, 2009 के अनुसार वनाच्छादित क्षेत्र में वृद्धि हो रही है, किन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि राष्ट्रीय नीति के अनुरूप कार्य करना हमारे हितों के विरूद्ध जा रहा है, क्योकि हमारे लिए क्षतिपूरक वृक्षारोपण के लिए भूमि की मांग को पूरा करना कठिन हो रहा है, जिसके परिणामरूवरूप सड़कों, पुलों, विद्युत परियोजनाओं, स्कूल तथा अस्पताल जैसे आवश्यक अवस्थापना संबंधी विकास कार्य रुके गए है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की सीमाएं चीन और नेपाल दोनो से लगी है राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सुविधाएं सृजन करने के लिए भूमि की मांग न्यायोचित है। उन्होंने कहा कि अभी तक हम सुरक्षा कार्यों के लिए भूमि प्रदान करते रहे है, क्योंकि हम जानते है कि यह अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इससे अधिक भूमि प्रदान करना तथा पर्वतीय जनता की विकासात्मक आवश्यकताओं के लिए भूमि की मांग की पूर्ति करना भी हमारे लिए कठिन हो रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि जब तक अविभाजित उत्तर प्रदेश सरकार के वर्ष 1997 के अनुचित एवं तर्कहीन आदेश को विखण्डित किये जाने की अनुमति केन्द्रीय सशक्त समिति तथा मा. सर्वोच्च न्यायालय से नही मिल जाती है, तब तक केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय राज्य को सहयोग करे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन के 1997 के आदेश को विखण्डित करने की याचिका शीघ्र ही सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी।
देहरादून, 28 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से शुक्रवार को सचिवालय में मध्य कमान के सैन्य कमाण्डर ले.जन. वी.के.अहलूवालिया ने मुलाकात की। ले.जन. अहलूवालिया ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा सैनिकों के लिये आवासीय भूमि प्रदान किये जाने पर धन्यवाद देते हुए सेना से जुड़ी कुछ अन्य मांगों को मुख्यमंत्री के सम्मुख रखा। उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्व सैनिकों की बड़ी संख्या को देखते हुए सी.एस.डी. कैन्टीन के लिये वैट दरों में कमी की जानी चाहिये। उन्होने जय जवान आवास योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा भूमि दिये जाने के निर्णय की प्रशंसा करते हुए कुछ अन्य स्थानों पर भी भूमि की मांग की। उन्होंने म्ब्भ्ै (एक्स सर्विसमैन कान्ट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम) पॉली केन्द्रों के लिये प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर भूमि की मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड वीर सैनिकों की भूमि है और यहां की सरकार और जनता सेना को हर संभव सहयोग देने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड दो-दो विदेशी सीमाओं से घिरा होने के कारण बेहद संवेदनशील राज्य है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिये सेना और अन्य सैन्य बलों को सभी सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी। मुख्यमंत्री ने सैन्य कमाण्डर से प्रदेश के वन्य-पर्यावरण सरंक्षण में और अधिक योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सेना पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रदेश के कुछ क्षेत्रों को गोद ले सकती है और वहां वृक्षारोपण आदि कार्य कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ईको टास्क फोर्स को भी मजबूत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्न्तराष्ट्रीय सीमाओं पर राष्ट्र विरोधी एवं घुसपैठियों की गतिविधियों को उभरने से पहले ही कुचल देना होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पहचान पत्र योजना आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से बहुत आवश्यक है और उत्तराखण्ड के अन्तर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों में यह शीघ्र लागू होनी चाहिये। इस अवसर पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री सुभाष कुमार तथा डी.के.कोटिया उपस्थित थे।
देहरादून, 28 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से शुक्रवार को सचिवालय में जनपद ऊधमसिंहनगर के एक प्रतिनिधिमण्डल ने राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी की नेतृत्व में भेंट की। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से विगत दिनों जनपद ऊधमसिंहनगर के काशीपुर निवासी नरेन्द्र किशोक सिंह मानस की पुत्री पल्लवी की संदिग्ध मृत्यु की सी.बी.सी.आई.डी. जांच का अनुरोध किया। पीड़ित परिवार के लोगों ने मुख्यमंत्री से इस संदिग्ध मृत्यु की गुत्थी को शीघ्र सुलझाने तथा दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों पर यथाोचित कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने इसके लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किये। प्रतिनिधिमण्डल में ईश्वर चन्द्र गुप्ता, राम मेहरोत्रा, खिलेन्द्र चौधरी, डॉ. गिरीश तिवारी तथा अरविन्द आदि शामिल थे।
देहरादून, 28 मई, 2010 सरकारी प्रवक्ता ने बताया है कि राष्ट्रीय वन अधिकार मान्यता अधिनियम समिति, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय की सामूहिक समिति द्वारा 30 मई, 2010 को शताब्दी वन विज्ञान केन्द्र (पुराना वन रैंजर्स कालेज) परेड़ ग्राउण्ड के पास देहरादून में जनवार्ता व समीक्षा का आयोजन किया गया है। वनाधिकार कानून संबंधित जो भी वनाश्रित समुदाय, व्यक्ति, संस्थान, संगठन या सरकारी विभाग इस संबंध में कुछ कहना चाहते है, वह प्रातः 9.30 बजे से सायं 6 बजे तक इस समिति के समक्ष उपस्थित हो कर अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। यह समिति 1 जून 2010 को कानून के क्रियान्वयन से संबंधित उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों के प्रतिनिधियो से वार्ता करेगी।
देहरादून, 28 मई, 2010 अपर सचिव नियोजन डॉ. पी.एस. गुसांई ने बताया कि प्रदेश में बी.ए.डी.पी. योजना के अन्तर्गत मार्च, 2010 तक भारत सरकार द्वारा कुल रु॰ 10611.64 लाख धनराशि अवमुक्त की गयी, जिसके सापेक्ष 8454.63 लाख धनराशि का व्यय किया गया तथा रु॰ 2157.01 लाख धनराशि अवशेष थी। अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष व्यय 80 प्रतिशत है।
उन्हांेने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत हिमाच्छादित क्षेत्रों में वर्ष में माह नवम्बर से माह मई तक कोई भी कार्य नहीं किया जाता है, तथा शेष 5 माह में भी वर्षा के कारण कार्य में अत्याधिक व्यवधान उत्पन्न होता है। इसके बावजूद भी बी.ए.डी.पी. योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2009-10 में माह मार्च, 2010 तक वित्तीय प्रगति में 80 प्रतिशत धनराशि का व्यय किया गया है, तथा योजनाअन्तर्गत 2498 कार्य पूर्ण कर लिये गये है तथा शेष कार्य प्रगति पर है। योजना के सम्बन्ध में भारत सरकार के स्तर पर 9वीं म्उचवूमतमक ब्वउउपजजमम की बैठक में समीक्षा के दौरान योजना के प्रगति पर संतोष प्रकट किया गया।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि बी.ए.डी.पी. अन्तर्गत आधारभूत सवेंक्षण की सूचना प्रेषित की जा चुकी है। हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नए प्रपत्रों पर सर्वेक्षण किए जाने के निर्देश पुनः जारी किए गए है।
उत्तराखण्ड कांग्रेस, केन्द्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करें।’’डॉ. भसीन
उत्तराखण्ड कांग्रेस, केन्द्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करें।’’देहरादून 28 मई,2010राज्य मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र भसीन ने कांग्रेस नेताओं को सलाह दी है कि यदि वे उत्तराखण्ड राज्य के हितों के लिए आंदोलन करने के इच्छुक हैं तो उन्हें केन्द्र की कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाना चाहिए।यहां एक बयान में डॉ. देवेन्द्र भसीन ने कहा कि केन्द्रीय श्रम राज्य मंत्री से लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड में भाजपानीत सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के जो बयान दे रहे है वे राज्य में भाजपा सरकार की बढ़ रही लोकप्रियता के कारण कांग्रेस की बौखलाहट का परिणाम है। इसके अलावा कांग्रेेस नेता बढ रही मंहगाई, केन्द्र द्वारा उत्तराखण्ड के औद्योगिक पैकेज का विस्तार न करने सहित राज्य के प्रति बरते जा रहे भेदभाव पूर्ण रवैये से प्रदेश की जनता का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहें हैं। साथ ही केन्द्र में कांग्रेस सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल हताशा पूर्ण रहा है, इससे भी कांग्रेस नेता परेशान हैं व जनता को भ्रमित करना चाहते हैं। परन्तु जनता सब समझती है।उन्होंने कहा कि यदि उत्तराखण्ड के कांग्रेस नेता राज्य की जनता के प्रति जरा भी हितैषी हैं तो उन्हे केन्द्र सरकार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। इस समय मंहगाई, औद्योगिक पैकेज सहित केन्द्र से जुड़े अनेक मुद्दे हैं जिनसे जनता बेहाल हैं।डॉ. भसीन ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के नेतृत्व में महा कुम्भ की महान सफलता को भी कांग्रेस पचा नहीं पा रही है। कुम्भ में अनियमितता की बात कहने वाले कांग्रेस नेताओं को यह ध्यान मंे रखना चाहिए कि कुम्भ कार्याे में तीसरे पक्ष द्वारा जांच का भी प्रावधान था। यह तीसरा पक्ष केन्द्र सरकार का था जिसने घपले की कोई बात नहीं उठाई।
ए.बी.वी.पी. के एक्सपर्ट ग्रुप ने खंगाले
देहरादून/28 मई- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने भारत में अल्पसंख्यक तुष्टिकरण को देश के लिए एक घातक प्रवृत्ति बतलाते हुए इसे संविधान की मूलभावना से इतर बताया। विद्यार्थी परिषद ने देश भर में शिक्षा संस्थानों के ज्ञानार्जन के माध्यम की बजाय लाभार्जन का केन्द्र बनने के लिए केन्द्र सरकार की शिक्षा नीति को अपरिपक्व बतलाते हुए इसमें आमूलचूल परिवर्तन करने की आवश्यकता बतलायी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक के दूसरे दिन ‘‘भारत में अल्पसंख्यक तुष्टिकरण‘‘ तथा ‘‘शिक्षा के व्यापारीकरण को रोकने की आवश्यकता‘‘ प्रस्ताव विचारार्थ रखे गए जिस पर देश भर से आये प्रतिनिधियों ने विचारमंथन किया। देहरादून स्थित कर्नल ब्राउन स्कूल में राष्ट्रीय मंत्री रवि कुमार ने ‘ शिक्षा के व्यापारीकरण को रोकने की आवश्यकता’ शीर्षक से प्रस्ताव रखा। शिक्षा के व्यापारीकरण पर मुखर होते हुए विद्यार्थी परिषद् ने मंहगी व गुणवत्ता खोती जा रही शिक्षा को राष्ट्र के स्वस्थ विकास में बाधक बताया। उदारीकरण के बाद की नीतियों का परिणामस्वरूप शिक्षा संस्थान उत्कृष्टता केन्द्र के स्थान पर धनार्जन केन्द्र बन गये है। उचित गुणवत्ता के बिना कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे शिक्षा संस्थान यह ध्वनित करने के लिये पर्याप्त है कि आज शिक्षा व्यवस्था ज्ञानार्जन की प्रक्रिया के स्थान पर लाभार्जन का व्यापार हो गयी है। शिक्षा के त्वरित विकास में शिक्षा के मौलिक सिद्वान्तों जैसे सहभागिता, समानता, सामाजिक न्याय, सर्वसमावेशिता और सर्व साध्यता का गंभीर हृास हुआ है। स्वायतत्ता तथा गुणवत्ता के नाम पर कैपीटेशन शुल्क एवं असाध्य शुल्क संरचना आरंभ हुई है। जैसी अनेक नियामक संस्थाये जिनसे शिक्षा में गुणवत्ता स्थापित करने तथा व्यापारीकरण को रोकने की अपेक्षा है। अक्षम तथा भ्रष्ट सिद्व हुई और व्यापारीकरण को रोकने में पूर्णतया असफल रहे है। भारतीय चिकित्सा परिषद ;डब्प्द्ध तथा ;।प्ब्ज्म्द्ध के अध्यक्षों की गिरतारी इसका पुख्ता प्रमाण है। संप्रग सरकार ने शिक्षा क्षेत्र से सम्बन्ध्ति 7 विधेयक प्रस्तुत किये हैं। सरकार द्वारा शिक्षा सुधर के लिये जो प्रयास किया गया है अ.भा.वि.प. उसका स्वागत करती है। चंहम 1व ि2
