नई दिल्लीः यह जानकार आपको झटका लग सकता है कि नंबर एक में रसोई गैस सिलिंडर खरीदने
वाले कुछ घरेलू कंस्यूमर्स को 305 रुपये में 14.2 किलो नहीं बल्कि 7.1 किलो ही गैस मिल रही है। यानी आपकी जेब में लगभग 150 रुपये का डाका डाला जा रहा है। यह हम नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के छापामारी अभियान के आंकड़े बोल रहे हैं। आंकड़ों पर यदि गौर किया जाए तो विभाग की छापामार कार्रवाई में ऐसे कितने ही गैस सिलिंडर जब्त किए गए हैं, जिनमें से आधी यानी 7.1 किलो तक गैस की चोरी की गई थी। दिल्ली सरकार के माप तोल विभाग के मुताबिक इस बार उन्होंने रसोई गैस सिलिंडरों से गैस चोरी रोकने के लिए सिलिंडर गोदामों पर नहीं बल्कि उन डिलिवरी पॉइंट पर छापे मारे, जहां गैस एजेंसी के डिलिवरी मैन सिलिंडरों की घरों में सप्लाई करने वाले थे। इस कार्रवाई में 12 अप्रैल से 19 जून तक पूरी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 400 छापे मारे गए। जबकि एक छापे में 4 सिलिंडरों की जांच की गई यानी 400 छापों में 1600 रसोई गैस सिलिंडरों की जांच हुई। इनमें से 40 फीसदी यानी 640 सिलिंडरों में गैस कम पाई गई। हैरानी उस वक्त हुई जब इनमें से काफी सिलिंडरों में से 7.1 किलो तक गैस चोरी मिली। विभाग ने बताया कि आमतौर पर सिलिंडरों में से गैस चोरी होने की घटनाओं में यह आंकड़ा 2 से 5 किलो तक का होता था, लेकिन इस कार्रवाई में तो डिलिवरीमैनों ने गैस चोरी करने के सारे रेकॉर्ड ही तोड़ डाले। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि छापों के दौरान डिलिवरी मैन के सिलिंडर को तौलने वाले कांटे चेक किए गए तो उनमें भी हेराफेरी मिली। हालांकि अधिकारी ने बताया कि कई डिलिवरीमैन ऐसे भी मिले जिनके पास तौलने वाला साधन था ही नहीं। यानी वह सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को अपनी मर्जी से ऐसे सिलिंडर सप्लाई कर रहे थे जिनमें से उन्होंने गैस चोरी कर रखी थी। अधिकारी के मुताबिक इस मामले में 125 से भी अधिक गैस एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। हालांकि गैस चोरी होने की घटनाएं तीनों ही कंपनियों के सिलिंडरों में मिली हैं, लेकिन इनमें सबसे अधिक मामले इंडियन ऑयल कंपनी के गैस सिलिंडरों में मिले हैं। अधिकारी ने बताया कि इस मामले में इंडियन ऑयल सहित भारत और हिंदुस्तान कंपनियों को भी नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस में कंपनियों से जवाब मांगा गया है कि सिलिंडरों से गैस चोरी होने की घटनाओं को वह क्यों नहीं रोक पा रही हैं और जिन गैस एजेंसियों के डीलर ऐसा कर रहे हैं उन एजेंसियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। विभाग का कहना है कि सिलिंडरों से गैस चोरी होने की घटनाएं दिल्ली के किसी विशेष इलाके में ही नहीं हो बल्कि पॉश एरिया से लेकर सामान्य कॉलोनियों में भी इस तरह के मामले पकड़े गए हैं।
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