अब से पोर्नोग्राफिक वेबसाइट बैन करने का अधिकार सरकार को नहीं है! जी हां। आईटी एक्ट (2000)में हालिया सुधार के बाद सरकार के पास अब ऐसा कोई अधिकार नहीं है जिसके जरिए वह सविता भाभी डॉट कॉम जैसी पोर्न साइट पर प्रतिबंध लगा सके। अब ऐसी किसी भी वेबसाइट कै बैन करने का अधिकार केवल कोर्ट के पास होगा। 27 अक्टूबर 2009 को सेक्शन 69A को आईटी एक्ट में इंट्रोड्यूस किया गया। इसके लागू करते ही सरकार के हाथ से किसी भी पोर्न साइट को बैन करने की कार्यकारी ताकत ले ली गई। हालांकि सरकार अब भी पोर्न साइट को बैन कर सकती है लेकिन केवल उन्हीं साइट्स को जो कानून के शासन (पब्लिक ऑर्डर) के लिए खतरा पैदा करें। हालांकि किसी पोर्न साइट से पब्लिक लॉ एंड ऑर्डर के प्रभावित होने की संभावना कम ही है। ऐसा लगता नहीं है कि सविता भाभी जनता के बीच कोई दंगा करवा सकती है।
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और स्टोरीज़ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करेंसेक्शन 69A से पहले वाले एक्ट सेक्शन 69 के तहत सरकार पोर्न साइट बैन करने के लिए कदम उठा सकती थी। नए प्रोविजन ने पिछले प्रोविजन में दिए गए उन पांच मुख्य आधारों को ध्यान में रखा है जिनके आधार पर किसी वेबसाइट को बैन किया जा सकता है। ये पांच आधार हैं- देश की संप्रभुता और एकता को खतरा, देश की सुरक्षा के लिए, किसी राज्य की सुरक्षा के लिए, दूसरे देशों के साथ दोस्ताना संबंधों के मद्देनजर और आंतरिक कानून व्यवस्था के लिए। अब पोर्न साइट से ऐसी किसी भी समस्या के पैदा होने का खतरा बमुश्किल ही है। इस नए प्रोविजन के तहत कानून निर्माताओं ने सरकार को मोरल पुलिसिंग से रोक ही दिया है।
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