किन्तु विधेयको का विश्लेषण यह ध्वनित करता है कि सुधर का प्रयास वस्तुतः नीजिकरण को बढ़ाने वाला, शक्ति के केन्द्रीकरण वाला तथा तुष्टीकरण को बढ़ावा देने वाला है। इनमें से कोई भी विधेयक शिक्षा के धरातलीय यथार्थ तथा वास्तविक समस्याओं से जुड़ा हुआ नही है। व्यापारीकरण का प्रभाव शिशु से लेकर स्नातकोत्तर ;ज्ञण्ळ ज्व् च्ण्ळद्ध तक सर्वत्र देखा जा सकता है। निजी महाविद्यालयों तथा प्प्ज्.श्रम्ए प्प्प्ज्ए ।प्डैए प्।ैए ब्। इत्यादि के प्रवेश/प्रतियोगिता परीक्षाओं की कोंचिग चलाने वाले कुछ नीजि शिक्षा संस्थान अकल्पनीय फीस वसूल रहे है। वे सरकार के नियन्त्राण से बाहर है। इस प्रकार का भारी शुल्क अभिभावकों का शोषण है और इस बाढ़ को रोकने के लिए उचित कानून का अभाव समस्या को और अधिक विकट बना रहा है। पिछले दो दशक में डठठैए ठक्ैए डठ।ए ठण्ैब्ए डब्।ए डब्श्रए ठैॅ जैसे व्यावसायिक पाठयक्रमों की मांग भी बढ़ी है। मांग में हुई अचानक बढोत्तरी ने इन पाठयक्रमों के कैपीटेशन शुल्क में भी वृद्वि कराई है। इस प्रकार के व्यावसायिक पाठ्यक्रमों वाले संस्थानो में प्रवेश, शुल्क निर्धरण तथा जवाबदेही आदि से सरकार का नियन्त्रण समाप्त हो चुका है। केेन्द्र सरकार ने भी स्वीकार किया है कि मानित विश्वविद्यालय पारिवारिक उद्यम के रूप में चल रहे है और ये धनादोहन के केन्द्र बन गये हैं। ए.बी.वी.पी. के राष्ट्रीय महामंत्री विष्णुदत्त शर्मा ने ‘‘ भारत में अल्पसंख्यक तुष्टिकरण’’ प्रस्ताव विचारार्थ रखा। श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्थान के नाम पर संविधान की मूल भावना को तहस नहस करने वाले प्रशासनिक प्रावधानों का प्रयास किया गया है जिससे विद्यार्थी परिषद पूर्णतया असहमत है। देश में पंथ निरपेक्षता की छद्म नीति के कारण धार्मिक विश्वास को राज्य द्वारा छात्रवृत्तियों, रोजगार हेतु, मकान आवंटन तथा बैंक ऋण पाने हेतु प्रमुख आधार माना गया है। सच्चर समिति की रिपोर्ट में आंकड़ेबाजी के आधार पर सम्पूर्ण मुस्लिम समुदाय को सापेक्षिक दृष्टि से पिछड़ा दिखाया गया है तथा प्रशासनिक मानकों के विपरीत धार्मिक आधार पर विभेद करने वाले उपायों को न्यायोचित ठहराने का काम किया है। रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट में मुस्लिमों हेतु 10 प्रतिशत आरक्षण एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को पांच प्रतिशत आरक्षण, शैक्षिक प्रवेश हेतु एवं सभी सरकारी योजनाओं जैसे राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के लिए की गयी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद् मानना है कि ये विभेदात्मक संस्तुतियां एवं उपाय न केवल साम्प्रदायिक अपितु पंथ निरपेक्षता की मूल भावना के विरूद्व है। परिषद् मांग करती है कि संविधान की धारा 30 को निरस्त किया जाए।
किन्तु विधेयको का विश्लेषण यह ध्वनित करता है कि सुधर का प्रयास वस्तुतः नीजिकरण को बढ़ाने वाला, शक्ति के केन्द्रीकरण वाला तथा तुष्टीकरण को बढ़ावा देने वाला है। इनमें से कोई भी विधेयक शिक्षा के धरातलीय यथार्थ तथा वास्तविक समस्याओं से जुड़ा हुआ नही है। व्यापारीकरण का प्रभाव शिशु से लेकर स्नातकोत्तर ;ज्ञण्ळ ज्व् च्ण्ळद्ध तक सर्वत्र देखा जा सकता है। निजी महाविद्यालयों तथा प्प्ज्.श्रम्ए प्प्प्ज्ए ।प्डैए प्।ैए ब्। इत्यादि के प्रवेश/प्रतियोगिता परीक्षाओं की कोंचिग चलाने वाले कुछ नीजि शिक्षा संस्थान अकल्पनीय फीस वसूल रहे है। वे सरकार के नियन्त्राण से बाहर है। इस प्रकार का भारी शुल्क अभिभावकों का शोषण है और इस बाढ़ को रोकने के लिए उचित कानून का अभाव समस्या को और अधिक विकट बना रहा है। पिछले दो दशक में डठठैए ठक्ैए डठ।ए ठण्ैब्ए डब्।ए डब्श्रए ठैॅ जैसे व्यावसायिक पाठयक्रमों की मांग भी बढ़ी है। मांग में हुई अचानक बढोत्तरी ने इन पाठयक्रमों के कैपीटेशन शुल्क में भी वृद्वि कराई है। इस प्रकार के व्यावसायिक पाठ्यक्रमों वाले संस्थानो में प्रवेश, शुल्क निर्धरण तथा जवाबदेही आदि से सरकार का नियन्त्रण समाप्त हो चुका है। केेन्द्र सरकार ने भी स्वीकार किया है कि मानित विश्वविद्यालय पारिवारिक उद्यम के रूप में चल रहे है और ये धनादोहन के केन्द्र बन गये हैं। ए.बी.वी.पी. के राष्ट्रीय महामंत्री विष्णुदत्त शर्मा ने ‘‘ भारत में अल्पसंख्यक तुष्टिकरण’’ प्रस्ताव विचारार्थ रखा। श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्थान के नाम पर संविधान की मूल भावना को तहस नहस करने वाले प्रशासनिक प्रावधानों का प्रयास किया गया है जिससे विद्यार्थी परिषद पूर्णतया असहमत है। देश में पंथ निरपेक्षता की छद्म नीति के कारण धार्मिक विश्वास को राज्य द्वारा छात्रवृत्तियों, रोजगार हेतु, मकान आवंटन तथा बैंक ऋण पाने हेतु प्रमुख आधार माना गया है। सच्चर समिति की रिपोर्ट में आंकड़ेबाजी के आधार पर सम्पूर्ण मुस्लिम समुदाय को सापेक्षिक दृष्टि से पिछड़ा दिखाया गया है तथा प्रशासनिक मानकों के विपरीत धार्मिक आधार पर विभेद करने वाले उपायों को न्यायोचित ठहराने का काम किया है। रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट में मुस्लिमों हेतु 10 प्रतिशत आरक्षण एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को पांच प्रतिशत आरक्षण, शैक्षिक प्रवेश हेतु एवं सभी सरकारी योजनाओं जैसे राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के लिए की गयी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद् मानना है कि ये विभेदात्मक संस्तुतियां एवं उपाय न केवल साम्प्रदायिक अपितु पंथ निरपेक्षता की मूल भावना के विरूद्व है। परिषद् मांग करती है कि संविधान की धारा 30 को निरस्त किया जाए।
Friday, May 28, 2010
गांधी पार्क में लगती है रोजाना मस्ती की पाठशाला
देहरादून, 28 मई। पार्कों में घूमने के लिए आने वाले पारीवारिक लोग अब इन स्थाानों पर जाने के बजाय घर में ही रहना ज्यादा पसन्द कर रहे हैं। सेहत के लिए पार्कों में घूमने के लिए आने वाले लोगों के बजाय अब इन पार्कों में मस्ती की पाठशालाएं लगने लगी हैं। जिस कारण इनअ पार्कों में अब देश के कर्णधर माने जाने वाले युवाओं का तेजी से आना वहां अश्लीलता को भी पूरी तरह उजागर करता हुआ देखा जा रहा है। पिफल्मों के गीतों पर थिरकने वाले युवाओं की राजधनी के विभिन्न पार्कों में मस्ती की पाठशालाएं स्कूल से बंक मारने के बाद इन स्थानों पर बैखोपफ होेकर लग रही हैं। राजधनी के एमडीडीए पार्क, डीयर पार्क, गांध्ी पार्क, लच्छीवाला, सहस्त्राधरा सहित कई अन्य स्थानोंपर स्थित पार्कों में अब युवाओं का पूरी तरह कब्जा हो गया है। इन पार्कों में युवा सुबह से हीस्कूलों से बंक मारकर अपनी मस्ती की पाठशालाएं बैखोपफ होकर सजा रहे हैं। पार्कों में हो रही इस तरह की अश्लील हरकतों को देखते हुए अब पारिवारिक लोगों ने इन स्थानों पर जाना अब पूरी तरह बंद कर दिया है। जिससे इन पार्कों में बढ़ती अश्लीलता के कारण घूमने के लिए आने वाले लोगों को भी अब लव जोड़ों की हरकतों से शर्मसार होना पड़ रहा है। राजधनी का शहर के बीच बसा गांध्ी पार्क इन दिनों कम उम्र केयुवाओं के लिए अश्लील हरकत करने का प्रमुख ठिकाना बन गया है। इन पार्कों पर रोजाना सुबह से ही सैकड़ों छात्रा-छात्रायें स्कूली कपड़ों में बैखोपफ होकर एक दूसरे की बाहों में बाहें डाले देखे जा सकते हैं। उनकी हरकतें इस कदर रहती हैं कि जैसे वे पार्क में न होकर अपने बैडरूम में बैठे हों। जिन्हें देखकर पार्कों में आने वाले पढ़े-लिखे लोगों को भी शर्मसार होना पड़ रहा है। वहीं राजपुर रोड़ स्थित एमडीडीए पार्क में दस रूपये का प्रति व्यक्ति शुल्क जमा कर कुछ भी करने की पूरी आजादी पार्क प्रशासन मुहैया करारहा है। इन स्थानों पर बढ़ते अश्लीलता के ग्रापफ ने यह बात साबित कर दी है कि इन्हें रोक पाने में राजधनी का पुलिस प्रशासन पूरी तरह नाकामयाब साबित हो रहा है। अश्लीलता के बढ़ते मकड़जाल में राजधनी के पार्कों का लगातार समाते चला जाना किसी शैक्षिक क्षेत्रा का गढ़ माने जाने वाले शहर के लिए कोई अच्छे संकेत नहीं है। इसके अलावा मसूरी रोड स्थित डियर पार्क में तो अश्लीलता का पूरा खुला खेल बैखोपफ होकर खेला जा रहा है। पार्कों में मौज-मस्ती के लिए आने वाले स्कूली छात्रों के साथ-साथ अन्य लोग भी इन स्थानों पर अश्लीलता के प्रचलन केा बढ़ाकर मस्ती की पाठशालाएं आयेजित कर रहे हैं। इतना ही नहीं राजधनी के चकराता रोड, डीएवी रोड, सहस्त्राधरा रोड, राजपुर रोड, प्रेमनगर व कई अन्य स्थानों पर रेस्टोरेंटों में बनाये गये बंदनुमा केबिन भी 50से 100 रूपये प्रति घंटे के हिसाब से लोगों को मुहैया कराए जा रहे हैं। पूरी तरह से अवैध् माने जाने वाले इन होटलों में आकर युवा वर्ग जहां अपने को अश्लीलता के दलदल मे ंध्केलता जा रहा है वहीं अपने भविष्य को लेकर भी अभिभावकों को धेखा दे रहा है। लगातार बढ़ते जा रहे राजधनी के वातावण को लेकर स्थानीय लोग भी अब इसे शहर की पफीजा के लिए ठीक नहीं मान रहे और उनका सापफ कहना है कि बाहरी स्थानों से आने वाले लोगों द्वारा यहां के वातावरण को अब पूरी तरह दूषित कर दिया गया है और शिक्षा का गढ़ माने जाने वाली दून नगरी अब मस्ती की पाठशाला बनती जा रही है।
Thursday, May 27, 2010
चारधाम यात्रा को भी कुम्भ की तर्ज पर पूर्ण किया जायेगा। ..निशंक
चमोली/देहरादून, 26 मई, 2010 मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को बदरीनाथ में 1.50 लाख रुपये लागत से बने 40 मीटर स्पान पुल का लोकार्पण किया। लामबगड़ से कार द्वारा श्री बदरीनाथ धाम पहंुचे डा. निशंक ने सपत्नीक भगवान बदरीविशाल की पूजा-अर्चना की।
पूजा अर्चना के पश्चात आयोजित प्रेस वार्ता में डॉ. निशंक ने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा पर काफी अधिक यात्री पहुंच रहे है। बदरीनाथ में ही एक लाख 25 हजार से अधिक श्रद्धालु पहंुचे है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा एवं यात्रा को निर्विघ्न सम्पन्न कराने हेतु उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश से भी बसे लेने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही उन्हीं बसों को चलाया जायेगा, जिनके पास ग्रीन कार्ड होगा, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा को भी कुम्भ की तर्ज पर पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए बसों को चारधाम में निर्धारित 10 दिन, तीन धाम में 8 दिन तथा दो धाम में 4 दिन में ही चलेगी।
डा. निशंक ने कहा कि अपनी एकता को बनाये रखने के लिए बदरी वन की स्थापना की गई है, ताकि एक-दूसरे के साथ भावनाएं जुड़ी रहें। उन्होंने आगे यह भी कहा कि बदरीनाथ को पर्यावरण की दृष्टि से साफ एवं स्वच्छ बनाये रखने हेतु पॉलीथीन व पॉलीथीन के कैरीबैग के उपयोग पर पूर्णरूप से प्रतिबन्ध लगाया गया है। इससे श्री बदरीनाथ मंदिर का सौन्दर्यीकरण एवं भव्यता बनी रहेगी। उन्हांेने इस हेतु सभी से सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ सहित अन्य सभी धामों में स्थानीय लोगों द्वारा निर्मित प्रसाद चढ़ाया जाय, जिससे रोजगार भी मिलेगा और प्रसाद की प्रमाणिकता भी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि यात्रियों को कहीं कोई परेशानी न हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं की गई, साथ ही जगह-जगह सुलभ शौचालय भी बनाये गये है। उत्तराखण्ड पूरे भारतवर्ष का भाल है, हमें हमेशा इसे ऊंचा रखना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार पत्रकारों के कल्याण के लिए प्रयासरत है और शीघ्र ही उनके लिए देहरादून में पत्रकार पुरम के नाम से आवासीय कालोनी भी बनाई जाएगी। डा. निशंक ने निर्माणाधीन हेलीपैड का निरीक्षण भी किया तथा स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनी।
इस मौके पर बद्रीनाथ के विधायक श्री केदार सिंह फोनिया, बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अनुसूया प्रसाद भट्ट, जिलाधिकारी नीरज सेमवाल, पुलिस अधीक्षक विम्मी सचदेवा सहित जनपद स्तरीय अधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।
पूजा अर्चना के पश्चात आयोजित प्रेस वार्ता में डॉ. निशंक ने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा पर काफी अधिक यात्री पहुंच रहे है। बदरीनाथ में ही एक लाख 25 हजार से अधिक श्रद्धालु पहंुचे है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा एवं यात्रा को निर्विघ्न सम्पन्न कराने हेतु उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश से भी बसे लेने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही उन्हीं बसों को चलाया जायेगा, जिनके पास ग्रीन कार्ड होगा, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा को भी कुम्भ की तर्ज पर पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए बसों को चारधाम में निर्धारित 10 दिन, तीन धाम में 8 दिन तथा दो धाम में 4 दिन में ही चलेगी।
डा. निशंक ने कहा कि अपनी एकता को बनाये रखने के लिए बदरी वन की स्थापना की गई है, ताकि एक-दूसरे के साथ भावनाएं जुड़ी रहें। उन्होंने आगे यह भी कहा कि बदरीनाथ को पर्यावरण की दृष्टि से साफ एवं स्वच्छ बनाये रखने हेतु पॉलीथीन व पॉलीथीन के कैरीबैग के उपयोग पर पूर्णरूप से प्रतिबन्ध लगाया गया है। इससे श्री बदरीनाथ मंदिर का सौन्दर्यीकरण एवं भव्यता बनी रहेगी। उन्हांेने इस हेतु सभी से सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ सहित अन्य सभी धामों में स्थानीय लोगों द्वारा निर्मित प्रसाद चढ़ाया जाय, जिससे रोजगार भी मिलेगा और प्रसाद की प्रमाणिकता भी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि यात्रियों को कहीं कोई परेशानी न हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं की गई, साथ ही जगह-जगह सुलभ शौचालय भी बनाये गये है। उत्तराखण्ड पूरे भारतवर्ष का भाल है, हमें हमेशा इसे ऊंचा रखना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार पत्रकारों के कल्याण के लिए प्रयासरत है और शीघ्र ही उनके लिए देहरादून में पत्रकार पुरम के नाम से आवासीय कालोनी भी बनाई जाएगी। डा. निशंक ने निर्माणाधीन हेलीपैड का निरीक्षण भी किया तथा स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनी।
इस मौके पर बद्रीनाथ के विधायक श्री केदार सिंह फोनिया, बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अनुसूया प्रसाद भट्ट, जिलाधिकारी नीरज सेमवाल, पुलिस अधीक्षक विम्मी सचदेवा सहित जनपद स्तरीय अधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।
उत्तराखण्ड: ईनामी बदमाश शकील मुठभेड़ में ढेर
क्षेत्रवासियों को अपने विभाग द्वारा दी जाने वाली सुविधायें प्रदान करेंगे।
ईनामी बदमाश शकील मुठभेड़ में ढेरदेहरादून/मेरठ, 26 मई, । उत्तराखंड के ईनामी बदमाश को मेरठ पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। मारे गये बदमाश पर कुमांऊ के साथ-साथ देहरादून की कई लूटाकांडों को लेकर दर्जनों मुकदमे दर्ज थे और उत्तराखंड पुलिस ने उस पर 5 हजार का ईनाम घोषित किया था। एसटीएफ पुलिस ने हल्द्वानी से राशिद, शकील व इनके अन्य साथियों को लाखों रूपये की बरामदगी के साथ कुछ समय पूर्व गिरफ्रतार किया था।
जहां से राशिद व सकील हल्द्वानी पेशी पर जाते समय पुलिस कर्मियों को चकमा देकर फरार हो गए थे। जिसमें से राशिद ने मेरठ कोर्ट में सरेंडर कर दिया था और सकील तभी से फरार चल रहा था। पेशी पर भागने के बाद उस पर उत्तराखंड पुलिस ने पांच हजार का ईनाम घोषित किया था। जिसे आज मेरठ व उत्तरप्रदेश की एसटीएपफ पुलिस ने एक मुठभेड़ में उस समय मार गिराया जब वह किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में जा रहा था। उत्तरप्रदेश की एसटीएपफ व मेरठ पुलिस के संयुक्त अभियान में मारे गए बदमाश की पहचान शकील के रूप में की गई है। जिसकी सूचना मेरठ पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस को दे दी है। पुलिस ने बसंत विहार, रायपुर व अन्य स्थानों पर की गयी लूट की कई घटनाओं में उसे पूर्व में गिरफ्रतार किया था।
ः मौलिक त्रिहरि के कार्यक्रम मंे लोक संस्कृति के हास पर जताई चिंता
नई टिहरी, 26 मई , । साहित्य संस्कृति एवं कला की संवाहक संस्था मौलिक त्रिहरि की ओर से संस्कृति हªास पर सामूहिक रुप से घोर चिन्ता व्यक्त की गई, इस अवसर पर डा0 षमषेर सिंह विश्ट को घनष्याम षैलामी समाज सेवा सम्मान राजेन्द्र ध्स्मान को सरदार प्रेम सिंह पत्रकारिता सम्मान एवं चन्द्र सिंह राही को गुणानन्द पथिक संस्कृति सम्मान से नवाजा गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यायक किषोर उपाध्याय सहित नरेन्द्रनगर के विद्यायक ओमगोपाल रावत एवं द्वाराहट विद्यायक पुश्पेष त्रिपाठी ने एक स्वर मे राज्य के निर्माण के अनुरुप काम नही होने की बात कही जिला पंचायत अध्यक्ष संगठन के प्रदेष अध्यक्ष जोत सिंह विश्ट साथ ही महिला समाख्या की निदेषक गीता गैरोला, वरिश्ठ पत्रकार चारु तिवारी दाताराम चमोली महिपाल नेगी, रागिनी भट्ट प्रेम सुन्दरियाल एवं विक्रम विश्ट ने श्रीदेव सुमन को याद करते हुए उनके आदर्षे पर चलने का आहवान किया अपने सम्मान समारोह के उपरान्त श्री राही ने लोक संस्कृति के क्षरण पर अपनी चिन्ता व्यक्त कीएवं डा0 विश्ट ने पहाड की जन समस्याओ की विस्तारपूर्वक चर्चा की एवं मुददो पर संघर्श की जरुरत बताई वरिश्ठ फाकार राजेन्द्र धस्माना ने भी पहाड को समझाने के साथ ही जन सरेकारो के साथ चलने का आहवान किया।
उत्तराखण्ड: षिक्षा के क्षेत्र मे प्रदेष को अग्रणी बनायेगें- गोविन्द विश्ट
नई टिहरी, 26 मई, । जाखणीधार में आयोजित सरस्वती षिषु मन्दिर और विद्या मन्दिर के वार्शिकोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि षिक्षा मंत्री श्री गोविन्द सिंह विश्ट ने कहा कि प्रदेष को षिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाया जायेगा । इस हेतु षिक्षा के स्तर में सुधार के हर संभव प्रयास गतिमान उन्हांेने कहा की अच्छी षिक्षा से ही समृद्धषाली समाज का सपना साकार हो सकता है उन्होने षिक्षकांे का आहवानकिया कि भविश्य के नौनिहालो को संस्कारवान षिक्षा प्रदान करे उन्होने षौक्षिक सुधार हेतु अभिभावको को एवं षिक्षकों का सहयोग का आग्रह किया।
उत्तराखण्ड: षिक्षा विभाग से पानी रसोई गैस जैसी वस्तुएं षीघ्र उपलब्ध कराने की मांग ऋषिकेश , 26 मई, । प्रधानमंत्री द्वारा गरीबों के बच्चों को षिक्षा की ओर आकर्शित करने के लिए प्रारम्भ की गई प्राथमिक विद्यालयों में मध्याहन भोजन योजना स्थानीय प्रषासन की लापरवाही के चलते ठप्प होती नजर आ रही है। जिसकी व्यवस्था को लेकर विद्यालय के प्रबन्धकों के गले की फांस फंसी है। ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री की मध्याहन भोजन योजना के तहत प्रतिदिन प्राथमिक कक्षाओं के लिये तीन रू0 पिचहत्तर पैसे व दाल तेल घी सब्जी नमक मसाले व ईंधन हेतु दो रू0 पचास पैसे के हिसाब से भारत सरकार द्वारा देय जिसमें अनाज प्राथमिक विद्यालय को 100 ग्राम उच्च प्राथमिक विद्यालय को 150ग्राम दाल प्राथमिक को 20 ग्राम व उच्च को 30 ग्राम सब्जी पत्तेदार 50 ग्राम व उच्च को 75 ग्राम तेल तथा घी 5 ग्राम व उच्च को 7.5 ग्राम उपलब्ध कराया जाना है ।लेकिन इनके पकाने हेतु विद्यालयों में न तो शासन की ओर से पानी की व्यवस्था कि गई है न ही रसोईघर के जिससे भोजन माताओ के सामने जहां इसे पकाने की समस्या बनी है वहीं विद्यालय प्रबन्धकेा के समक्ष इनके सुरक्षित रखने कि क्योंकि विद्यालय मे न तो चौकिदार है और विद्यालयों के जीर्ण शीर्ण हो जाने के कारण विद्यालयों मे न ही दरवाजे खिड़की है।जिससे विद्यालय अवकाष के पष्चात आवारा जानवर खाद्यान्न सामग्री को खा जाते है जिसके चलते कई विद्यालय प्रबन्धको ने तो उक्त सामग्री को बचाने हेतु अपने घरों को ही स्टोर के रूप में उपयोग कर रखा है जो कि प्रतिदिन छात्रों के माध्यम से उतना ही खाद्यान्न विद्यालय लेकर आते हैजितना कि उस दिन पकना होता है । मनीराम मार्ग स्थित प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य अनिता सैनी का कहना है कि सबसे बड़ी दिक्कत उनके सामने विद्यालय में बच्चों के पीने के पानी की समस्या बनी है क्योंकि जब विद्यालय खुलता है उस समय पानी बन्द हो जाता है तो भोजन काहे मे पकेगा भोजन पकाने के लिये बच्चों को आधा किमी0 दूर नगर पालिका से बोतलो में भरकर पानी लाया जाता है जिससे बच्चों की न तो पढ़ाई हो रही है और न ही उन्हे मध्याहन भोजन प्राप्त हो रहा हैइन्ही समस्याओं को लेकर गत दिवस भोजन माता संगठन की ओर से बैठक में विचार विमर्श हुआ।
