देहरादून। प्रेमनगर क्षेत्र में नषे, सट्टे और षराब का वो कौन कारोबारी है जिसके इषारे पर क्षेत्र में यह धन्धा फल फूल रहा है और पिछले कई महीनो में जितने भी चैकी इन्चार्ज व थानेदार तैनात रहे हैं वो कार्यवाही क्यो नही कर पाए। निष्चित रूप से यह सवाल इसलिए उठाया जा रहा है कि देहरादून के पुलिस कप्तान केवल खुराना को इमानदार पुलिस अफसर के रूप् में इसलिए जाना जाता है कि वह काफी इमानदार लोगो की कतार में खड़े नजर आते है लेकिन पुलिस कप्तान को प्रेमनगर क्षेत्र में पूरी पुलिस चैकी केा लाइन हाजिर क्यो करना पड़ा यह भी बड़ा सवाल देहरादून की जनता जनपद के पुलिस कप्तान से पूछती हुई नजर आ रही है। पुलिस कप्तान ने प्रेमनगर क्षेत्र में जाम लगने के कारण चैकी इन्चार्ज सहित पूरी चैकी को लाइन हाजिर कर दिया लेकिन क्या इसके बाद महकमा ऐसी घटनाएं रोक पाने में कामयाब हो जाएगा इस सवाल का जवाब आने वाले समय में जरूर मिलेगा लेकिन दोपहर के समय राजपुर रोड के घन्टाघर इलाके में लम्बा जाम लग जाता है और धारा चैकी इन्चार्ज जाम को दुरूस्त कर पाने में नाकामयाब साबित होते हैं लेकिन जनपद के पुलिस कप्तान को यह बात भी समझनी होगी कि प्रेमनगर क्षेत्र में सहसपुर जाने के दौरान जाम की जो हालत देखी गई उसी तर्ज पर धाराचैकी क्षेत्र में भी जाम का आंकलन खुद करें और अगर यह बात सच साबित होती है तो खुद ही तय करें कि क्या चैकी इन्चार्ज इसके लिए दोशी नहीं। बड़ सवाल यह भी उठ रहा है कि जनपद देहरादून की पुलिसिंग को लेकर जैसे दावे कप्तान केवल खुराना ने तैनाती के बाद किए थे अब उन दावो की हवा निकलती दिख रही है। सबसे पहले देहरादून की यातायात व्यवस्था को ठीक करने की वाहवाही लूटने वाले कप्तान को प्रेमनगर में जाम लगने के बाद इस हकीकत को बयां कर दिया कि अभी भी देहरादून की यातायात व्यवस्था पटरी पर नही आई है लेकिन मीडिया के कुछ लोगो द्वारा यातायात व्यवस्था को लेकर षुरूआती दौर में ऐसा बवंडर मचाया कि सड़को पर यातायात दिखता हुआ नजर नही आया लेकिन अब पंचायती मंदिर, घन्टाघर सहित कई जगहो पर जाम की बुरी हालत से फिर जनता को दो चार होना पड़ रहा है। इसके अलावा एक बड़ा सवाल देहरादून जनपद के पुलिस कप्तान से कि क्या वो ऐसे थानेदारो व चैकी इन्चार्जो के खिलाफ कार्यवाही करेंगें जो पुलिस की साख को बट्ट्ा लगाने का काम कर रहे हैं और पुलिस के मनोबल को खुद तोड़ रहे हैं। पुलिस के सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में देहरादून के पुलिस कप्तान की कार्यषैली से कई लोग परेषान नजर आ रहे हैं और उनका साफ मानना है कि देहरादून की पुलिसिंग अब पूरी तरह बदल गई है और थाने चैकियो की बजाए पुलिस लाइन में ही बेहतर नौकरी की जा सकती है इसके साथ्ी ही देहरादून के ऐसे पुलिसकर्मी जिनका एक दिन का वेतन पूर्व में काटा गया है वो भी ये सवाल पुलिस विभाग से नाम ना छापने की षर्त पर पूछ रहे हैं कि क्या एक दिन का वेतन काटे जाने का अधिकार जनपद के पुलिस कप्तान को है लेकिन पुलिस व्यवस्था को सुधारने के लिए हर किसी को खुद पहल करनी होगी और इमानदारी से काम कर ऐसे लोगो को जेल भेजना होगा जो वास्तविक रूप से अपराधो के लिए दोशी हैं। पिछले एक सप्ताह से लगातार जनपद देहरादून के अंदर पुलिस को कितनी षिकयतें मिली और उन पर क्या कर्यवाही हुइ इसका जवाब भी पद पुलिस के कप्तान के पास मौजूद नहीं क्योकि पिछले चार दिनो से लगातार जनपद के पुलिस कप्तान फोन उठाना तो दूर बात करने की जहमत भी नही उठा रहे, उनके मोबाइल फोन को कभी उनका गनर तो कभी उनके आॅफिस से पीआरओ फोन कर जानकारी हासिल कर लेता है लेकिन खबर के बारे में कोई भी यह बताने से बचता है कि आखिर देहरादून जिले में कितने षिकायती पत्रो पर क्या कार्यवाही हुई। अब देखना होगा कि क्या जनपद का पुलिस कप्तान पिछले एक सप्ताह के भीतर आई षिकायती पत्रो पर क्या कार्यवाही करते ळैं और षिकायत दर्ज ना करने वाले थाने व चैकी इन्चार्जाे को क्या सजा देते ळैं।
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