Wednesday, February 17, 2010

चीन में करोड़ों रह जाएंगे कुंआरे

विकास के कई मोर्चों को फतह कर आगे बढ़ रहे चीन के पुरुषों के लिए बुरी ख़बर है। एक रिपोर्ट के
मुताबिक, 2020 तक करीब ढाई करोड़ चीनी दूल्हों के लिए दुल्हन खोजना बेहद मुश्किल होगा। रिपोर्ट कहती है कि इसकी वजह चीन में लगातार गड़बड़ा रहा लिंग अनुपात है। दुनिया में सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश चीन में चाइनीज़ ऐकेडमी ऑफ सोशल साइंस नाम की संस्था ने यह रिपोर्ट तैयार की है। इसके मुताबिक लिंग अनुपात में असंतुलन की वजह चीनी लोगों का खास लिंग के मुताबिक गर्भपात (अबॉर्शन)कराना है। इसके चलते आने वाले 10 सालों में करीब 1.3 करोड़ लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी होने वाली हैं। संस्था का दावा है कि 1980 के बाद बड़ी तादाद में पैदा हुए पुरुषों की वजह से आगे चलकर ऐसी शादियां होंगी, जहां पत्नी की उम्र पति से काफी ज़्यादा होगी। अकादमी के अनुसार गैरकानूनी करार दिए जाने के बावजूद नॉन मेडिकल वजहों के लिए सेक्स (लिंग)के चुनाव की सुविधा चीन में मौजूद है। यह समस्या चीन के ग्रामीण इलाकों में सामाजिक सुरक्षा की कमी के चलते ज़्यादा है। चीन के नैशनल पॉपुलेशन ऐंड फैमिली प्लानिंग कमिशन के मुताबिक जन्म के समय स्त्री-पुरुष औसतन अनुपात 100 लड़कियों पर 103 से 107 लड़कों का है। चीन ने 1979 में परिवार का आकार घटाने के लिए एक बच्चे की नीति लागू की थी। इस नीति ने चीन में देर में शादी करने के चलन को बढ़ावा दिया और इस नीति के चलते लिंग अनुपात में गड़बड़ी आई।

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