Tuesday, February 16, 2010

मकान खाली न कराने को लेकर कपूर ने दिखाया दबदबा

देहरादून,। मकान मालिक को किरायेदार से मकान खाली कराने में ज्यादा परेशानियों का सामना भले ही कानून के अनुसार न करना हो लेकिन राजधनी देहरादून में एक मकान मालिक को किराये पर मकान देना महंगा साबित हो गया है। यहां तक कि नियम कानूनों को पूरी तरह ताक पर रखकर अब ऊंची पहुंच का दबदबा दिखाने के साथ ही मकान खाली न किये जाने की बातें कही जा रही ह। इतना ही नहीं मकान मलिक को पिछले तीन महीने से जहां मकान का किराया नहीं दिया गया वहीं पुलिस में कार्रवाई किये जाने को लेकर भी उसकी एक नहीं सुनी गई। जबकि कानून के अनुसार कोर्ट ने ऐसे मकान मालिकों को राहत देने की बात कही है जिनके यहां किराए दार वर्षों से जमे होने के बाद मकान खाली नहीं करते हैं। ताजा मामला सिंचाई विभाग में कार्यरत बलवीर सिंह चौहान से जुडा हुआ है। थाना नेहरू कालोनी क्षेत्रा के अंतर्गत जोगीवाला स्थित बद्रीपुर में बलवीर सिंह चौहान ने अपना मकान आशीष कपिल को ४२०० रूपये प्रतिमाह के हिसाब से किराये पर दिया था और कुछ महीनों बाद मकान खाली किये जाने की बात अशीष कपिल द्वारा कही गयी थी। लेकिन दिसंबर महीने से आशीष कपिल द्वारा न तो बलवीर सिंह चौहान को मकान का किराया दिया गया और न ही मकान खाली किया जा रहा है। जिसे लेकर बीती २६ जनवरी को नेहरू कालोनी थाने में श्री चौहान द्वारा आशीष कपिल के खिलापफ किराया न देने व ध्मकाने की तहरीर पुलिस को दी गई लेकिन कार्रवाई करना तो दूर पुलिस ने पूरे मामले की जांच कहने की बात कह डाली। जिसके बाद पुनः १० पफरवरी को पुलिस को श्री चौहान द्वारा मकान खाली कराने को लेकर गुहार लगाई गई लेकिन इस बार आशीष कपिल के रिश्तेदार मोहित वालिया ने मध्य प्रदेश के स्पीकर से उत्तराखंड के स्पीकर हरबंस कपूर को पफोन करवाकर मकान खाली न करने की बात कह डाली। जिसके बाद राज्य के स्पीकर श्री कपूर ने जनपद के जिलाध्किारी व एसएसपी को पफोन कर आशीष कपिल की मदद किये जाने की बात कही गई। इसके बाद दबाव बनाने के लिए दोनों पक्षों को अपने आवास पर बुलाया गया जहां श्री चौहान के अनुसार स्पीकर कपूर द्वारा अशीष कपिल को एक दो साल तक मकान खाली न करवाने की बात कही गई। और पूरे मामले को रपफादपफा करने के लिए दबाव भी बनाया गया। मकान खाली करवाने के लिए अब श्री चौहान एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं जबकि दो माह बाद उनके भाई की लडकी की अप्रेल में शादी होनी तय है। गढवाल में परिवार के अन्य सदस्य रहने के कारण अब उन्हें देहरादून आना है लेकिन उनके सामने मकान खाली न होने की सबसे बडी मजबूरी आ खडी हुई है। जबकि विधनसभा अध्यक्ष के गरिमामय पद पर बैठे श्री कपूर को मकान खाली कराने के लिए इस तरह के दाव-पेंच नहीं आजमाने चाहिए थे। कुल मिलाकर इस पूरे घटनाक्रम ने यह बात साबित कर दी है कि दबाव बनाकर राजधनी दून सहित पूरे उत्तराखंड में मकान खाली न कराने की एवज में राजनैतिक दबाव भी पुलिस को सहन करना पड रहा है। जिसके चलते निष्पक्ष पीडत को न्याय मिल पाना बेहद कठिन है पुलिस के अध्किारी भी मानते हैं कि जिस तरह से इस मामले में राजनैतिक दबाव बनाया गया है वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं विपक्षी दल भी इस पूरे घटनाक्रम को लेकर खासे आक्रोशित नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य का इस बारे में सापफ कहना है कि विधनसभा अध्यक्ष जैसे संवैधनिक पद पर बैठकर इस तरह के घटनाक्रम को किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और यह राजनैतिक परिदृश्य से भी उचित कदम नहीं। इस बारे में जब विधनसभा अध्यक्ष हरबंस कपूर से पूछा गया तो उनका सापफ कहना था कि उन्होंने इस मामले को लेकर कोई राजनैतिक दबाव नहीं बनाया है और मकान मालिक व किरायेदार का झगडा कोर्ट से ही सुलझ सकता है। जबकि घटनाक्रम को लेकर कई भाजपा कार्यकर्ता भी आक्रोशित हैं।

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