Thursday, August 12, 2010

मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त न्यायमूर्ति बारिन घोष को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।


उत्तराखण्ड की राज्यपाल श्रीमती मार्ग्रेट आल्वा ने आज राजभवन ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त न्यायमूर्ति बारिन घोष को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। शपथ ग्रहण से पूर्व रजिस्ट्रार जनरल श्री रवीन्द्र मैठाणी ने भारत सरकार द्वारा जारी नियुक्ति सम्बन्धी अधिसूचना का उल्लेख करते हुए कार्यक्रम का संचालन किया।
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के सातवें मुख्य न्यायाधीश के इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रदेश के विधान सभा अध्यक्ष श्री हरवंश कपूर, मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियाल ’निशंक’, पूर्व मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चन्द्र खंडूड़ी, मेयर श्री विनोद चमोली, सांसद श्री सतपाल महाराज, शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक, विधायक श्री गणेश जोशी, श्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल, श्री दिनेश अग्रवाल, मुख्य सचिव श्री एन.एस. नपच्याल, प्रमुख सचिव श्री सुभाष कुमार, प्रमुख सचिव श्री राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव श्री राजीव गुप्ता, परिवहन आयुक्त श्री एम. रामास्वामी, प्रमुख सचिव न्याय श्रीमती इन्दिरा आशीष, सचिव राज्यपाल श्री अशोक पई, अपर सचिव राज्यपाल श्री अरूण ढौड़ियाल, आयुक्त गढ़वाल मण्डल श्री अजय नबियाल, प्रमुख सचिव विधान सभा श्री महेश चन्द्र, डी.जी.पी. श्री जे.एस. पाण्डे अपर सचिव श्री दीपम सेठ सहित शासन-प्रशासन के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
समारोह में उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल, न्यायमूर्ति बी.सी.काण्डपाल रजिस्ट्रार इंस्पेक्शन श्री प्रशांत जोशी, रजिस्ट्रार प्रोटोकाल श्री अनुज कुमार तथा जिला जज देहरादून श्री यू.सी.ध्यानी सहित बार एसोसिएशन के कई वरिष्ठ अधिवक्ता, उत्तराखण्ड के वरिष्ठ महाधिवक्ता श्री बाबुलकर तथा बड़ी संख्या में गणमान्य महानुभाव उपस्थित थे।
नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बारिन घोष का जन्म 05 जून, 1952 को कलकत्ता में हुआ। बी.काम. एल.एल.बी. की शिक्षा/उपाधि ग्रहण करने पश्चात दिसम्बर 1978 में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत होकर वे कलकत्ता हाईकोर्ट में मुख्यतः सिविल कम्पनी तथा कॉस्टीटशूनल अफेयर्स पर पै्रक्टिस करते रहे। 14 जुलाई, 1995 में उनकी नियुक्ति कलकत्ता हाईकोर्ट में स्थाई न्यायाधीश के पद पर हुई। वे जनवरी 2005 में पटना हाईकोर्ट स्थानांन्तरित हुए। न्यायामूर्ति घोष इससे पूर्व जम्मू कश्मीर तथा सिक्किम हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर कार्यरत रहे।

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