दून जेल के जेलर एसके सुखीजा की अनूठी पहल
उत्तराखंड की जेल में धर्मिक वातावरण से होगी सार्थक पहल
-नारायण परगांई-
देहरादून,। देशभर में जहां रामलीलाओं की गूंज से प्रभु राम का गुनगान हो रहा है ऐसे में जेलों में बंद कैदी भी अगर राम नाम का जाप करें तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं। इन दिनों देहरादून जेल में बंद कैदी भगवान राम की भक्ति में रमकर राम नाम का जाप कर रहे हैं। और अब तक करीब चार लाख राम नाम लिख चुके हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब उत्तराखंड के किसी जेल में कैदियों ने राम नाम के पाठ का सिमरन किया हो। हालांकि कैदियों को अपने चरित्रा में परिवर्तन लाने के लिए जेल प्रशासन कई तरह के कामों को अंजाम देता है लेकिन इस तरह का यह पहला अनूठा काम जेल परिसर में शुरू हो पाया है। जेल में आने वाले कैदी जहां भगवान राम के नाम से अपने पिछले बिताये पापों का प्रायश्चित करने में जुटे हैं वहीं यह नई पहल जेल के भीतर भी धर्मिक वातावरण को और अध्कि बढा रही है। देहरादून जेल में शुरू से ही जेल से अपराध्यिों के नेटवर्क चलने की बातें सुर्खियों में रहती हैं और अब राम नाम के पाठ से जेल इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है। देहरादून निवासी राम नाम बैंक के संयोजक संजीव शर्मा का कहना है कि ट्टषिकेश में राम नाम स्तम्भ जिस प्रकार से स्थापित है ठीक उसी प्रकार देहरादून में भी राम नाम स्तम्भ बनाने की उनकी प्रेरणा है और इसी प्रेरणा को उन्होंने जाग्रत करने के लिए करीब पचास अरब राम नाम का संग्रह करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस काम को और अण्कि सार्थक गति देने के लिए उन्होंने देहरादून जेल के जेलर एसके सुखीजा से जेल परिसर में कैदियों को राम नाम का जाप कराने की बात कही जिसकें बाद जेल परिसर में बीते सप्ताह राम नाम का संग्रह करने के लिए कैदियों को कहा गया। जेल में बंद करीब सौ कैदियों ने एक सप्ताह के भीतर ही करीब चार लाख राम नाम के जाप का संग्रह कर डाला। जिससे ऐसा लगा कि जेल के भीतर भी रहने वाले कैदी अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए भगवान की शरण में जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जेल में बंद कैदी भी राम नाम के संग्रह को एकत्रा करने में मदद कर रहे हैं ठीक उसी तरह अन्य सामाजिक व धर्मिक संगठनों से भी इसमें सहयोग मिल रहा है। जेल में बंद कैदियों द्वारा भगवान राम के रंग में रंगकर भक्ति भावना को इस कडी से भी जोडकर देखा जा रहा है कि जेल में आने वाले अध्कितर कैदी वहांधर्मिक वातावरण भी चाहते हैं। निशिचत रूप से इस नई पहल का कई राजनैतिक एवं सामाजिक संगठनों ने भी खुलकर सहयोग करेन की बात कही है और वह दिन दूर नहीं जब जेल में बंद कैदी धर्मिक भावना को आम आदमी से भी पीछे छोडने में एक सार्थक पहल करेंगे। माना जा रहा है कि इस तरह के नए प्रयास से जहां कैदियों के बौ(क एवं उनके विचार धरा में धर्मिक भावना पैदा होगी वहीं जेल से अपनी सजा पूरी करने के बाद एक अच्छे नागरिक के रूप में अपना जीवन यापन कर सकेंगे। देहरादून जेल के जेलर एसके सुखीजा ने बताया कि जेल परिसर के भीतर कैदियों को वैसे तो हर तरह का अच्छा वातावरण उपलब्ध् कराया जाता है लेकिन इस राम नाम की अनूठी पहल से कैदियों में धर्मिक भावना बढी है और निश्चित रूप से यहां आनेवाले कैदियों को धिर्मक वातावरण के साथ-साथ यह पहल एक अनूठी पहल होगी। इसके साथ ही जेल परिसर में एक मन्दिर का भी निर्माण शुरू कराया गया है जहां कैदी जेल में जानेसे पहले अपने पापों का प्रायश्चित भगवान के दरबार में मत्था टेक कर सके। उन्होंने कहा कि जेल परिसर में जहां धर्मिक वातावरण से जेल के अन्य के वातावरण में परिवर्तन होगा वही ं राम नाम की गूंज से कैदियों की बौ(क विचारधरा में भी परिवर्तन आएगा।
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