देहरादून 15 नवम्बर, 2010मुख्यमंत्री डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस के सीमाद्वार स्थित कैम्प में आयोजित पासिंग आउट परेड को सम्बोधित करते हुए कहा कि आई.टी.बी.पी. के अधिकारियों और जवानों ने राष्ट्र के गौरव को ऊंचा बनाये रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड वीरों की भूमि है और यहां की सरकार ने सैनिक एवं अर्द्ध सैनिक बलों के कल्याण के लिए अनेक कदम उठाये है। उन्होंने कहा कि आई.टी.बी.पी. के जवानों के लिए आवासीय कालोनी के लिए जमीन उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार आई.टी.बी.पी. को हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की चीन के साथ लगने वाली लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा को देखते हुए आई.टी.बी.पी. की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होेंने हाल ही में आपदा प्रबन्धन और महाकुम्भ की सुरक्षा में आई.टी.बी.पी. द्वारा दिये गये सहयोग की सराहना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पास आउट होने वाले तीनों बैचों के प्रशिक्षणार्थियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत भी किया। आई.टी.बी.पी. के महानिदेशक रंजीत कुमार भाटिया ने अपने स्वागत सम्बोधन में भारत तिब्बत सीमा पुलिस की विभिन्न उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत चीन सुरक्षा के मामले में आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए आई.टी.बी.पी. हर समय सक्षम एवं तत्पर है। सोमवार को आई.टी.बी.पी. सीमाद्वार में आयोजित पासिंग आउट परेड में 260 अधिकारी एवं अधीनस्थ अधिकारी आई.टी.बी.पी. की मसूरी स्थित अकादमी में प्रशिक्षण के उपरांत सम्मिलित हुए। इस अवसर पर प्रशिक्षु अधिकारियों को भारत के संविधान का सम्मान करने और प्राणों की परवाह न करते हुए देश की रक्षा करने की शपथ भी दिलायी गई। इन पास आउट होने वाले अधिकारियों में सहायक सेनानी/जी.डी. बैच के 31 अधिकारी, जी.ओज. काम्बेटाइजेशन कोर्स के 28 अधिकारी तथा उप निरीक्षक श्रेणी में 201 अधिकारी सम्मिलित है। भारत तिब्बत सीमा पुलिस के इतिहास में यह सबसे बड़ी पासिंग आउट परेड थी, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में अधिकारी पास होकर देश की इस अग्रणी सुरक्षा बल में शामिल हुए है। इस अवसर पर महानिरीक्षक आई.टी.बी.पी. एम.सी.भट्ट सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ अधिकारी एवं पास आउट होने वाले अधिकारियों के परिजन उपस्थित थे।
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