........... dehradun 21 oct 08 .. उत्तराखंड में दो महीने पहले 26 विधायकों ने मुख्यमंत्री भुवनचंद खंडूरी के ख़िलाफ़ बग़ावत कर दी थी लेकिन तब पार्टी हाईकमान ने उन्हें समझा बुझाकर पंचायत चुनाव तक शांत रहने के लिए मना लिया था.
अब जैसे ही पंचायत चुनाव समाप्त हुए हैं मुख्यमंत्री खंडूरी को हटाने के लिए असंतुष्ट विधायकों और मंत्रियों ने एक बार फिर मुहिम छेड़ दी है.
काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा ने दावा किया है कि वो और उनके साथ 17 और विधायकों ने नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है.
उनका कहना था," हमने पार्टी और जनता के हित में ये क़दम उठाया है. हम चाहते हैं कि लोक सभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदला जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोक सभा चुनाव में पार्टी को इसका नुक़सान उठाना पड़ेगा."
पार्टी नेताओं का कहना है कि बाग़ी विधायकों की संख्या आठ है.
असंतुष्टों में बीना महाराना और त्रिवेंद्र रावत जैसे मंत्रियों के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं.
लेकिन जब तक ये लोग खुद खुलकर सामने नहीं आते हैं ये कहना मुश्किल है कि ये आरपार की लड़ाई है या सिर्फ़ दबाव की राजनीति.
ग़ौरतलब है कि 71 सदस्यों की विधानसभा में भाजपा के 37 विधायक हैं.
नाराज़गी
असंतुष्ट विधायक मुख्यमंत्री खंडूरी की कथित फौजी कार्यशैली और सरकार में अपनी उपेक्षा से नाराज़ बताए जाते हैं.
हमने पार्टी और जनता के हित में ये क़दम उठाया है. हम चाहते हैं कि लोक सभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदला जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोक सभा चुनाव में पार्टी को इसका नुक़सान उठाना पड़ेगा
हरभजन सिंह चीमा, भाजपा विधायक
उनकी शिकायत है कि खंडूरी ने सभी महत्तवपूर्ण विभाग अपने हाथों में रखे हैं और अपनी ही सरकार में उनकी कोई पूछ नहीं है, नौकरशाही हावी है और अफ़सर उनकी बात नहीं मानते.
उधर बग़ावत की इन ख़बरों के बीच मुख्यमंत्री खंडूरी वरिष्ठ नेताओं से मुलाक़ात कर रहे हैं.
अपने निवास पर कुछ पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि उनकी राजनाथ सिंह से बात हुई है और बकौल उनके राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्हें किसी का त्यागपत्र नहीं मिला है.
खंडूरी ने बग़ावत करनेवालों के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.
इस तरह से ये पहली बार है कि दोनों खेमे खुलकर सामने आ गए हैं और ऊंट किस करवट बैठेगा ये अब पार्टी हाईकमान के इशारे पर निर्भर करेगा.
फिलहाल चार राज्यों में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगी भाजपा शायद हर कदम फूंक फूंक कर रखना चाहेगी.
भाजपा में मचे इस घमासान ने प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को अतिरिक्त उत्साह से भर दिया है जो पहले से ही राहुल गांधी के तीन दिनों के उत्तराखंड के दौरे से बहुत उत्साहित है. उत्तरांचल
अब जैसे ही पंचायत चुनाव समाप्त हुए हैं मुख्यमंत्री खंडूरी को हटाने के लिए असंतुष्ट विधायकों और मंत्रियों ने एक बार फिर मुहिम छेड़ दी है.
काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा ने दावा किया है कि वो और उनके साथ 17 और विधायकों ने नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है.
उनका कहना था," हमने पार्टी और जनता के हित में ये क़दम उठाया है. हम चाहते हैं कि लोक सभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदला जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोक सभा चुनाव में पार्टी को इसका नुक़सान उठाना पड़ेगा."
पार्टी नेताओं का कहना है कि बाग़ी विधायकों की संख्या आठ है.
असंतुष्टों में बीना महाराना और त्रिवेंद्र रावत जैसे मंत्रियों के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं.
लेकिन जब तक ये लोग खुद खुलकर सामने नहीं आते हैं ये कहना मुश्किल है कि ये आरपार की लड़ाई है या सिर्फ़ दबाव की राजनीति.
ग़ौरतलब है कि 71 सदस्यों की विधानसभा में भाजपा के 37 विधायक हैं.
नाराज़गी
असंतुष्ट विधायक मुख्यमंत्री खंडूरी की कथित फौजी कार्यशैली और सरकार में अपनी उपेक्षा से नाराज़ बताए जाते हैं.
हमने पार्टी और जनता के हित में ये क़दम उठाया है. हम चाहते हैं कि लोक सभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदला जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोक सभा चुनाव में पार्टी को इसका नुक़सान उठाना पड़ेगा
हरभजन सिंह चीमा, भाजपा विधायक
उनकी शिकायत है कि खंडूरी ने सभी महत्तवपूर्ण विभाग अपने हाथों में रखे हैं और अपनी ही सरकार में उनकी कोई पूछ नहीं है, नौकरशाही हावी है और अफ़सर उनकी बात नहीं मानते.
उधर बग़ावत की इन ख़बरों के बीच मुख्यमंत्री खंडूरी वरिष्ठ नेताओं से मुलाक़ात कर रहे हैं.
अपने निवास पर कुछ पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि उनकी राजनाथ सिंह से बात हुई है और बकौल उनके राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्हें किसी का त्यागपत्र नहीं मिला है.
खंडूरी ने बग़ावत करनेवालों के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.
इस तरह से ये पहली बार है कि दोनों खेमे खुलकर सामने आ गए हैं और ऊंट किस करवट बैठेगा ये अब पार्टी हाईकमान के इशारे पर निर्भर करेगा.
फिलहाल चार राज्यों में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगी भाजपा शायद हर कदम फूंक फूंक कर रखना चाहेगी.
भाजपा में मचे इस घमासान ने प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को अतिरिक्त उत्साह से भर दिया है जो पहले से ही राहुल गांधी के तीन दिनों के उत्तराखंड के दौरे से बहुत उत्साहित है. उत्तरांचल
...दर्पण
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