Monday, March 15, 2010
लाखों लोगों ने किया शाही स्नान
हरिद्वार. उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ के दूसरे शाही स्नान सोमवती अमावस्या पर्व पर आज लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान किया। हर की पौडी, मालवीय द्वीप, सुभाष घाट, गऊघाट पर बीतीरात बारह बजे से ही स्नान शुरू हो गया था। सैकड़ों वर्ष बाद महाकुंभ पर सोमवती अमावस्या पर्व के इस दुर्लभ संयोग के कारण आज के स्नान का महत्व काफी बढ़ गया था। जिसके कारण अपार भीड़ कल से ही हरिद्वार पहुंच गई थी।देश के विभिन्न प्रांतों से आज लाखों श्रद्धालुओं के अलावा विदेश से भी भारी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच चुके हैं। हरिद्वार में समूचे कुंभ क्षेत्न में चारों तरफ यात्नियों की आवाजाही दिखायी पड़ रही है। भीड़ के कारण यात्नियों को कई किलोमीटर पहले ही रोककर निर्धारित मार्गो से भेजा जा रहा है। प्रशासन की रणनीति श्रद्धालुओं को हर की पौडी से अलग घाटों पर भेजने की रही है। जिससे हर की पौडी पर भीड़ का दबाव न बन सके।सरकारी सूत्नों ने बताया की सभी वाहनों को शहर के विभिन्न क्षेत्नों में बनी पार्किग में खड़ा किया जा रहा है जहां से पैदल ही यात्नियों को स्नान घाटों की तरफ जाना पड़ रहा है। रिक्शा, तांगा तक बंद होने के कारण यात्नियों को सामान भी पैदल सर पर ढोना पड़ रहा है।आस्था सब पर भारी पड रही हैबच्चे, बूढे जवान, महिलाएं महाकुंभ के इस दुर्लभ संयोग के चलते सोमवती स्नान के लिए 10 से 12 किलोमीटर पैदल चल कर भी स्नान के लिए हर की पौडी पहुंच रहे हैं.पहली बार सभी 13 अखाडे स्नान करेंगेजिनका समय व क्रम निर्धारित कर दिया गया है। जिसमें पहले निरंजनी, फिर जूना, उसके बाद महानिवार्णी, वैरागी अखाडे, उदासीन व निर्मल अखाडे स्नान करेंगे। अखाडों का स्नान पूर्वान्ह् 11 बजे से शुरू हो जाएगा जो रात 7 बजे तक चलेगा। जिसको देखते हुए हर की पौडी को 9 बजे ही यात्नियों से खाली करा लिया जाएगा। आज हर की पौडी से ज्वालापुर-भीमगोडा तक करीब 10 किलोमीटर तक लंबे घाटों पर हर जगह यात्नी स्नान करते नजर आ रहे हैं। प्रशासन ने स्नान के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था की है। हरिद्वार में चारों ओर पुलिस व अर्धसैनिक बलों ने मोर्चा संभाल रखा है।...................................हरिद्वार। महाकुंभ के दौरान आज हरिद्वार में दूसरा शाही स्त्रान है। इस मौके पर देश भर के लाखों श्रद्धाओं हरिद्वार में पहुंचे। देर रात से ही श्रद्धाओं ने गंगा मे डुबकी लगाना शुरू कर दिया था। सुबह सवा ग्यारह बजे अखांडों का स्त्रान शुरू होना है। आज दूसरा शाही स्त्रान सोमवती अमावस्या के मौके पर हो रहा है आज अमावस्या के पडने और चंद्रमा के सूर्य के निकट आने का ये संयोग 760 साल बाद पड रहा है। 2010 की पहली तारीख के साथ शुरू हुए कुंभ मेले में हर दूसरे शाही स्त्रान का उत्साह है। इस समय बृहस्पति कुंभ में और सूर्य मीन राशि में है लेकिन अब चंद्रमा भी मीन राशि में पहुंच रहा है। जिसमें सूर्य और चद्र की अति निकटता का दुर्लभ संयोग बन रहा है। धर्मशास्त्रों के अनुसार सूर्य में व्याप्त अगिA और चंद्रमा की शीतलता में ही संपूर्ण जगत समाया हुआ है। उनकी निकटता के इस संयोग के अवसर पर पवित्र नदियों में स्त्रान का महत्व बढ जाता है।
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