वीरभद्र बैराज में गौरा देवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा भोजन माताओं को भोजन बनाने में कई परेशानियों से रूबरू होना पड़ रहा है। उनका कहना था कई स्कूलों में गैस उपलब्ध नहीं होने से उन्हे लकड़ी पर भोजन पकाना पड़ रहा है। इसके अलावा न तो रसोई की व्यवस्था है ओर न ही सामान आदि रखने की जगह बैठक में षोभा पूर्णी देवी कृृष्णा देवी उर्मिला विमला कुसुम बबिता परमजीत विशेश्वरी देवी माया देवी अनिता सीता कौशल्या लक्ष्मी पूजा अहिल्या आदि मौजूद थे।
कौडिया-किमसार मोटर मार्ग का डामरीकरण होने तक जारी रहेगा आन्दोलन-कपरवाणऋषिकेश, 26 मई, डांडा मण्डल क्षेत्र मंे पहाड़ बचाओं आन्दोलन के अन्तर्गत लोक जागरण अभियान के दौरान उत्तराखण्ड क्रांतिदल के केन्द्रीय उपाध्यक्ष डॉ0षक्तिशैल कपरवाण ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि छः महिने के अन्दर राज्य सरकार कौडिया-किमसार मोटर मार्ग का डामरीकरण नहीं करती है । तो उत्तराखण्ड क्रांति दल जनान्दोलन को तब तक जारी रखेगा जब तक यह मार्ग नहीं बन जाता।
धारकोट से आरम्भ हुए लोक जागरण अभियान का प्रथम चरण रामजीवाला किमसार जोगियाना बणास मल्ला काण्डाखाल बणास तल्ला गंगा भोगपुर में 23 मई 2010 को समाप्त हुआ इस आन्दोलन में राजाजी पार्क के कारण कानून से बाधित अन्य मांगो में बी नदी में पुल का निर्माण महेश योगी आश्रम को राश्ट्रीय पर्यटन संस्थान के रूप में विकसित किया जाना टाटबाबा की समाधि को पार्क प्रषासन से मुक्त करना अैार फूलचट्टी पटना नीलकण्ड मोटर मार्ग निर्माण करना आदि सम्मिलित है। डा0 कापरवाण ने कहा कि दल राजाजी राश्ट्रीय पार्क के नीतियों के विरूद्ध आन्दोलन की रणनीति षीघ्र बनाएगा। भ्रमण के दौरान डंाडामण्डल की जनता ने पेयजल स्वास्थ्य विद्युत षिक्षा मोटरमार्ग खाद्यान्न रसोई गैस निर्बल आवास वृद्ध-वृद्धा विकलांग पंेषन आदि समस्याओं को भी उठाया लोक जागरण अभियान में डा0 षक्तिशैल कपरवाण के नेतृत्व में रणवीर सिंह नेगी राजेन्द्र रावत संजय भट्ट श्रीशचन्द्र षुक्ला श्रीमती रष्मि षुक्ला बीना देवी साधना रावत बालकृश्ण कण्डवाल सुरेष नेगी दर्शनलाल कण्डवाल हुकम सिंह बिष्ट ऋषि ग्वाड़ी भारत षास्त्री राजेन्द्र रावत आदि सम्मिलित थे।
श्रीदेव सुमन के बलिदान से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है-कैन्तुराऋषिकेश, 26 मई,। मुनिकी रेती स्थित सुमन पार्क में श्रीदेव सुमन जी की जयन्ती के अवसर पर महिला काग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती सरोजनी केन्तुरा ने कहा कि टिहरी क्रान्ति के जन नायक श्रीदेव सुमन जी के त्याग और बलिदान से हमें प्रेरणा लेनी चाहिये ।
उनके बताये मार्ग पर चल कर हम नवोदित राज्य के चहुमुखी विकास की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं श्रीदेव सुमन एक महान स्वतन्त्रता सैनानी अपनी धुन के पक्के भारत मां के सच्चे सपूत थे। समाज सेवी बचन सिंह पोखरियाल जी ने कहा है कि हम अपने जीवन में उनके बताये हुए ईमानदारी के रास्ते में चलने का संकल्प लें कार्यक्रम संयोजक नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मनोज द्विवेदी ने कहा कि आज हम सभी यह संकल्प लें कि हम समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी से करे उत्तरारखण्ड काग्रेंस संेवादल के पूर्व अतिरिक्त संगठक रमेश उनियाल जी ने कहा कि श्रीदेव सुमन जी की मृत्यु हृदयविदारक यातनाओं के कारण हुई लेकिन वे झुके नहीं वे हिमालय की तरह अडिग एंव विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले आन्दोलनकारी थे।
कार्यक्रम में प्रेम सिंह नेगी सीएलअमोला पंकज भट्ट वंशीधर उनियाल धनपाल सिंह रावत मधुसेमवाल मुनेश कुमार अंशुल अरोड़ा अनुराग पयाल दिनेश भट्ट सूर्यमणि डंगवाल सतीश गुप्ता मनमोहन षर्मा प्रदीप राणा देवी प्रसाद पुरूषोत्तम भट्ट षशि सिंह अषोक सिंह सुभाष प्रकाष डोभाल भरत बिश्ट आदि उपस्थित थे।
ईनामी बदमाश शकील मुठभेड़ में ढेरदेहरादून/मेरठ, 26 मई, । उत्तराखंड के ईनामी बदमाश को मेरठ पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। मारे गये बदमाश पर कुमांऊ के साथ-साथ देहरादून की कई लूटाकांडों को लेकर दर्जनों मुकदमे दर्ज थे और उत्तराखंड पुलिस ने उस पर 5 हजार का ईनाम घोषित किया था। एसटीएफ पुलिस ने हल्द्वानी से राशिद, शकील व इनके अन्य साथियों को लाखों रूपये की बरामदगी के साथ कुछ समय पूर्व गिरफ्रतार किया था।
जहां से राशिद व सकील हल्द्वानी पेशी पर जाते समय पुलिस कर्मियों को चकमा देकर फरार हो गए थे। जिसमें से राशिद ने मेरठ कोर्ट में सरेंडर कर दिया था और सकील तभी से फरार चल रहा था। पेशी पर भागने के बाद उस पर उत्तराखंड पुलिस ने पांच हजार का ईनाम घोषित किया था। जिसे आज मेरठ व उत्तरप्रदेश की एसटीएपफ पुलिस ने एक मुठभेड़ में उस समय मार गिराया जब वह किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में जा रहा था। उत्तरप्रदेश की एसटीएपफ व मेरठ पुलिस के संयुक्त अभियान में मारे गए बदमाश की पहचान शकील के रूप में की गई है। जिसकी सूचना मेरठ पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस को दे दी है। पुलिस ने बसंत विहार, रायपुर व अन्य स्थानों पर की गयी लूट की कई घटनाओं में उसे पूर्व में गिरफ्रतार किया था।
ः मौलिक त्रिहरि के कार्यक्रम मंे लोक संस्कृति के हास पर जताई चिंता
नई टिहरी, 26 मई , । साहित्य संस्कृति एवं कला की संवाहक संस्था मौलिक त्रिहरि की ओर से संस्कृति हªास पर सामूहिक रुप से घोर चिन्ता व्यक्त की गई, इस अवसर पर डा0 षमषेर सिंह विश्ट को घनष्याम षैलामी समाज सेवा सम्मान राजेन्द्र ध्स्मान को सरदार प्रेम सिंह पत्रकारिता सम्मान एवं चन्द्र सिंह राही को गुणानन्द पथिक संस्कृति सम्मान से नवाजा गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यायक किषोर उपाध्याय सहित नरेन्द्रनगर के विद्यायक ओमगोपाल रावत एवं द्वाराहट विद्यायक पुश्पेष त्रिपाठी ने एक स्वर मे राज्य के निर्माण के अनुरुप काम नही होने की बात कही जिला पंचायत अध्यक्ष संगठन के प्रदेष अध्यक्ष जोत सिंह विश्ट साथ ही महिला समाख्या की निदेषक गीता गैरोला, वरिश्ठ पत्रकार चारु तिवारी दाताराम चमोली महिपाल नेगी, रागिनी भट्ट प्रेम सुन्दरियाल एवं विक्रम विश्ट ने श्रीदेव सुमन को याद करते हुए उनके आदर्षे पर चलने का आहवान किया अपने सम्मान समारोह के उपरान्त श्री राही ने लोक संस्कृति के क्षरण पर अपनी चिन्ता व्यक्त कीएवं डा0 विश्ट ने पहाड की जन समस्याओ की विस्तारपूर्वक चर्चा की एवं मुददो पर संघर्श की जरुरत बताई वरिश्ठ फाकार राजेन्द्र धस्माना ने भी पहाड को समझाने के साथ ही जन सरेकारो के साथ चलने का आहवान किया।
उत्तराखण्ड: षिक्षा के क्षेत्र मे प्रदेष को अग्रणी बनायेगें- गोविन्द विश्ट
नई टिहरी, 26 मई, । जाखणीधार में आयोजित सरस्वती षिषु मन्दिर और विद्या मन्दिर के वार्शिकोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि षिक्षा मंत्री श्री गोविन्द सिंह विश्ट ने कहा कि प्रदेष को षिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाया जायेगा । इस हेतु षिक्षा के स्तर में सुधार के हर संभव प्रयास गतिमान उन्हांेने कहा की अच्छी षिक्षा से ही समृद्धषाली समाज का सपना साकार हो सकता है उन्होने षिक्षकांे का आहवानकिया कि भविश्य के नौनिहालो को संस्कारवान षिक्षा प्रदान करे उन्होने षौक्षिक सुधार हेतु अभिभावको को एवं षिक्षकों का सहयोग का आग्रह किया।
उत्तराखण्ड: षिक्षा विभाग से पानी रसोई गैस जैसी वस्तुएं षीघ्र उपलब्ध कराने की मांग ऋषिकेश , 26 मई, । प्रधानमंत्री द्वारा गरीबों के बच्चों को षिक्षा की ओर आकर्शित करने के लिए प्रारम्भ की गई प्राथमिक विद्यालयों में मध्याहन भोजन योजना स्थानीय प्रषासन की लापरवाही के चलते ठप्प होती नजर आ रही है। जिसकी व्यवस्था को लेकर विद्यालय के प्रबन्धकों के गले की फांस फंसी है। ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री की मध्याहन भोजन योजना के तहत प्रतिदिन प्राथमिक कक्षाओं के लिये तीन रू0 पिचहत्तर पैसे व दाल तेल घी सब्जी नमक मसाले व ईंधन हेतु दो रू0 पचास पैसे के हिसाब से भारत सरकार द्वारा देय जिसमें अनाज प्राथमिक विद्यालय को 100 ग्राम उच्च प्राथमिक विद्यालय को 150ग्राम दाल प्राथमिक को 20 ग्राम व उच्च को 30 ग्राम सब्जी पत्तेदार 50 ग्राम व उच्च को 75 ग्राम तेल तथा घी 5 ग्राम व उच्च को 7.5 ग्राम उपलब्ध कराया जाना है ।लेकिन इनके पकाने हेतु विद्यालयों में न तो शासन की ओर से पानी की व्यवस्था कि गई है न ही रसोईघर के जिससे भोजन माताओ के सामने जहां इसे पकाने की समस्या बनी है वहीं विद्यालय प्रबन्धकेा के समक्ष इनके सुरक्षित रखने कि क्योंकि विद्यालय मे न तो चौकिदार है और विद्यालयों के जीर्ण शीर्ण हो जाने के कारण विद्यालयों मे न ही दरवाजे खिड़की है।जिससे विद्यालय अवकाष के पष्चात आवारा जानवर खाद्यान्न सामग्री को खा जाते है जिसके चलते कई विद्यालय प्रबन्धको ने तो उक्त सामग्री को बचाने हेतु अपने घरों को ही स्टोर के रूप में उपयोग कर रखा है जो कि प्रतिदिन छात्रों के माध्यम से उतना ही खाद्यान्न विद्यालय लेकर आते हैजितना कि उस दिन पकना होता है । मनीराम मार्ग स्थित प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य अनिता सैनी का कहना है कि सबसे बड़ी दिक्कत उनके सामने विद्यालय में बच्चों के पीने के पानी की समस्या बनी है क्योंकि जब विद्यालय खुलता है उस समय पानी बन्द हो जाता है तो भोजन काहे मे पकेगा भोजन पकाने के लिये बच्चों को आधा किमी0 दूर नगर पालिका से बोतलो में भरकर पानी लाया जाता है जिससे बच्चों की न तो पढ़ाई हो रही है और न ही उन्हे मध्याहन भोजन प्राप्त हो रहा हैइन्ही समस्याओं को लेकर गत दिवस भोजन माता संगठन की ओर से बैठक में विचार विमर्श हुआ।
वीरभद्र बैराज में गौरा देवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा भोजन माताओं को भोजन बनाने में कई परेशानियों से रूबरू होना पड़ रहा है। उनका कहना था कई स्कूलों में गैस उपलब्ध नहीं होने से उन्हे लकड़ी पर भोजन पकाना पड़ रहा है। इसके अलावा न तो रसोई की व्यवस्था है ओर न ही सामान आदि रखने की जगह बैठक में षोभा पूर्णी देवी कृृष्णा देवी उर्मिला विमला कुसुम बबिता परमजीत विशेश्वरी देवी माया देवी अनिता सीता कौशल्या लक्ष्मी पूजा अहिल्या आदि मौजूद थे।
कौडिया-किमसार मोटर मार्ग का डामरीकरण होने तक जारी रहेगा आन्दोलन-कपरवाणऋषिकेश, 26 मई, डांडा मण्डल क्षेत्र मंे पहाड़ बचाओं आन्दोलन के अन्तर्गत लोक जागरण अभियान के दौरान उत्तराखण्ड क्रांतिदल के केन्द्रीय उपाध्यक्ष डॉ0षक्तिशैल कपरवाण ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि छः महिने के अन्दर राज्य सरकार कौडिया-किमसार मोटर मार्ग का डामरीकरण नहीं करती है । तो उत्तराखण्ड क्रांति दल जनान्दोलन को तब तक जारी रखेगा जब तक यह मार्ग नहीं बन जाता।
धारकोट से आरम्भ हुए लोक जागरण अभियान का प्रथम चरण रामजीवाला किमसार जोगियाना बणास मल्ला काण्डाखाल बणास तल्ला गंगा भोगपुर में 23 मई 2010 को समाप्त हुआ इस आन्दोलन में राजाजी पार्क के कारण कानून से बाधित अन्य मांगो में बी नदी में पुल का निर्माण महेश योगी आश्रम को राश्ट्रीय पर्यटन संस्थान के रूप में विकसित किया जाना टाटबाबा की समाधि को पार्क प्रषासन से मुक्त करना अैार फूलचट्टी पटना नीलकण्ड मोटर मार्ग निर्माण करना आदि सम्मिलित है। डा0 कापरवाण ने कहा कि दल राजाजी राश्ट्रीय पार्क के नीतियों के विरूद्ध आन्दोलन की रणनीति षीघ्र बनाएगा। भ्रमण के दौरान डंाडामण्डल की जनता ने पेयजल स्वास्थ्य विद्युत षिक्षा मोटरमार्ग खाद्यान्न रसोई गैस निर्बल आवास वृद्ध-वृद्धा विकलांग पंेषन आदि समस्याओं को भी उठाया लोक जागरण अभियान में डा0 षक्तिशैल कपरवाण के नेतृत्व में रणवीर सिंह नेगी राजेन्द्र रावत संजय भट्ट श्रीशचन्द्र षुक्ला श्रीमती रष्मि षुक्ला बीना देवी साधना रावत बालकृश्ण कण्डवाल सुरेष नेगी दर्शनलाल कण्डवाल हुकम सिंह बिष्ट ऋषि ग्वाड़ी भारत षास्त्री राजेन्द्र रावत आदि सम्मिलित थे।
श्रीदेव सुमन के बलिदान से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है-कैन्तुराऋषिकेश, 26 मई,। मुनिकी रेती स्थित सुमन पार्क में श्रीदेव सुमन जी की जयन्ती के अवसर पर महिला काग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती सरोजनी केन्तुरा ने कहा कि टिहरी क्रान्ति के जन नायक श्रीदेव सुमन जी के त्याग और बलिदान से हमें प्रेरणा लेनी चाहिये ।
उनके बताये मार्ग पर चल कर हम नवोदित राज्य के चहुमुखी विकास की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं श्रीदेव सुमन एक महान स्वतन्त्रता सैनानी अपनी धुन के पक्के भारत मां के सच्चे सपूत थे। समाज सेवी बचन सिंह पोखरियाल जी ने कहा है कि हम अपने जीवन में उनके बताये हुए ईमानदारी के रास्ते में चलने का संकल्प लें कार्यक्रम संयोजक नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मनोज द्विवेदी ने कहा कि आज हम सभी यह संकल्प लें कि हम समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी से करे उत्तरारखण्ड काग्रेंस संेवादल के पूर्व अतिरिक्त संगठक रमेश उनियाल जी ने कहा कि श्रीदेव सुमन जी की मृत्यु हृदयविदारक यातनाओं के कारण हुई लेकिन वे झुके नहीं वे हिमालय की तरह अडिग एंव विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले आन्दोलनकारी थे।
कार्यक्रम में प्रेम सिंह नेगी सीएलअमोला पंकज भट्ट वंशीधर उनियाल धनपाल सिंह रावत मधुसेमवाल मुनेश कुमार अंशुल अरोड़ा अनुराग पयाल दिनेश भट्ट सूर्यमणि डंगवाल सतीश गुप्ता मनमोहन षर्मा प्रदीप राणा देवी प्रसाद पुरूषोत्तम भट्ट षशि सिंह अषोक सिंह सुभाष प्रकाष डोभाल भरत बिश्ट आदि उपस्थित थे।
Wednesday, May 26, 2010
केन्द्र सरकार की नीतियों की वजह से उच्च षिक्षा की हालत खस्ता ..मिलिन्द मराठे
देहरादून, 26 मई ,। केन्द्र सरकार की नीतियों की वजह से उच्च षिक्षा की हालत खस्ता है। केन्द्र की षिक्षा नीति गरीबों के लिए नुकसानदेह है और इससे षिक्षा का व्यावसीयीकरण हो रहा है और गरीबों से षिक्षा दिनों दिन दूर होती जा रही है। इसे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिशइ कतई बर्दास्त नहीं करेगी। इसके खिलाफ आन्दोलन छेडा जाएगा। ये कहना है एबीवीपी के राश्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिन्द मराठे का। श्री मराठे बुधवार को राजधानी देहरादून में 27 मई से षुरू हो रहे चार दिवसीय राश्ट्रीय कार्य कार्यकारी की बैठक के षुभारंभ से पहले पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
कर्नल ब्राउन स्कूल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते पिछले कुछ समय में षिक्षा का तेजी से व्यावसायीकरण हुआ है और साथ ही साथ गुणवत्ता में गिरावट भी चिंतनीय स्तर तक आई है। उन्होंने कहा कि परिशद इससे अवगत है और इसके खिलाफ रणनीति बनाई जा रही है और जल्द ही राश्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ अभियान छेडा जाएगा। उन्होंने देष की आन्तरिक सुरक्षा को भी खतरे में बताया और कहा कि अफजल गुरू और आमिर अजमल कसाब जैसे आतंकियों को फांसी पर लटकाने पर जिस तरह का रूख सरकार दिखा रही है उससे उनके मंसूबे मजबूत हो रहे है जिसका खामियाजा देष को अपने नागरिकों की जान दे कर चुकाना पड रहा है। श्री मराठे के साथ उपस्थित परिशद के राश्ट्रीय महामंत्री विश्णुदत्त षर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ में देष में 76 जवानों की षहादत की जिम्मेदार केन्द्र सरकार गलत नीतियां है इसके लिए देष की जनता उसे कभी माफ नहीं करेगी। प्रिशद के राश्ट्रीय मंत्री उमेष दत्त ने कहा िकइस कार्यकारी बैठक में देष के दो अन्य संगठनों विष्व विद्यार्थी युवा संगठन और अन्तर्राज्यीय छात्र जीवन दर्षन समेत परिशद परिवार के देष भर के पदाधिकारी और कार्यकर्ता इसमें भाग ले रहे है। उन्होंने कहा कि चार दिवसीय परिशद की कार्यकारी बैठक में षिक्षा और नवजवानों की समस्याओं समेत वैष्विक पर्यावरणीय समस्याओं पर भी कसरत होगी। उन्होंने कहा कि संगठन देष की षिक्षा में हो रहे खतरनाक बदलावों को लेकर आक्रोषित है और इस बैठक में कोई ठोस योजना बनेगी और जिसे पूरा संगठन लागू करने के लिए प्राणपण से जुटेगा।
कर्नल ब्राउन स्कूल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते पिछले कुछ समय में षिक्षा का तेजी से व्यावसायीकरण हुआ है और साथ ही साथ गुणवत्ता में गिरावट भी चिंतनीय स्तर तक आई है। उन्होंने कहा कि परिशद इससे अवगत है और इसके खिलाफ रणनीति बनाई जा रही है और जल्द ही राश्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ अभियान छेडा जाएगा। उन्होंने देष की आन्तरिक सुरक्षा को भी खतरे में बताया और कहा कि अफजल गुरू और आमिर अजमल कसाब जैसे आतंकियों को फांसी पर लटकाने पर जिस तरह का रूख सरकार दिखा रही है उससे उनके मंसूबे मजबूत हो रहे है जिसका खामियाजा देष को अपने नागरिकों की जान दे कर चुकाना पड रहा है। श्री मराठे के साथ उपस्थित परिशद के राश्ट्रीय महामंत्री विश्णुदत्त षर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ में देष में 76 जवानों की षहादत की जिम्मेदार केन्द्र सरकार गलत नीतियां है इसके लिए देष की जनता उसे कभी माफ नहीं करेगी। प्रिशद के राश्ट्रीय मंत्री उमेष दत्त ने कहा िकइस कार्यकारी बैठक में देष के दो अन्य संगठनों विष्व विद्यार्थी युवा संगठन और अन्तर्राज्यीय छात्र जीवन दर्षन समेत परिशद परिवार के देष भर के पदाधिकारी और कार्यकर्ता इसमें भाग ले रहे है। उन्होंने कहा कि चार दिवसीय परिशद की कार्यकारी बैठक में षिक्षा और नवजवानों की समस्याओं समेत वैष्विक पर्यावरणीय समस्याओं पर भी कसरत होगी। उन्होंने कहा कि संगठन देष की षिक्षा में हो रहे खतरनाक बदलावों को लेकर आक्रोषित है और इस बैठक में कोई ठोस योजना बनेगी और जिसे पूरा संगठन लागू करने के लिए प्राणपण से जुटेगा।
पावर प्रोजेक्ट का भूत सीएम दरबार से उठा
पावर प्रोजेक्ट का भूत सीएम दरबार से उठा
विरोध्ी चाहते हैं 2012 में अर्जुन नहीं अभिमन्यु बने निशंक
देहरादून, 26 मई। पावर प्रोजेक्ट के भूत ने उत्तराखंड सरकार की साख को देशभर में जहां बट्टा लगाने का काम किया वहीं सीएम दरबार के ही कुछ ददरबारियों की कारसतानी के चलते देशभर में प्राचारित करने का षडयंत्रा भी रचा गया। प्रदेश की कमान संभालने के बाद से ही डाक्टर निशंक की राह में हर बार रोड़े अटकाने का काम उनके विरोध्ी करते रहे हैं। लेकिन हर बार अर्जुन की तरह जिस तरह से डाक्टर निशंक ने निशाने साध्कर हर बार विजयश्री हासिल की उसने विरोध्यिों को यह सोचने पर विवश कर दिया कि आखिर निशंक की राजनीति के आगे हर कोई मुकाबला नहीं कर सकता। दो ध््रुवों में बंटे खंडूड़ी व कोश्यारी भी एक ही खेमे में जुटे तो प्रदेश की राजनीति में कई तरह की आशंकाओं को पिफर से पुर्नजन्म मिलता हुआ देखा गया। पावर प्रोजेक्ट के भूत ने निशंक की साख को जहां देशभर में गलत तरीकेे से प्रचारित करने का जो खेल एक टीवी चैनल के इशारे पर खेला गया उसमें भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस व सीएम के दरबारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यहां तक कि टीवी चैनल के दिल्ली कार्यालय में भी डाक्टर निशंक को लाइन पर लेने का खेल एक भाजपा नेता द्वारा पूरी तरह से अंजाम दिया गया। वहीं पूरे खेल को उत्तराखंड में डेढ महीने से अध्कि समय तक रहते हुए ऐसे स्थानपर खेला गया जिसकी भनक प्रदेश के मुख्यमंत्राी डा. निशंक तक को नहीं लग सकी। पावर प्रोजेक्ट को लेकर सारे दस्तावेज जिस तरह से टीवी चैनल को मुहैया कराए गए उसके पीछे कहीं न कहीं एक बड़े षडयंत्रा की बू भी सामने आ निकली है। दस्तावेजों को जिस तरह से दूसरे हाथों में पहुंचाकर पावर प्रोजेक्ट के आवंटन को रोकने का खेल खेला गया उसे लेकर भी पैसे की मोटी डील उभरकर सामने आ गई है। जब प्रदेश के मुख्यमंत्राी डा0 निशंक को अपने खिलापफ रचे गए षडयंत्रा का पता चला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई कि आखिर उन्हीं के कुछ लोगों द्वारा इस षडयंत्रा को पूरी तरह तैयार किया गया। जिसके बाद जांच की तो परत दर परत पूरे घटनाक्रम की खुलकर सामने आ गई। कांग्रेसी नेताओं के साथ-साथ भाजपा नेताओं की भूमिका भी इस मामले में पूरी तरह खुलकर जैसे ही प्रदेश के आका को लगी तो उन्होंने गोपनीय जांच कर उन लोगों से दूरी बनानी शुरू कर दी जो कापफी विश्वास पात्रा माने जाते थे। सबसे पहले पावर प्रोजेक्ट के भूत पर सीएम के दरबारी पर डा. निशंक का कहर टूटा उसके बाद जल विद्युत निगम के योगेंद्र प्रसाद उनके निशाने पर रहे बाकी के बचे लोगों से डा. निशंक ने अब बेहद दूरी बनाकर उन्हें सीएम दरबार से दूर रहने तक की सलाह दे डाली है यहां तक कि मुख्यमंत्राी की पांचवी मंजिल में उनके प्रवेश तक को प्रतिबंध्ति कर दिया गया है क्योंकि पावर प्रोजेक्ट को लेकर पूरा खेल सीएम की पांचवी बिल्डिंग से ही संचालित किया जाता रहा। कुल मिलाकर अब पावर प्रोजेक्ट के भूत पर कांग्रेस कोर्ट जाने की बात जनता के बीच कह तो रही है लेकन विध् िविशेषज्ञों का मानना है कि इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के पास कोई ठोस हथियार कोर्ट में चलाने लायक मौजूद ही नहीं है। क्योंकि पावर प्रोजेक्ट का अंतिम आवंटन अभी तक कागजों में नहीं किया गया है जिसने कांग्रेस के खेल को पूरी तरह बिगाड़ डाला है। वहीं अपने विरोध्यिों को परास्त करने में प्रदेश के सीएम अब पूरी जी जान से जुट गए हैं। और विश्वास का कदम बेहद पफूंक-पफूंक कर रखा जा रहा है। क्योंकि विरोध्ी चाहते हैं कि डा. निशंक अर्जुन की बजाय 2012 में अभिमन्यु की भूमिका निभाते हुए यु( में परास्त हो तभी उनकी विजयश्री हो सकती है।
