Saturday, April 3, 2010

अभी ७ हजार शिक्षकों की कमी है।

अप्रैल से देशभर में शिक्षा का मौलिक अधिकार लागू हो गया है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मौजूदा सिस्टम नाकाफी है। जिले में अभी ७ हजार शिक्षकों की कमी है। आलम यह है कि एक शिक्षक के भरोसे सैंकड़ों छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में अनिवार्य और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना शिक्षा विभाग के लिए कड़ी चुनौती से कम नहीं है। इधर निजी स्कूल संचालक २५ फीसदी सीट गरीब बच्चों को देने में नाक-भों सिकोड़ रहे हैं। कानूनन अनिवार्य की गई शिक्षा के लिए जिले में १३ हजार से ज्यादा शिक्षकों की आवश्यकता है, जबकि अभी महज ५ हजार ७०० शिक्षक ही कार्यरत हैं। अधिनियम लागू होने के बाद शिक्षा विभाग ने शत-प्रतिशत बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कमर कस ली है। ताबड़तोड पालकों से संपर्क कर स्कूल में दाखिला कराया जा रहा है लेकिन अभी विभाग के पास शिक्षकों का खासा टोटा है। अच्छी शिक्षा के लिए छात्र संख्या के मान से जिले में १३०९९ शिक्षक चाहिए, लेकिन विभाग में केवल ५ हजार ७६५ शिक्षक ही है। यानि अधिनियम संचालित करने के लिए जिले में ७ हजार १६४ शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों के अभाव में विभाग बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के प्रयास में लगा है। इसके लिए उन्होंने ६ माह की समयावधि दी है लेकिन इनकी पूर्ति कैसे होगी, इसकी योजना तक अभी नहीं बनाई गई है।सुविधाओं का अभाव : ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों स्कूलों के हालात ऐसे हैं कि वहां कक्षा 1 से लेकर ५ तक बच्चों के लिए एक या दो शिक्षक ही कार्यरत हैं। उससे भी बढ़कर बात यह है कि एक या दो कमरों में कई कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। अधिनियम लागू होने के बाद शासकीय व अशासकीय स्कूलों में बच्चों को आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाना आवश्यक है लेकिन अधिकांश स्कूल बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं। स्कूलों में न तो पानी की व्यवस्था है और न ही खेलने के लिए मैदान। ऐसे में बच्चों को मजबूरन अव्यवस्थाओं के बीच शिक्षा प्राप्त करना होगी। पढ़ाई के साथ फिटनेस का भी ख्याल : पढ़ाई के साथ स्कूलों में अब बच्चों को फिटनेस का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। इसके लिए स्कूलों में अलग से फिटनेस टीचर नियुक्त किए जाएंगे, जो स्कूल पढ़ाई के बाद अलग से कक्षा लेकर बच्चों को शारीरिक रूप से फिट रहने के तरीके बताएंगे।ञ्चराइट टू एजुकेशन शुरू होने के बाद छात्र संख्या के मान से शिक्षक नियुक्त होना है। इसके लिए जिले में आवश्यकतानुसार आगामी ६ माह में पदों की पूर्ति की जाना है। वहीं संस्थाओं में बुनियादी सुविधाएं जुटाने की निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

No comments: