Monday, November 1, 2010
कंाग्रेस हाईकमान ने यषपाल का बढ़ाया कद।
देहरादून, कांग्रेस प्रदेष अध्यक्ष यषपाल आर्या की पुनः ताजपोषी कर कांग्रेस हाइकमान ने उत्तराखण्ड में उनके कद को और अधिक बढ़ा दिया है जबकि प्रदेष अध्यक्ष पद को लेकर उनके विरोधी गुट लगातार उनकी ताजपोषी ना होने का पिछले काफी समय से ताना बाना बुनते रहे लेकिन कांग्रेस की राश्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने पिछले लोकसभा चुनाव में पांचों लोकसभा की सीटों का कांग्रेस की झोली में आना महत्वपूर्ण माना और प्रदेष अध्यक्ष के कुषल नेतृत्व के कारण ही पांचों सीटों पर विजयश्री हासिल किए जाने का श्रेय उन्हें पुनः प्रदेष अध्यक्ष पद पर ताजपोषी कर दे डाला। हाईकमान के सामने जिस तरह से यषपाल आर्या का कद ऊंचा हुआ है। उसे लेकर 2012 के होने वाले विधान सभा चुनाव में लोकसभा की पांचों सीटों की तरह सभी सीटों पर जीत दर्ज किए जाने की जिम्मेदारी भी यषपाल आर्या के कंधों पर आ गई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस आगामी होने वाले विधान सभा चुनाव में बिना मुख्यमंत्री पोजैक्ट किए ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही पार्टी को एकजुटता के साथ चुनाव में जुटने का मूलमंत्र भी तैयार करेगी क्योकि हाईकमान किसी भी कीमत पर लोकसभा चुनाव की तरह प्रदेष की सभी सीटों पर कब्जा करने का खाका तैयार करने में जुटी हुई है। हालाकि यषपाल आर्या के विरोधी को उनकी प्रदेख अध्यक्ष पद पर ताजपोषी से नाखुष नजर आ रहे है लेकिन हाईकमान ने साफतौर पर नाराजगी जताने वाले कांग्रेसी नेताओं को एआइसीसी का सदस्य बनाते हुए एकजुटता के साथ 2012 में पुनः सत्तवापसी किए जाने की बाते साफतौर पर कही है। प्रदेष अध्यक्ष पद पर पुनः यषपाल की ताजपोषी ने यह संकेत भी दे दिए है कि प्रदेष मे यदि कांग्रेस बहुमत से अधिक विधानसभा सीटें जीतने में कामयाब हो जाती है तो इसका श्रेय कांग्रेस के प्रदेष अध्यक्ष को देते हुए उन्हें 2012 में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर भी बैठाया जा सकता है क्योंकि उत्तराखण्ड के कांग्रेसी नेता हरीष रावत को कांग्रेस हरिद्वार से सांसद बनाते हुए केन्द्रीय मंत्री बना चुकी है और अब पुनः हरीष रावत को प्रदेष की राजनीति में सक्रीय ना करते हुए उन्हें केन्द्रीय नेता के रूप में पेष करेगी। यषपाल आर्या के सरल स्वभाव के साथ साथ सभी कां्र्रग्रेसी नेताओ को साथ लेकर चलने का जहां मांदा है वहीं कांग्रेस की नजर दलित वोटो पर भी टिकी हुई है क्योकि उत्तराखण्ड की सभी विधान सभाओ में दलित वोटों का आंकड़ा लाखों में है और कांग्रेस इसे किसी भी कीमत पर खोना नही चाहती क्योकि उत्तराखण्ड दौरो के दौरान कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी व कांग्रेस राश्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी दलित वोटो का गहन मंथन कर चुकी है और पूरे देषभर में कांगेस की नजर आगामी होने वाले विधान सभा चुनाव में खासतौर से दलित वोटों पर लगी हुई है क्योंकि दलित वोटो के साथ साथ यदि पार्टी के कैडर वाटों को जोड़ दिया जाए तो किसी भी प्रदेष में कांगेस को विधानसभा चुनाव में विजयश्री हासिल करने में ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नही पड़ेगी हालाकि यषपाल आर्या की पुनः प्रदेष अध्यक्ष पद पर ताजपोषी से जहां दलित समुदाय के साथ साथ हर वर्ग में खासा उत्साह बना हुआ है वहीं उनकी साफ छवि को देखते हुए उन्हें अगले मुख्यमंत्री के रूप में भी देखा जा रहा है। पुनः प्रदेष अध्यक्ष पद पर बनने के बाद यषपाल आर्या से हुई बातचीत में उन्होने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने उन्हे जो जिम्मेदारी दी है उसे वह बखूबी निभाऐगे। और सभी को साथ लेकर 2012 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्जकर पुनः सत्ता वापसी की जाएगी। उन्होने कहा कि वह सरकार की जनविरोधी नीतियों को लेकर सदन से लेकर सड़को तक आन्दोलन कर चुके है लेकिन इसके बाद भी भाजपा सरकार विकास कार्याे में कोई ध्यान नही दे रही और जल्द ही आगामी रणनीति तय कर सरकार के खिलाफ आन्दोलन षुरू किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में श्री आर्या ने कहा कि उन्हें पुनः प्रदेष अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है और वह उस पर पूरी तरह खरा उतरने प्रयास करेंगे कुल मिलाकर यषपाल आर्या के प्रदेष अध्यक्ष बनने के बाद उनके सर्मथको में खुषी एवं नए उत्साह का संचार हो गया है वहीं 2012 में विजयश्री हासिल कर पुनः कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी आ गई है। अब देखना होगा कि यषपाल किस तरह से पुनः अपनी पारी की षरूआत करते हुए भाजपा को सत्ता से दूर करने में कामयाब हो पाते हैं।
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