देहरादून मुख्यमंत्री विजय बहुगणा से बुधवार को
सचिवालय में भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) के गवर्नर डॉ. डी. सुब्बाराव
ने भेंट की। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री बहुगुणा ने आर.बी.आई. के गवर्नर
से अपेक्षा की, कि प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए
पर्वतीय क्षेत्रों मंे बैंकिंग गतिविधियों को बढ़ावा दे। इसके लिए बैंक
शाखाएं स्थापित करने के मानकों में शिथिलता बरती जाय। मुख्यमंत्री श्री
बहुगुणा ने कहा कि बैकों को कारपोरेट सोशल रिस्पोंस्बिलिटी के तहत भी
कार्य करते हुए उद्योग, पर्यटन एवं अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के माध्यम
से निवेश को बढ़ावा देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन
प्रदेश है, इसलिए यहां पर पर्यटक स्थलों तक ई-बैकिंग सुविधा उपलब्ध करायी
जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सीमांत क्षेत्रों के
विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें बैकों को भी अपना सहयोग देना चाहिए।
सीमांत क्षेत्रों मंे अधिक से अधिक बैंकिंग सेवाएं स्थापित हो, इसके लिए
प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का अधिकांश भू-भाग
वनाच्छादित है, ऐसे में हमारे ऊपर पर्यावरण व वनों को संरक्षित करते हुए
विकास कार्य जारी रखने का दबाव है। साथ ही प्रदेश में अधिकांश वन क्षेत्र
है, जिससे हमारे विकास कार्य बाधित हो रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि
बैंकों को किसानों, आम आदमी, युवाओं व अल्पसंख्यक समुदाय के लिए विशेष
योजनाएं शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में साक्षरता दर सबसे
अधिक है, इसलिए राज्य की साक्षरता दर को देखते हुए उसी प्रकार की योजनाएं
शुरू की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों के लिए अनुकूल
वातावरण है और राज्य सरकार राज्य में निवेश करने वाले उद्यमियों को हर
संभव मदद देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विषम भौगोलिक
परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में स्थापित होने वाले बैकों में मैदान
व पर्वतीय क्षेत्रों में संतुलन बनाया जाय। पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक
से अधिक बैंक शाखाएं स्थापित की जाय।
भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) के गवर्नर डॉ. डी. सुब्बाराव ने कहा कि
उत्तराखण्ड के विकास में आर.बी.आई. हर संभव मदद देगा। उन्होंने कहा कि
गुरूवार को होने वाली विशेष बैंकर्स समिति की बैठक में राज्य से जुड़े
प्रस्तावों पर भी चर्चा की जायेगी। राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों
को देखते हुए दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में भी बैंकों की शाखाएं खोलने
के निर्देश दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में नई बैकिंग शाखाएं
खोलते समय राज्य की पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों में संतुलन बनाये रखने पर
ध्यान रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि आर.बी.आई. द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय
स्थापित किया गया है, जिसे और अधिक मजबूत व सुदृढ़ किया जायेगा। उन्होंने
कहा कि उत्तराखण्ड शिक्षा का हब है, जिसका लाभ राज्य सरकार को उठाना
चाहिए। जनपद स्तर तक शिक्षा गतिविधियों का विस्तार किया जाय। उन्होंने
कहा कि राज्य सरकार को ई-बैकिंग व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करना
चाहिए।
वित्त मंत्री डॉ. इन्दिरा हृदयेश ने आर.बी.आई. के गवर्नर डॉ. डी.सुब्बराव
से राज्य में माइक्रोफाइनेस के क्षेत्र में कार्य करने के लिए विशेष
योजनाएं शुरू करने, बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराने हेतु विशेष प्रयास
करने तथा वर्तमान में प्रति 2000 की आबादी के मानक में शिथिलता प्रदान
करने की प्रभावी पहल की। उन्होंने कहा कि राज्य में 80 प्रतिशत गांव ऐसे
है, जिनकी आबादी 500 है, ऐसे में इन गांवों को बैकिंग सुविधाओं का लाभ
नही मिल पा रहा है। डॉ. हृदयेश ने राज्य में ऋण जमा अनुपात को बढ़ाने तथा
पर्यटन आधारित योजनाओं के लिए अधिक से ऋण संबंधी योजनाएं शुरू करने की
बात कही।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री यशपाल आर्य, मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन, सचिव
वित्त राधा रतूड़ी, सचिव पर्यटन एस.एस.संधू, आर.बी.आई. के क्षेत्रीय
निदेशक लखनऊ रवि मिश्रा, दिल्ली के चन्दन सिन्हा तथा उत्तराखण्ड के
क्षेत्रीय निदेशक आर.एल.दास आदि उपस्थित थे।
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