विरोध्ी चाहते हैं 2012 में अर्जुन नहीं अभिमन्यु बने निशंक
देहरादून, 26 मई। पावर प्रोजेक्ट के भूत ने उत्तराखंड सरकार की साख को देशभर में जहां बट्टा लगाने का काम किया वहीं सीएम दरबार के ही कुछ ददरबारियों की कारसतानी के चलते देशभर में प्राचारित करने का षडयंत्रा भी रचा गया। प्रदेश की कमान संभालने के बाद से ही डाक्टर निशंक की राह में हर बार रोड़े अटकाने का काम उनके विरोध्ी करते रहे हैं। लेकिन हर बार अर्जुन की तरह जिस तरह से डाक्टर निशंक ने निशाने साध्कर हर बार विजयश्री हासिल की उसने विरोध्यिों को यह सोचने पर विवश कर दिया कि आखिर निशंक की राजनीति के आगे हर कोई मुकाबला नहीं कर सकता। दो ध््रुवों में बंटे खंडूड़ी व कोश्यारी भी एक ही खेमे में जुटे तो प्रदेश की राजनीति में कई तरह की आशंकाओं को पिफर से पुर्नजन्म मिलता हुआ देखा गया। पावर प्रोजेक्ट के भूत ने निशंक की साख को जहां देशभर में गलत तरीकेे से प्रचारित करने का जो खेल एक टीवी चैनल के इशारे पर खेला गया उसमें भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस व सीएम के दरबारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यहां तक कि टीवी चैनल के दिल्ली कार्यालय में भी डाक्टर निशंक को लाइन पर लेने का खेल एक भाजपा नेता द्वारा पूरी तरह से अंजाम दिया गया। वहीं पूरे खेल को उत्तराखंड में डेढ महीने से अध्कि समय तक रहते हुए ऐसे स्थानपर खेला गया जिसकी भनक प्रदेश के मुख्यमंत्राी डा. निशंक तक को नहीं लग सकी। पावर प्रोजेक्ट को लेकर सारे दस्तावेज जिस तरह से टीवी चैनल को मुहैया कराए गए उसके पीछे कहीं न कहीं एक बड़े षडयंत्रा की बू भी सामने आ निकली है। दस्तावेजों को जिस तरह से दूसरे हाथों में पहुंचाकर पावर प्रोजेक्ट के आवंटन को रोकने का खेल खेला गया उसे लेकर भी पैसे की मोटी डील उभरकर सामने आ गई है। जब प्रदेश के मुख्यमंत्राी डा0 निशंक को अपने खिलापफ रचे गए षडयंत्रा का पता चला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई कि आखिर उन्हीं के कुछ लोगों द्वारा इस षडयंत्रा को पूरी तरह तैयार किया गया। जिसके बाद जांच की तो परत दर परत पूरे घटनाक्रम की खुलकर सामने आ गई। कांग्रेसी नेताओं के साथ-साथ भाजपा नेताओं की भूमिका भी इस मामले में पूरी तरह खुलकर जैसे ही प्रदेश के आका को लगी तो उन्होंने गोपनीय जांच कर उन लोगों से दूरी बनानी शुरू कर दी जो कापफी विश्वास पात्रा माने जाते थे। सबसे पहले पावर प्रोजेक्ट के भूत पर सीएम के दरबारी पर डा. निशंक का कहर टूटा उसके बाद जल विद्युत निगम के योगेंद्र प्रसाद उनके निशाने पर रहे बाकी के बचे लोगों से डा. निशंक ने अब बेहद दूरी बनाकर उन्हें सीएम दरबार से दूर रहने तक की सलाह दे डाली है यहां तक कि मुख्यमंत्राी की पांचवी मंजिल में उनके प्रवेश तक को प्रतिबंध्ति कर दिया गया है क्योंकि पावर प्रोजेक्ट को लेकर पूरा खेल सीएम की पांचवी बिल्डिंग से ही संचालित किया जाता रहा। कुल मिलाकर अब पावर प्रोजेक्ट के भूत पर कांग्रेस कोर्ट जाने की बात जनता के बीच कह तो रही है लेकन विध् िविशेषज्ञों का मानना है कि इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के पास कोई ठोस हथियार कोर्ट में चलाने लायक मौजूद ही नहीं है। क्योंकि पावर प्रोजेक्ट का अंतिम आवंटन अभी तक कागजों में नहीं किया गया है जिसने कांग्रेस के खेल को पूरी तरह बिगाड़ डाला है। वहीं अपने विरोध्यिों को परास्त करने में प्रदेश के सीएम अब पूरी जी जान से जुट गए हैं। और विश्वास का कदम बेहद पफूंक-पफूंक कर रखा जा रहा है। क्योंकि विरोध्ी चाहते हैं कि डा. निशंक अर्जुन की बजाय 2012 में अभिमन्यु की भूमिका निभाते हुए यु( में परास्त हो तभी उनकी विजयश्री हो सकती है।
Tuesday, May 25, 2010
हिस्ट्रीशिटर के पक्ष में उतरी यूथ कांग्रेस
,देहरादून25 मई। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने थाने के हिस्ट्रीशीटर को छुड़ाने के लिए जिस तरह से आंदोलन का बिगुल बजाया है उसे लेकर सवालिया निशान उठ खड़े हुए हैं। जबकि खुद यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बिष्ट के निवास का सही पता नहीं जानते। लगातार यूथ कांग्रेस के द्वारा आपराध्कि किस्म के लोगों को कांग्रेस में लाए जाने से जहां निष्ठावान कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त हो रहा है वहीं पार्टी की छवि को भी यूथ कांग्रेस पलीता लगाने में जुटी हुई है। 2012 के विधनसभा चुनाव को लेकर भले ही कोई खाका यूथ कांग्रेस द्वारा अभी तक तैयार नहीं किया गया है लेकिन बदमाश को छुड़ाने के लिए पुलिस पर पूरा दबाव बनाया जा रहा है। जबकि लक्ष्मण सिंह बिष्ट की एक साल पूर्व जिला महासचिव के पद पर नियुक्ति की गई है और अभी उन्हें पार्टी का सक्रिय सदस्य नहीं बनाया गया है। जबकि पार्टी संविधन के अनुसार सक्रिय सदस्य बनाए जाने के बाद ही पार्टी में पद सौंपा जाता है। यूथ कांग्रेस के जिला महासचिव पर वर्तमान में गैंगस्टर सहित 6 मुकदमें कायम हैं जिनमें वर्ष 2004 में डोईवाला थाने में जानलेवा हमला, 2005 में विदेशी पिस्टल रखे जाने का मामला, वर्ष 2007 में गैंगस्टर में निरू( किये जाने के साथ-साथ एक हत्याकांड में विकास उपर्फ विक्की के साथ होने का मामला जिसमें विकास जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। इसके साथ ही वर्ष 2009 में सड़क को जाम किये जाने का मामला भी दर्ज है। वहीं वर्ष 2010 में केवल ऑपरेटर को जान से मारने की ध्मकी एवं अवैध् तमंचा बरामद होने के खिलापफ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज से करीब 10 साल पहले जयदीप सिंह नेगी जब वह तिहाड़ जेल से छूटने के बाद वापस आया था तो वह लक्ष्मण सिंह बिष्ट को अपने साथ रानीपोखरी इलाके में लेकर आया था और तभी से वह इसी इलाके में रह रहा है। जबकि पुलिस को भी अभी तक बिष्ट के मूलरूप से रहने का कोई पता नहीं चल सका है और पुलिस भी उसके घर का पता ढूंढने में लगी हुई है। कुल मिलाकर यूथ कांग्रेस बदमाशों को पद सौंप देने के कारण जिस तरह बदनाम होती जा रही है। उसे लेकर इसकी कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगते हुए नजर आ रहे हैं। यूथ कांग्रेस की हर गतिविध् िकी नजर दिल्ली हाईकमान दरबार पर भी लगातार पहुंचती नजर आ रही हैं और जल्द ही प्रदेश में यूथ कांग्रेस के पद पर किसी नए व्यक्ति की ताजपोशी होना भी तय माना जा रहा है। लेकिन यदि इसी तरह यूथ कांग्रेस आपराध्कि किस्म के लोगों को कांग्रेस में पदभार सौंपती रही तो निश्चित रूप से पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम जनता में भीा कांग्रेस के प्रति नकारात्मक सोच पैदा होती चली जाएगी। विवादों में घिरी यूथ कांग्रेस के बदमाश को छोड़े जाने का पुलिस पर बनाया गया दबाव इस तरपफ इशारा कर रहा है कि यूथ कांग्रेस अब बदमाशों को शरण स्थली देने की तरपफ अग्रसर होती जा रही है। जबकि एक समय में युवाओं की रीढ़ माने जाने वाली यूथ कांग्रेस जन आंदोलनांे के साथ-साथ जनता की समस्याओं को उठाने के लिए हमेशा तत्पर रहती थी लेकिन अब यूथ कांग्रेस का बदलता परिवेश निकट भविष्य के लिए शुभ संकेेत नहीं माना जा रहा। वहीं यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी अपने कार्यकर्ताओं की लंबी पफौज योग्यता के आधर पर नहीं बनाने में कामयाब रहे हैं। जिसका खुलकर विरोध् पूर्व में भी सामने आ चुका है और कई पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा ही यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पर पैसे लेकर पद बांटने का आरोप लगाया जा चुका है। वहीं यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शिव प्रसाद भट्ट ने बिष्ट को खटीमा का निवासी बताया है।
महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान करेगी। निशंक
देहरादून 24 मई, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि 108 सेवा और राज्य महिला आयोग के बीच हुये गठबंधन से राज्य में महिला उत्पीड़न के मामलों पर प्रभावशाली रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि 108 सेवा जो अभी तक महिलाओं को स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करती रही है, अब महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक सोमवार को ओ.एन.जी.सी. के ए.एम.एन. घोष सभागार में उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग एवं पण्डित दीन दयाल उपाध्याय देवभूमि 108 आपातकालीन सेवा के आपसी गठबंधन के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने कहा कि दो वर्ष पूर्व राज्य में शुरू हुयी 108 सेवा ने सफलता एवं सकारात्मक परिणामों के नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। प्रसंगवश आंकड़ों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक इस सेवा के माध्यम से लगभग 23 हजार लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में जान बचायी गई है। इस सेवा के लिए पिछले दो वर्ष में लगभग 43 लाख टेलीफोन कॉलें प्राप्त हुई हैं। अभी तक चलती 108 एम्बुलेंस में 14 सौ से अधिक शिशुओं का जन्म हुआ है। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों को भी पता है कि संकट में पड़ने पर 108 डायल करें। उन्होंने कहा कि 108 के साथ पुलिस की सेवा भी प्राप्त होती है। अतः प्रदेश में महिला उत्पीड़न रोकने के लिए 108 एक सफल हेल्पलाइन साबित होगी। उन्होंने कहा कि सरकार महिला कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में वर्तमान वित्तीय वर्ष में 14 सौ करोड़ रुपये के जेंडर बजट का प्रावधान रखा गया है। स्वास्थ के क्षेत्र में सरकार दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में सचल चिकित्सालय के माध्यम से समुचित सुविधायें पहुंचाने का प्रयास कर रही है। 108 सेवा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनूप नोटियाल ने बताया कि 15 मई 2008 को प्रारम्भ हुई यह सेवा उन्नतशील कॉल सेन्टर तकनीकी का प्रयोग कर रही है। यह सेवा स्वास्थ्य के साथ पुलिस से भी जुड़ी होती है, और ऐसी स्थिति में महिला उत्पीड़न की शिकायतों के लिए त्वरित हेल्पलाइन का काम भी कर सकती है। इस अवसर पर राज्य मंत्री महिला सशक्तिकरण एंव बाल विकास श्रीमती विजया बड़थ्वाल, राज्य महिला आयोग अध्यक्ष सुशीला बलूनी, उपाध्यक्ष गीता ठाकुर, सचिव स्वास्थ्य उमाकांत पंवार, सचिव महिला सशक्तीकरण श्रीमती मनीषा पंवार, अपर सचिव मुख्यमंत्री अजय प्रद्योत, दीपम सेठ, विशेषकार्याधिकारी एस.के.द्विवेदी सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
Monday, May 24, 2010
नजमा हेपतुल्ला पर मुस्लिम कार्ड खेल सकती है भाजपा
.....नजमा हेपतुल्ला पर मुस्लिम कार्ड खेल सकती है भाजपा
राज्य सभा चुनाव के लिये सरगर्मियां तेज..............................................देहरादून,२४ मई। प्रदेश से खाली हो रही राज्यसभा सीट को लेकर उत्तराखंड में अंदरखाने घमासान मचा है। सीट को पाने के लिए कई भाजपा नेता एड़ी चोटी का जोर लगाकर हाईकमान की मान मनोबल में लगे हुए हैं। वहीं भाजपा हाईकमान इस सीट पर वरिष्ठ नेत्री नजमा हेपतुल्ला को बैठाने का लगभग मन बना चुका है। क्योंकि भाजपा महिला आरक्षण के साथ-साथ आगामी होने वाले विधनसभा चुनाव को देखते हुए मुस्लिम मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में किये जाने को लेकर भी खाका तैयार कर रहा है। क्योंकि आगामी २०१२ के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम मतदाताओं के सहारे बहुमत प्रदेश में प्राप्त कर सकती है क्योंकि २००७ के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुस्लिम मतदाताओं का सहयोग उस ढंग से नहीं मिल पाया जिसकी आशा की जा रही थी। जिसे देखते हुए अब भाजपा हाईकमान की नजर उत्तराखंड में होने वाले आगामी २०१२ के विधानसभा चुनाव पर जा टिकी है।
भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश भाजपा उत्तराखंड से राज्य सभा की सीट पर नजमा हेपतुल्ला के पक्ष में नजर आ रही क्योंकि उसका मानना है कि मुस्लिम मतदाताओं का वोट भाजपा को अन्य वोटों की अपेक्षा कम मिलता है ।इसलिए राज्यसभा सीट के लिए किसी अन्य का नाम सामने आना चाहिए। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता तरूण विजय भी राज्यसभा जाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। और ऐसी भी जानकारी प्राप्त हो रही है कि प्रदेश के मुखयमंत्री भी तरूण विजय को राज्यसभा भेजने के इच्छुक हैं। वहीं पूर्व मुखयमंत्री भगत सिंह कोश्यारी व भुवनचंद्र खंडूडी नजमा हेपतुल्ला के पक्ष में लॉबिंग करते नजर आ रहे हैं। जबकि भाजपा का एक अन्य गुट प्रदेश के सह प्रभारी डा. अनिल जैन के सुर में सुर मिलाकर राज्यसभा भेजे जाने को लेकर पार्टी हाईकमान पर दबाव बनाता नजर आ रहा है। क्योंकि भाजपा के उत्तराखंड प्र्रभारी के रूप में नये व्यक्ति की ताजपोशी भी होनी बाकी है और प्रदेश के सह प्रभारी डा. जैन कोई खास वजन उत्तराखंड भाजपा में नहीं डाल सके हैं। इसलिए उनके राज्य सभा पहुंचने की संभावनाएं ना के बराबर बनी हुई हैं। यदि हाईकमान स्तर से निर्णय लिया गया तो नजमा हेपतुल्ला के नाम पर भाजपा हाईकमान मुहर लगा सकता है। यदि प्रदेश संगठन अडा तो तरूण विजय को भी राज्यसभा सदस्य के लिए प्रत्याशी बनाया जा सकता है। वहीं कई अन्य भाजपा नेता भी राज्यसभा जाने की जुगत में एडी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। बीते कई दिनों से खंडूडी व कोश्यारी के बीच हुई मुलाकातों को भी इसी नजरिये से देखा जा रहा है कि दोनो मिलकर किसी एक के नाम पर सहमति बनाने का पूरा मन बना चुके हैं। हालांकि राजनैतिक गलियारों में उनकी मुलाकातों को लेकर कई तरह के अर्थ निकाले गए और राजनीति का तापमान भी काफी गरम रहा।
राज्य सभा चुनाव के लिये सरगर्मियां तेज..............................................देहरादून,२४ मई। प्रदेश से खाली हो रही राज्यसभा सीट को लेकर उत्तराखंड में अंदरखाने घमासान मचा है। सीट को पाने के लिए कई भाजपा नेता एड़ी चोटी का जोर लगाकर हाईकमान की मान मनोबल में लगे हुए हैं। वहीं भाजपा हाईकमान इस सीट पर वरिष्ठ नेत्री नजमा हेपतुल्ला को बैठाने का लगभग मन बना चुका है। क्योंकि भाजपा महिला आरक्षण के साथ-साथ आगामी होने वाले विधनसभा चुनाव को देखते हुए मुस्लिम मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में किये जाने को लेकर भी खाका तैयार कर रहा है। क्योंकि आगामी २०१२ के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम मतदाताओं के सहारे बहुमत प्रदेश में प्राप्त कर सकती है क्योंकि २००७ के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुस्लिम मतदाताओं का सहयोग उस ढंग से नहीं मिल पाया जिसकी आशा की जा रही थी। जिसे देखते हुए अब भाजपा हाईकमान की नजर उत्तराखंड में होने वाले आगामी २०१२ के विधानसभा चुनाव पर जा टिकी है।
भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश भाजपा उत्तराखंड से राज्य सभा की सीट पर नजमा हेपतुल्ला के पक्ष में नजर आ रही क्योंकि उसका मानना है कि मुस्लिम मतदाताओं का वोट भाजपा को अन्य वोटों की अपेक्षा कम मिलता है ।इसलिए राज्यसभा सीट के लिए किसी अन्य का नाम सामने आना चाहिए। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता तरूण विजय भी राज्यसभा जाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। और ऐसी भी जानकारी प्राप्त हो रही है कि प्रदेश के मुखयमंत्री भी तरूण विजय को राज्यसभा भेजने के इच्छुक हैं। वहीं पूर्व मुखयमंत्री भगत सिंह कोश्यारी व भुवनचंद्र खंडूडी नजमा हेपतुल्ला के पक्ष में लॉबिंग करते नजर आ रहे हैं। जबकि भाजपा का एक अन्य गुट प्रदेश के सह प्रभारी डा. अनिल जैन के सुर में सुर मिलाकर राज्यसभा भेजे जाने को लेकर पार्टी हाईकमान पर दबाव बनाता नजर आ रहा है। क्योंकि भाजपा के उत्तराखंड प्र्रभारी के रूप में नये व्यक्ति की ताजपोशी भी होनी बाकी है और प्रदेश के सह प्रभारी डा. जैन कोई खास वजन उत्तराखंड भाजपा में नहीं डाल सके हैं। इसलिए उनके राज्य सभा पहुंचने की संभावनाएं ना के बराबर बनी हुई हैं। यदि हाईकमान स्तर से निर्णय लिया गया तो नजमा हेपतुल्ला के नाम पर भाजपा हाईकमान मुहर लगा सकता है। यदि प्रदेश संगठन अडा तो तरूण विजय को भी राज्यसभा सदस्य के लिए प्रत्याशी बनाया जा सकता है। वहीं कई अन्य भाजपा नेता भी राज्यसभा जाने की जुगत में एडी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। बीते कई दिनों से खंडूडी व कोश्यारी के बीच हुई मुलाकातों को भी इसी नजरिये से देखा जा रहा है कि दोनो मिलकर किसी एक के नाम पर सहमति बनाने का पूरा मन बना चुके हैं। हालांकि राजनैतिक गलियारों में उनकी मुलाकातों को लेकर कई तरह के अर्थ निकाले गए और राजनीति का तापमान भी काफी गरम रहा।
Friday, May 21, 2010
करोडों खर्च के बाद भी सडके नहीं सुधरी
देहरादून। शहर की सडकों के सुधार के लिए कुंभ निधि से दस करोड रुपये तो खर्च हो गए, लेकिन सडकें नहीं सुधरीं। आज भी शहर की अनेक गलियों में कुंभ कार्यो के चलते खुदी सडकें यों ही पडी हैं, जिनका ध्यान न तो मेला पशासन को है और न ही नगर पालिका को।
वहीं चारधाम यात्रा शुरू हो गयी है। गंगोत्री व यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्री इस बार भी हिचकोले खाते ही पहुंच रहे हैं। गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्ग पर दोबाटा के बाद चल रहा सडक चौडीकरण कार्य यात्रा के उत्साह को ठंडा करने के लिये काफी है।
हरिद्वार में महाकुंभ निधि से शहर की सडकों के सीसी व हॉटमिक्स निर्माण के लिए दस करोड रुपये खर्च किये गये, लेकिन अभी भी शहर की अनेक सडकें ऐसी हैं, जो बुरी तरह से जर्जर हैं। अधिकांश सडकें तो जल निगम और गंगा पदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा कराई गई खुदाई के कारण टूटी पडी हैं। इन खराब सडकों के चलते जहां कुंभयात्रियों को परेशानी उठानी पडी थी, वहीं आम नागरिकों को भी बेहद मुश्किल का सामना करना पड रहा है। इसके अलावा कुंभ निधि से बनी अनेक सडकें भी अभी से उखडने लगी हैं। इनके बारे में सभासदों की ओर से लगातार शिकायतें की जा रही हैं। भोपतवाला में तो इसी तरह की एक सडक का खुद चेयरमैन ने निरीक्षण किया था। इन सबके बावजूद न तो खराब सडकें बनाने वाले पालिका के इंजीनियरों के खिलाफ कोई कार्रवाई हो रही है और न ही उन सडकों का ख्याल किया जा रहा है, जो बन ही नहीं सकीं। इस संबंध में पालिका के अधिशासी अधिकारी भजन लाल आर्य कहते हैं कि जो सडकें नहीं बनी हैं वे कुंभ निधि से प्रस्तावित नहीं थीं। ऐसे में सवाल उठता है कि करोडों रूपये कहां बहा दिये गये।
वहीं दूसरी ओर गंगोत्री व यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्री इस बार भी हिचकोले खाते ही पहुंच रहे हैं। गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्ग पर दोबाटा के बाद चल रहा सडक चौडीकरण कार्य यात्रा के उत्साह को ठंडा करने के लिये काफी है। गंगोत्री राजमार्ग पर इन दिनों यात्री वाहनों की कतार लगी है। हालांकि ऋषिकेश से धरासू बैंड तक सडक की हालत सामान्य है, लेकिन असली दिक्कत इसके बाद शुरू होती है। पिछले पांच माह से चल रहे सडक चौडीकरण कार्य के कारण आगे की यात्रा दुश्वारियों से भरी है। इससे आगे भटवाडी के बाद करीब १२ किमी तथा डबराणी के निकट भी यात्रा मार्ग की हालत में बहुत सुधार नहीं है। इन जगहों से यात्रा वाहन हिचकोले खाते हुए गुजर रहे हैं। दूसरी ओर यमुनोत्री राजमार्ग धरासू बैंड से कुछ दूरी तक सडक निर्माण कार्य के चलते काफी खराब है। वहीं दोबाटा से रास्तर तक के मार्ग पर उडते धूल के गुबार यात्रियों के लिये परेशानी का सबब बने है। इसके अलावा जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक के पैदल मार्ग में प्रबंधन सही न होने से भारी गहमागहमी की स्थिति पैदा हो रही है। तीर्थयात्रियों के लिये यमुनोत्री धाम पहुंचने में यह पैदल मार्ग ही सबसे ज्यादा जोखिम भरा साबित हो रहा है। गौरतलब है कि ऋषिकेश से गंगोत्री राजमार्ग की दूरी टिहरी झील के चलते बीते चार वर्षो से तीस किमी अधिक हो चली है।
वहीं चारधाम यात्रा शुरू हो गयी है। गंगोत्री व यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्री इस बार भी हिचकोले खाते ही पहुंच रहे हैं। गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्ग पर दोबाटा के बाद चल रहा सडक चौडीकरण कार्य यात्रा के उत्साह को ठंडा करने के लिये काफी है।
हरिद्वार में महाकुंभ निधि से शहर की सडकों के सीसी व हॉटमिक्स निर्माण के लिए दस करोड रुपये खर्च किये गये, लेकिन अभी भी शहर की अनेक सडकें ऐसी हैं, जो बुरी तरह से जर्जर हैं। अधिकांश सडकें तो जल निगम और गंगा पदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा कराई गई खुदाई के कारण टूटी पडी हैं। इन खराब सडकों के चलते जहां कुंभयात्रियों को परेशानी उठानी पडी थी, वहीं आम नागरिकों को भी बेहद मुश्किल का सामना करना पड रहा है। इसके अलावा कुंभ निधि से बनी अनेक सडकें भी अभी से उखडने लगी हैं। इनके बारे में सभासदों की ओर से लगातार शिकायतें की जा रही हैं। भोपतवाला में तो इसी तरह की एक सडक का खुद चेयरमैन ने निरीक्षण किया था। इन सबके बावजूद न तो खराब सडकें बनाने वाले पालिका के इंजीनियरों के खिलाफ कोई कार्रवाई हो रही है और न ही उन सडकों का ख्याल किया जा रहा है, जो बन ही नहीं सकीं। इस संबंध में पालिका के अधिशासी अधिकारी भजन लाल आर्य कहते हैं कि जो सडकें नहीं बनी हैं वे कुंभ निधि से प्रस्तावित नहीं थीं। ऐसे में सवाल उठता है कि करोडों रूपये कहां बहा दिये गये।
वहीं दूसरी ओर गंगोत्री व यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्री इस बार भी हिचकोले खाते ही पहुंच रहे हैं। गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्ग पर दोबाटा के बाद चल रहा सडक चौडीकरण कार्य यात्रा के उत्साह को ठंडा करने के लिये काफी है। गंगोत्री राजमार्ग पर इन दिनों यात्री वाहनों की कतार लगी है। हालांकि ऋषिकेश से धरासू बैंड तक सडक की हालत सामान्य है, लेकिन असली दिक्कत इसके बाद शुरू होती है। पिछले पांच माह से चल रहे सडक चौडीकरण कार्य के कारण आगे की यात्रा दुश्वारियों से भरी है। इससे आगे भटवाडी के बाद करीब १२ किमी तथा डबराणी के निकट भी यात्रा मार्ग की हालत में बहुत सुधार नहीं है। इन जगहों से यात्रा वाहन हिचकोले खाते हुए गुजर रहे हैं। दूसरी ओर यमुनोत्री राजमार्ग धरासू बैंड से कुछ दूरी तक सडक निर्माण कार्य के चलते काफी खराब है। वहीं दोबाटा से रास्तर तक के मार्ग पर उडते धूल के गुबार यात्रियों के लिये परेशानी का सबब बने है। इसके अलावा जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक के पैदल मार्ग में प्रबंधन सही न होने से भारी गहमागहमी की स्थिति पैदा हो रही है। तीर्थयात्रियों के लिये यमुनोत्री धाम पहुंचने में यह पैदल मार्ग ही सबसे ज्यादा जोखिम भरा साबित हो रहा है। गौरतलब है कि ऋषिकेश से गंगोत्री राजमार्ग की दूरी टिहरी झील के चलते बीते चार वर्षो से तीस किमी अधिक हो चली है।
भाजपा एक भी सीट नहीं जीत सकी
नैनीताल: जिला योजना समिति (डीपीसी) के लिए गुरुवार को हुए चुनावों में जिला पंचायत की सभी 14 सीटों पर कांग्रेस-बसपा समर्थित प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। जिनमें से 13 पर कांग्रेस व एक पर बसपा को सफलता मिली। भाजपा एक भी सीट नहीं जीत सकी। निकाय क्षेत्रों के लिए हुए चुनाव में रामनगर नगरपालिका के एक पद पर कांग्रेस जबकि हल्द्वानी के चार, लालकुआं व नैनीताल के एक-एक पद पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने मैदान मारा।
जिला पंचायत दफ्तर में गुरुवार को डीपीसी के लिए सुबह 8 बजे से मतदान प्रक्रिया शुरू हुई। अपराह्न एक बजे तक कुल पंजीकृत 106 मतदाताओं में से 105 के वोट पड़ चुके थे। मतदान के लिए 5 कक्ष बनाए गए थे। अपराह्न 3.30 बजे से डीएम शैलेश बगौली, सीडीओ पंकज पाण्डे की मौजूदगी में मतगणना शुरू हुई। मतगणना के बाद चुनाव परिणाम घोषित किए गए। जिसके तहत जिला पंचायत के लिए कांग्रेस समर्थित अनिल आर्या, कमलेश चौधरी, गणेश आर्य, गीता जोशी, गीता बिष्ट, गोपाल बिष्ट, चनीराम, तारा सिंह नेगी, प्रदीप सिंह, प्रियंका लमगड़िया, यमुना बोरा, सतीश नैनवाल, संजय शाह व बसपा समर्थित तारा दत्त पाण्डे ने जीत दर्ज की। जिला पंचायत की सीट पर भाजपा प्रत्याशियों को पराजय का मुंह देखना पड़ा। जिला पंचायत में एकतरफा जीत के बाद कांग्रेस व बसपा समर्थित प्रत्याशी व उनके समर्थक झूम उठे और उन्होंने कांग्रेस-बसपा गठबंधन जिंदाबाद के नारे लगाए।
डीपीसी में नगर निकाय क्षेत्रों में रामनगर के एक पद को छोड़कर हल्द्वानी, नैनीताल व लालकुआं को मिलाकर आधा दर्जन पदों पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। नैनीताल में भाजपा समर्थित प्रेम सागर ने 5 मत पाकर जीत दर्ज की। यहां कांग्रेस समर्थित दीपा मिश्रा व निर्दलीय मनोज अधिकारी को 4-4 मत मिले। रामनगर से विजयी काग्रेस समर्थित जितेंद्र बिष्ट को 10 व भाजपा समर्थित सत्यप्रकाश को 5 वोट मिले। हल्द्वानी नगरपालिका के सभी 4 पदों पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी जीते। विजयी जोगेंद्र रौतेला को 16, महेद्र नागर को 18, हरिमोहन अरोड़ा को 16 व राधा तिवारी को 14 मत मिले। लालकुआं से भाजपा समर्थित विनोद श्रीवास्तव ने 22 मत पाकर जीत दर्ज की। निकायों में जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने नैनीताल क्लब में विजयी प्रत्याशियों के साथ जीत की खुशी मनाई।
हल्द्वानी के एक पद के लिए भाजपा समर्थित राधा तिवारी व राजेंद्र भाकुनी को 14-14 मत मिले। इसके बाद डीएम शैलेश बगौली ने परिणाम के लिए लाटरी पद्धति अपनाई। लाटरी राधा तिवारी के नाम खुली।
जिला पंचायत दफ्तर में गुरुवार को डीपीसी के लिए सुबह 8 बजे से मतदान प्रक्रिया शुरू हुई। अपराह्न एक बजे तक कुल पंजीकृत 106 मतदाताओं में से 105 के वोट पड़ चुके थे। मतदान के लिए 5 कक्ष बनाए गए थे। अपराह्न 3.30 बजे से डीएम शैलेश बगौली, सीडीओ पंकज पाण्डे की मौजूदगी में मतगणना शुरू हुई। मतगणना के बाद चुनाव परिणाम घोषित किए गए। जिसके तहत जिला पंचायत के लिए कांग्रेस समर्थित अनिल आर्या, कमलेश चौधरी, गणेश आर्य, गीता जोशी, गीता बिष्ट, गोपाल बिष्ट, चनीराम, तारा सिंह नेगी, प्रदीप सिंह, प्रियंका लमगड़िया, यमुना बोरा, सतीश नैनवाल, संजय शाह व बसपा समर्थित तारा दत्त पाण्डे ने जीत दर्ज की। जिला पंचायत की सीट पर भाजपा प्रत्याशियों को पराजय का मुंह देखना पड़ा। जिला पंचायत में एकतरफा जीत के बाद कांग्रेस व बसपा समर्थित प्रत्याशी व उनके समर्थक झूम उठे और उन्होंने कांग्रेस-बसपा गठबंधन जिंदाबाद के नारे लगाए।
डीपीसी में नगर निकाय क्षेत्रों में रामनगर के एक पद को छोड़कर हल्द्वानी, नैनीताल व लालकुआं को मिलाकर आधा दर्जन पदों पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। नैनीताल में भाजपा समर्थित प्रेम सागर ने 5 मत पाकर जीत दर्ज की। यहां कांग्रेस समर्थित दीपा मिश्रा व निर्दलीय मनोज अधिकारी को 4-4 मत मिले। रामनगर से विजयी काग्रेस समर्थित जितेंद्र बिष्ट को 10 व भाजपा समर्थित सत्यप्रकाश को 5 वोट मिले। हल्द्वानी नगरपालिका के सभी 4 पदों पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी जीते। विजयी जोगेंद्र रौतेला को 16, महेद्र नागर को 18, हरिमोहन अरोड़ा को 16 व राधा तिवारी को 14 मत मिले। लालकुआं से भाजपा समर्थित विनोद श्रीवास्तव ने 22 मत पाकर जीत दर्ज की। निकायों में जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने नैनीताल क्लब में विजयी प्रत्याशियों के साथ जीत की खुशी मनाई।
हल्द्वानी के एक पद के लिए भाजपा समर्थित राधा तिवारी व राजेंद्र भाकुनी को 14-14 मत मिले। इसके बाद डीएम शैलेश बगौली ने परिणाम के लिए लाटरी पद्धति अपनाई। लाटरी राधा तिवारी के नाम खुली।
Tuesday, May 4, 2010
शकुनी मामा की भूमिका आखिर जिसने निभाई
देहरादून। जनचर्चा है कि खण्डूडी व कोश्यारी में संधि हो गयी है और खण्डूडी किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। पिछले कई सालों से खंडूडी व कोश्यारी आपस में भिडे रहे और इस लडाई के बीच शकुनी मामा की भूमिका आखिर जिसने निभाई वह अब दोनों के ही निशाने पर बना हुआ है। पिछले काफी समय से खंडूडी के तख्ता पलट को लेकर यह प्रचारित किया जाता रहा कि कोश्यारी गुट खडूडी की घेराबंदी में लगा हुआ है और मुख्यमंत्री पद को लेकर जोर आजमाईश की जा रही है जिसके बाद दिल्ली दरबार तक कोश्यारी व खंडूडी की लडाई खुलकर सामने आई और खंडूडी के तख्ता पलट के बाद प्रदेश की कमान डा. निशंक के हाथों में चली गई। अब जब दोनों के बीच लडाई कराने का खुलासा हुआ तो पता चला कि कभी भी दोनों पक्षों के बीच एक दूसरे को लेकर किसी ने भी मनमुटाव की बातें नहीं कही। जिसके बाद दोनों ही पक्ष आपस में गले मिलकर अब उस सकुनी मामा का सबक सिखाने का मन बना चुके हैं जिसकी बदौलत दोनों पक्षों में शीत युद्ध जारी रहा। प्रदेश की भाजपा सरकार में लगातार अन्तःविरोध के स्वर सामने देखे जाते रहे और जिसका परिणाम यह रहा कि लोक सभा की पांचों सीटे भाजपा कांग्रेस की झोली में देने को मजबूर होती चली गई। शकुनी मामा के दिमाग ने प्रदेश की राजनीति में ऐसा बवंडर खडा किया जिससे दोनों लड्डू शकुनी मामा के हाथ लगे और खंडूडी व कोश्यारी प्रदेश की राजनीति से हाशिये पर चले गए। अब जब दोनों के बीच बैठकर वार्तालाप हुआ तो पता चला कि कभी भी दोनो पक्षों में अन्तःविरोध की कोई बातें नहीं कही गई और पूरा खेल शकुनी मामा ने इस तरह से रचाया कि दोनों पक्ष इस खेल में उलझ कर रह गये या यह कहा जाए राजनीति के महायोद्धाओं को अभिमन्यु की तरह निशाना बना दिया गया और खुद राजनीति के अर्जुन की तरह निशाना साध्कर अपनी विजयश्री हासिल कर ली। अब शकुनी मामा का भेद खुद जाने के बाद उसे इस बात का डर सता रहा है कि आखिरकार अब दोनों पक्षों को किस तरह अलग किया जाए जिससे दोनों की ताकत का बंटवारा हो और उनकी राह में कोई रोडा सामने न आ सके। कुल मिलाकर प्रदेश में चले राजनैतिक ड्रामे ने कांग्रेस को जहां पांचों लोकसभा सीटें दे डाली वहीं अब राज्यसभा जाने के लिए भी कई नेता एडी चोटी का जोर लगाते हुए देखे जा रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर उत्तराखण्ड के नेताओं की जंग राज्यसभा सीट को लेकर तेज हो गयी है, प्रदेश के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि भाजपा नेता तरूण विजय को राज्य सभा में भेजा जाए। वहीं मुस्लिम वोटों पर कब्जा करने के इरादे से नजमा हेमतुल्ला को राज्यसभा में भेजे जाने का खाका दूसरा गुट तैयार करने में जुट गया है। जबकि हाईकमान २०१२ के उत्तराखंड में होने वाले मुस्लिम वोटों को कब्जा करने के इरादे से यह सीट किसी महिला को देने का मन बना रहा है क्योंकि ३३ प्रतिशत आरक्षण का लाभ महिलाओं को देने के साथ-साथ भाजपा किसी भी कीमत पर २०१२ का चुनाव जीतना चाहती है। कुल मिलाकर शकुनी मामा का भेद खुल जाने से अब उसे अपने ऊपर मंडरा रहा खतरा भी बढता हुआ दिखाई दे रहा है और अब शकुनी मामा हर चाल बेहद फूंक-फूंक कर चलने में खुद दिलचस्पी ले रहे हैं।उसकी नजर में कोई भी विश्वास के काबिल नहीं जिसपर विश्वास किया जा सके। वहीं ऐसी भी चर्चाएं हैं कि अब दोनों ताकत मिलकर एक नए भूचाल को भी हवा दे सकती हैं।
वहीं दूसरी ओर उत्तराखण्ड के नेताओं की जंग राज्यसभा सीट को लेकर तेज हो गयी है, प्रदेश के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि भाजपा नेता तरूण विजय को राज्य सभा में भेजा जाए। वहीं मुस्लिम वोटों पर कब्जा करने के इरादे से नजमा हेमतुल्ला को राज्यसभा में भेजे जाने का खाका दूसरा गुट तैयार करने में जुट गया है। जबकि हाईकमान २०१२ के उत्तराखंड में होने वाले मुस्लिम वोटों को कब्जा करने के इरादे से यह सीट किसी महिला को देने का मन बना रहा है क्योंकि ३३ प्रतिशत आरक्षण का लाभ महिलाओं को देने के साथ-साथ भाजपा किसी भी कीमत पर २०१२ का चुनाव जीतना चाहती है। कुल मिलाकर शकुनी मामा का भेद खुल जाने से अब उसे अपने ऊपर मंडरा रहा खतरा भी बढता हुआ दिखाई दे रहा है और अब शकुनी मामा हर चाल बेहद फूंक-फूंक कर चलने में खुद दिलचस्पी ले रहे हैं।उसकी नजर में कोई भी विश्वास के काबिल नहीं जिसपर विश्वास किया जा सके। वहीं ऐसी भी चर्चाएं हैं कि अब दोनों ताकत मिलकर एक नए भूचाल को भी हवा दे सकती हैं।
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