हर 10 साल पर होने वाली जनगणना की प्रक्रिया 1 अप्रैल से शुरू हो र
ही है। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल जनगणना 2011 की प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत करेंगी। गृह सचिव गोपाल कृष्ण पिल्लई ने मंगलवार को बताया कि जनगणना दो चरणों में होगी। इस बार राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर (एनपीआर) तैयार किया जाएगा। पहली बार देश के नागरिकों का व्यापक डेटाबेस भी तैयार किया जाएगा। आजादी के बाद सातवीं बार देश में जनगणना हो रही है। 25 लाख सरकारी कर्मचारी इस काम को अंजाम देंगे। देश के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रह रहे करीब एक अरब बीस करोड़ लोगों की वैज्ञानिक ढंग से गणना की जाएगी। जनगणना की यह प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में घर-घर जाकर लोगों की लिस्ट तैयार की जाएगी। 1 अप्रैल से जुलाई तक चलने वाले इस अभियान के दौरान राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए आंकड़े भी जमा किए जाएंगे। मुख्यत: पहला चरण 45 दिन में पूरा किया जाएगा। जनगणना की शुरुआत के दिन 1 अप्रैल को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अपने जनगणना फॉर्म भरेंगे। दिल्ली में पहले चरण की प्रक्रिया 1 से 6 अप्रैल तक चलेगी। गृह सचिव के मुताबिक, आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो इससे पहले दुनिया में कहीं भी इतने बड़े पैमाने पर लोगों के बारे में जानकारी जमा करने का काम नहीं किया गया है। इस अभियान के दौरान देश के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 640 जिलों, 5767 तहसीलों, 7742 कस्बों और 6 लाख से भी ज्यादा गांवों को कवर किया जाएगा। जनगणना के काम में लगे कर्मचारी 24 करोड़ से भी ज्यादा घरों में जाएंगे और 120 करोड़ लोगों के बारे में हर संभव जानकारी जुटाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया पर सरकार करीब 2,209 करोड़ रुपये खर्च करेगी। राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर पर करीब 3,756 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार का मानना है कि जनगणना का कार्य पूरा होने के बाद देश के नागरिकों से जुड़े हर पहलू की जानकारी हासिल करना बेहद आसान हो जाएगा। इस जनगणना में अर्थव्यवस्था, शिक्षा, लोगों द्वारा अलग-अलग अपनाए गए रोजगार, साक्षरता, कुल घर और उनमें रहने वाले लोगों को ब्यौरे के साथ-साथ उनसे जुड़ी हर जानकारी ली जाएगी। सरकार ने जनगणना के दौरान सीमावर्ती इलाकों में खास सतर्कता बरतने के भी निर्देश दिए हैं। इस बात की आशंका है कि सीमापार से लोग राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। खासतौर पर बांग्लादेश सीमा पर विशेष सतर्कता बरती जाएगी।
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