भाजपाई रैली में तिवारी की मौजूदगी से कांग्रेसी धराषाही
नारायण परगांई
देहरादून। नितिन गडकरी की रैली से षुरू हुआ भाजपा का चुनावी श्रीगणेष कांग्रेस के विभीशण कहे जाने वाले तिवारी की मौजूदगी से राजनैतिक गति पकड़ गया है। तिवारी की भाजपा की रैली में मौजूदगी ने जहां प्रदेष की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है वहीं कांग्रेसी एनडी तिवारी की इस हरकत से सकते में आ गए हैं। आगामी विधनसभा चुनाव को देखते हुए तिवारी के इस कदम को कांग्रेस के लिए बेहद खतरनाक माना जा रहा है। प्रदेष के विकास पुरूश कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्राी एनडी तिवारी ने बीते दिवस देहरादून के गांध्ी पार्क में भाजपा की अटल खाद्यान योजना को देष के लिए अच्छा कदम बताने के साथ-साथ इसे उत्तराखंडके लिए भी महत्वपूर्ण बताने की बात खुले मंच से भाजपा के हजारों कार्यकर्ताओं के बीच कह डाली थी जिसे सुनकर प्रदेष भर के कांग्रेसी नेताओं में हड़कंप मच गया था। यहां तक की प्रदेष की मौजूजा भाजपा सरकार की खुलकर तारीफ करने के बाद खुद भाजपा के राश्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भी तिवारी की तारीफ खुले मंच से कर डाली। राजनैतिक हलकों में यह बातें जहां चार्चा का विशय बनी हुई हैं वहीं काग्रेसी नेताओं की नींद भी उड़ गई है। पिछले काफी समय से राज्यपाल पद पर बने रहने के दौरान सैक्स स्कैंडल में नाम सामने आने पर तिवारी से कांग्रेस ने पूरी तरह किनारा कर लिया था। और तभी से तिवारी कांग्रेस में असहज महसूस कर रहे थे। यहां तक की दिल्ली हाई कमान तक ने तिवारी की बात को अनसुना करते हुए उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया था। और राज्यपाल पद से इस्तीपफा देने के बाद तिवारी देहरादून का रूख कर गए थे। जिसके बाद से ही तिवारी अपने को कांग्रेस में असहज महसूस कर रहे थे। पितृत्व मामले में कोर्ट में दाखिल याचिका को लेकर भी तिवारी कांग्रेस से खासे नाराज चल रहे हैं। कोर्ट में तिवारी की डीएनए टेस्ट ना कराने की याचिका को भी खारिज कर दिया गया है। और अब तिवारी के उपर डीएनएटेस्ट कराने की तलवार भी लटकी पड़ी है। उत्तराखंड की राजनीति में तिवारी का कद बेहद उंचा माना जाता है। और तिवारी ने इस बात को पिछले हुए विधनसभा चुनाव में चुनाव प्रचार ना करके इस बात को सााबित भी किया जा चुका है। तिवारी के प्रचार ना करने से कांग्रेस को उत्तराखंड में सत्ता गंवाने का परिणाम भुगतना पड़ा था वहीं अब तिवारी के भाजपा की रैली में षामिल होने के बाद प्रदेष की राजनीति में नए समीकरण बनने तय हो गए हैं। तिवारी के भाजपा की रैली में आ जाने के बाद इसका नुकसान जहां कांग्रेस को 2012 के होने वाले विधनसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है वहीं भाजपा को इसका पफायदा मिलना तय माना जारहा है। तिवारी के अचानक भाजपा की रैली में पहुंचने के पीछे कांग्रेस को बैकपुट पर लाने की कवायद भी समझा जा रहा है लेकिन तिवारी के खास माने जाने वाले कांग्रेस प्रदेष अध्यक्ष यषपाल आर्या पर भी अगुलियां उठनी षुरू हो गई हैं। क्यिोंकि तिवारी को यषपाल आर्या मना पाने में पूरी तरह नाकामयाब षाबित हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा की रैली में षामिल होने के बाद तिवारी के आवास पर कई कांग्रेसी नेताओं ने डेरा जमा लिया था। लेकिन तिवारी ने सापफ तौर पर कांग्रेसी नेताओं को उनसे दूर रहने की हिदायत दी गई है। कुलमिलाकर उत्तराखंड की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले तिवारी कांग्रेस में हासिए पर चल रहे हैं और नई जमीन तलासने की कवायद में लगे हुए हैं। अगर तिवारी ने भाजपा से हाथ मिला लिया तो उत्तराखंड की राजनीति में बहुत बड़ा परिवर्तन होना तय माना जा रहा है अपने मुख्यमंत्राी काल के अनुभव का लाभ वह जहां भाजपा को दे सकते हैं वहीं 2012 में पुनः सत्ता में भाजपा की वापसी का कदम भी तैयार कर सकते हैं। एक तरफ जहा भाजपा विकास को आधर बना कर चुनावी युद्ध् में कूद गई है वहीं गरीबों को सस्ता राषन उपलब्ध् कराने की योजना ने भी प्रदेष की गरीब जनता का रूझान भाजपा की ओर मोड़ दिया है। हांलाकि कई कांग्रेसी नेता इस महत्वपूर्ण योजना की आलोचना करते हुए देखे जा रहे हैं लेकिन गरीबजनता इस बातों की तरफ कोई प्रदेष की गरीब जनता का रूझान भाजपा की ओर मोड़ दिया है। हांलाकि कई कांग्रेसी नेता इस महत्वपूर्ण योजना की आलोचना करते हुए देखे जा रहे हैं लेकिन गरीबजनता इस बातों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही। कुलमिलाकर यह कहा जाए कि कांग्रेस के विभिशण ने भाजपा की रैली में जाकर कल्याणकारी राजा के कदमों को और अध्कि मजबूद कर दिया है। जिसका फायदा निष्चिित रूप् से भाजपा को मिलना तय है। 09837261570
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