देहरादून 04 अगस्त, 2010- हमारा प्रयास यही रहना चाहिए कि जिला, राज्य, केन्द्र, बाह्य सहायतित योजनाओं में धनराशि के समय से सदुपयोग में भी हमारा उत्तराखण्ड देश में तथा देहरादून जनपद उत्तराखण्ड में प्रथम स्थान पर रहे ताकि राज्य मुख्यालय का जनपद होने के नाते अन्य जनपदों के लिये यह अनुकरणीय जनपद बन सके। मुख्यमंत्री ने इन योजनाओं में प्रगति के प्रति असन्तोष व्यक्त करते हुये जनपदों के प्रभारी मंत्रियों को पत्र लिखकर निर्देश देते हुये खेद व्यक्त किया है और कर्तव्य निर्वहन, जिम्मेदारी, ढिलाई के प्रति तेजी लाने की अपेक्षा की है। उन्होंने सात दिनों के भीतर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिये भी निर्देशित किया है। यह बातें देहरादून जनपद के प्रभारी मंत्री (राज्यमंत्री समाज कल्याण एवं आपदा प्रबन्धन) खजान दास ने विधान भवन में आयोजित समस्त विभागों की जिला राज्य /केन्द्र पोषित/बाह्य सहायतित योजनाओं व विभिन्न विकास कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने इस बात पर अत्यन्त खेद व असन्तोष व्यक्त किया कि जून 2010 तक जनपद दूसरे नम्बर पर होने के बावजूद जुलाई में और पिछड़ रहा है। उन्होंने कहाकि सभी विभाग सामन्जस्य व समन्वय बिठाकर सहयोग से कार्य करते हुये कर्तव्य पालन,जन सेवा व जिम्मेदारी समझते हुये कार्यकर जनपद को प्रथम स्थान पर लायें। सभी विभाग उपलब्ध धनराशि का समय से सदुपयोग करते हुये कार्यों में तेजी लायें। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके बावजूद भी जो अधिकारी लापरवाही करेंगे उनके विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिये भी नहीं चूकेंगे। उन्होंने जिलाधिकारी को 7 दिन के भीतर विभिन्न योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि सूचनाओं के सही एवं समय से भेजने थ्योरिटिकल व प्रैक्टिकल की सूचनाओं में एकरूपता, समयबद्धता, पारदर्शिता, वायदे के अनुसार निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण करने, जन अपेक्षाओं का ध्यान रखने का विशेष ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहाकि उपलब्ध धनराशि का पूर्ण उपयोग हो और अगले वर्ष के लिये धनराशि अवशेष न छोड़ी जाय। उन्होंने कहाकि विभागीय अधिकारी सम्बन्धित विभागों एवं जिलाधिकारी के सहयोग से आ रही कठिनाईयों का त्वरित निस्तारण करते हुये योजनाओं को समय से पूर्ण करें। उन्होंने कहाकि 2 माह बाद फिर से समीक्षा बैठक में अपेक्षित परिणाम सामने आने चाहिए तथा दिये गये निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने लापरवाह अधिकारियों को आगाह किया कि सूचनाऐं समय पर एवं सही उपलब्ध करायें व गत वर्ष की भांति जनपद को प्रथम स्थान पर लाने के लिये एकजुट प्रयास करें अन्यथा कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही से भी नहीं चूकेंगे। उन्होंने अधिकारियों से अपनी सुस्त कार्य प्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिये। राज्यमंत्री श्री दास ने विभिन्न स्थानों पर मार्गों का निर्माण कर इन्हें शहीदों के नाम से करने की कार्रवाई के भी निर्देश दिये विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं उनके प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति पर भी खेद व्यक्त करते हुये कहाकि कई विभागों को प्रगति अत्यन्त ही असन्तोषजनक है जिन्हें तेजी से काम करने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी डी0 सैन्थिल पाण्डियन ने कहाकि अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष व्यय में तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने जल निगम, समाज कल्याण, मनरेगा, लोक निर्माण, वन विभागों -2 (2)
को निर्देशित किया कि व्यय की स्थिति में तेजी लाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहाकि निर्देशों के अनुपालन में एक माह के भीतर अपेक्षित तेजी न लाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारम्भ की जायेगा। उन्होंने कहाकि जिला, राज्य, केन्द्र पोषित व बाह्य सहायतित योजनाओं का गत वर्ष का 130 करोड रुपये अवशेष है जिससे इस वर्ष की व्यय की प्रगति का प्रतिशत भी कम हुआ है। जिलाधिकारी ने उपलब्ध समस्त धनराशि दिसम्बर 2010 तक व्यय कर लेने के निर्देश दिये। परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण देहरादून डॉ0 आर0एस0 पोखरिया ने बताया कि वर्ष 2010-00 में जिला योजना में जुलाई तक चारों सैक्टरों में अनुमोदित परिव्यय 37604.75 लाख, शासन से अवमुक्त धनराशि 14211.33 लाख, क्रमिक व्यय 4938.74 लाख है जो शासन से अवमुक्त कुल व्यय का 34.75 प्रतिशत है। 1 अप्रैल 2010 का अवशेष 13097.01 लाख रुपये है। बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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