देहरादून। उत्तराखण्ड में कांग्रेस की सरकार और सत्ताधारी कैबिनेट मंत्री के पीराओ का कत्ल राजधानी देहरादून में हो जाना कानून व्यवस्था की पोल खोल रहा है साथ ही यह भी साबित कर रहा है कि क्या देहरादून की पुलिस का अपराधियो को खौफ नहीं, याफिर ऐसा गिरोह देहरादून में सक्रिय हो गया है जो एमबीबीएस में दाखिला कराने के लिए मोटी रकम का खेल खेल रहा है। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जब कैबिनेट मंत्री का पूर्व पीआरओ हत्या का षिकार हो गया तो ऐसे में आम जनता कितनी सुरक्षित होगी इसका जवाब तो देहरादून पुलिस के पास ही मौजूद होगा। हालाकि पुलिस इस मामले की कडि़यां सुलझ जाने का दावा कर रही है। वहीं सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार युद्ववीर रावत की हत्या के पीछे कोई बड़ा मामला भी हो सकता है क्योकि कैबिनेट मंत्री हरकसिंह रावत के पूर्व पीआरओ रावत रूद्रप्रयाग क्षेत्र के साथ कई कामो को देखते थे और हरकसिंह के सबसे करीबी माने जाते थे एक राजनैतिक दल के नेता ने नाम ना छपने की षर्त पर खुलासा किया है कि जिस बसंत बिहार की चर्चिित महिला का नाम इस मामले में सामने आया है उसके द्वारा पूर्व में भी एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर मेरठ के एक व्यक्ति से 17 लाख रूप्ए लिए गए थे लेकिन आज तक वह रकम वापस नही की गई। प्रौपर्टी के कारोबार में इस विवादित महिला का नाम कई बार सामने आ चुका है और उक्त महिला मूल रूप् से मेरठ की रहने वाली है जो वर्तमान मेंबसंत बिहार थाना क्षेत्र मे रहती है वहीं इस मामले में पकड़ा गया अन्य आरोपी हरिद्वार निवासी है जिसकी कडि़यां उक्त महिला से पुलिस को पूछताछ के दौरान मिलती हुई नजर आई हैं वहीं पोंटा के बलराज षर्मा के हर पहलू की जांच भी पुलिस अपने स्तर से कर रही है। दून अस्पताल में जब युद्ववीर रावत का षव रखा हुआ था तो रावत के एक करीबी दोस्त का साफ कहना था कि युद्ववीर को साजिष के तहत मौत क घाट उतारा गया है और हत्या के बाद अगले दिन सुबह बसंत बिहार निवासी सुधा पटवाल, हरिद्वार निवासी प्रदीप चैहान, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के आवास पर मौजूद थे और उनके द्वारा पुलिस के अधिकारियो को फोन कर अपनी मौजूदगी वहां होने की बात कही थी और उक्त लोग पुलिस के भीतर अपना रौब गालिब कर रहे थे लेकिन पुलिस द्वारा अपने स्तर से की गई जांच मंे इस बा का पता चला है िकइस हत्या में इन लोगो की संलिप्तता मौजूद है हालाकि पुलिस ने अभी जांच पूरी नही की है लेकिन माना जा रहा ळै कि मामला हाई प्रोफाइल होने के चलते पुलिस एक दो दिन के भीतर हत्या के मामले में आरोपियो की गिरफतारी दिखा सकती है। पुलिस को जाच में यह भी पता चला है कि युद्ववीर की जेब में पटेल नगर स्थित एसजीआरआर मैडिकल कलेज का 5.23 लाख का एक डीडी भी मिला है और इसके अलावा बलराज षर्मा ने 14 लाख रूप्ए की धनराषि यूद्ववीर दी थी। माना जा रहा है यह रकम हड़पने के लिए युद्ववीर का कत्ल किया हो और इस मामले में करीबी लोगो का हाथ रहा हो। पुलिस अपने स्तर से इस बात की भी जांच कर रही ळै कि युद्ववीर की हत्या किस स्थान पर की गई और उसकी लाष को ठिकाने लगाने के लिए राजपुर खेत्र के सुनसान इलाके को क्यो चुना गया क्योकि पुलिस को जांच में इस बात का भी पता चला ळै कि युद्ववीर की हत्या मौके पर ना करके किसी अन्य स्थान पर की गई थी जिसके बाद लाष को दूसरे स्थान पर ठिकाने लगाया गया क्योकि मौके पर पुलिस को खून के कोई भी निषान नही मिले हैं। पुलिस इस हत्या के मामले का जल्द खुलासा करने का खाका तैयार करने में जुट गई है लेकिन इस हत्या से रूद्रप्रयाग के लोगो में साफतौर से नाराजगी भी देखी जा रही है।
No comments:
Post a Comment