Tuesday, November 4, 2008

जिहाद के नाम पर अय्याशी करता है सिमी चीफ नागौरी


जिहाद के नाम पर कौम का सरगना बनने का ख्वाब देख रहा स
िमी सरगना सफदर नागौरी न केवल ऐय्याश है बल्कि उसने संगठन के पैसे में भी हेराफेरी की थी। यही नहीं उसने धोखे से कई सिमी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी करवाया था। यह खुलासा किया है सफदर नागौरी के साथी आमिल परवेज ने। इंदौर पुलिस द्वारा गिरफ्तार आमिल परवेज ने अपने 'नार्को एनालिसिस टेस्ट' के दौरान नागौरी के बारे में कई अहम जानकारियां दीं। 5 जून 2008 को बेंगलुरु की फरेंसिक लैब में हुए इस टेस्ट में आमिल ने खुद नागौरी को कटघरे में खड़ा किया है। आमिल ने खुलासा किया कि नागौरी के उत्तर प्रदेश की कई मुस्लिम महिलाओं से संबंध थे। उत्तर प्रदेश का शहवाज इस तरह की हरकतों में सफदर की मदद करता था। इसीलिए उसने सिबली को प्रेजिडेंट बनाने के बजाय शहवाज को यह पद दिया था। आमिल के मुताबिक सफदर नागौरी ने अपने मित्रों के घरों में भी इस तरह की हरकतें की थी। एक बार तो उसे अपने ही मित्र इमरान की पत्नी के साथ रंगे हाथों पकड़ा भी गया था। इस टेस्ट के दौरान आमिल ने बताया कि सफदर पार्टी के लिए आए पैसे का अपने लिए इस्तेमाल करता था। सिमी के लिए आए पैसे को वह अपने किसी विश्वस्त साथी के पास रखता था। एक बार उसने दो लाख रुपये ऐसे ही एक व्यक्ति के पास रखे और फिर कुछ दिन बाद यह अफवाह उड़ा दी कि उस आदमी से किसी ने रुपये लूट लिए। ऐसी हरकतें उसने कई बार की थीं। आमिल ने बताया कि इमरान को नागौरी ने ही पकड़वाया था। आमिल ने भोपाल से फरार हुए मुनीर देशमुख के बारे में भी जानकारी दी है। आमिल के मुताबिक औरंगाबाद में रह रहे देशमुख के खाते में 2004 में करीब 27 लाख रुपये थे। ये रुपये सिमी के लिए इकट्ठे किए गए थे। देशमुख अभी फरार है। भोपाल में उसका शाहपुरा स्थित घर आज भी खाली पड़ा है। वह भोपाल के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखता है। नागौरी के साथ ही जेल में बंद आमिल परवेज ने इस टेस्ट के दौरान सिमी और सफदर नागौरी के पाकिस्तानी, बांग्लादेशी व खाड़ी के देशों में व्यापक कनेक्शन्स का भी खुलासा किया है। उसने उन संगठनों और लोगों के नाम भी बताए हैं जो सफदर के संपर्क में थे। साथ ही उन आतंकवादी संगठनों का भी ब्यौरा दिया है जो सिमी और सफदर की मदद करते थे। आमिल द्वारा बताए गए नामों में मध्य प्रदेश के कई सफेदपोश लोग भी शामिल है। एनबीटी के पास मौजूद इस रिपोर्ट में आमिल परवेज ने देश भर में फैले सिमी सदस्यों का ब्यौरा तो दिया ही है। साथ ही उन अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के नाम भी बताए हैं जो सफदर के संपर्क में थे। उसके बयान से यह साफ झलकता है कि सिमी के कई पदाधिकारी सफदर से खुश नहीं थे। लेकिन मजबूरी में उसका साथ दे रहे थे। संभार उत्तरांचल दर्पण

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