नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने एकल पीठ के उस फैसले को दरकिनार कर दिया  जिसमें कहा गया था कि काग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी को  पितृत्व संबंधी मामले में खून के नमूने देने को बाध्य नहीं किया जा सकता। 
कोर्ट ने कहा कि तिवारी को डीएनए जांच के लिए खून का सैंपल देना ही  होगा और अगर इसमें वह आनाकानी करते हैं तो पुलिस की मदद ली जा सकती है।
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