देहरादून गाजियाबाद निवासी रणवीर की कथित मुठभेड़ में शामिल 14 पुलिसकर्मियों के खिलाफ सोमवार देर रात हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। बताया जा रहा है कि इनमें वे छह पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जिन्हें रविवार रात लाइन हाजिर कर दिया गया था। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक सुभाष जोशी ने मुकदमा दर्ज होने की पुष्टि की और कहा कि जांच में दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा। दूसरी ओर मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि वह इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए तैयार हैं।
सोमवार शाम मृतक रणवीर के पिता रविंद्र ने आईजी गढ़वाल एमए गणपति से मुलाकात की। वहां से उन्हें रायपुर थाने में दर्ज मुठभेड़ की फर्द की छाया प्रति उपलब्ध कराई गई। इसके बाद देर रात रविंद्र व अन्य परिजन रायपुर थाने पहुंचे और मुठभेड़ में शामिल पुलिस टीम पर हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। उन्होंने दो सीओ [अजय सिंह व जीसी टम्टा] पर धमकी देने व दुर्व्यवहार का आरोप भी लगाया। मुकदमे की जानकारी देते हुए एसएसपी अभिनव कुमार ने बताया कि मुठभेड़ की फर्द में 14 पुलिसकर्मियों के नाम शामिल हैं। इनमें [तत्कालीन] डालनवाला थाना निरीक्षक संतोष कुमार जायसवाल, एसओ नेहरू कालोनी राजेश बिष्ट, आराघर चौकी प्रभारी जीडी भट्ट, एसआई चंद्रमोहन सिंह रावत, एसआई नीरज कुमार, एसओजी प्रभारी नितिन चौहान, कांस्टेबल नगेंद्र राठी, अजीत सिंह, सतवीर सिंह, सुनील सैनी, चंद्रपाल सिंह, सौरभ नौटियाल, विकास बलूनी व संजय रावत के नाम शामिल हैं। एसएसपी ने बताया कि मुठभेड़ में शामिल पुलिस टीम के विरुद्ध आईपीसी की धारा-302, 147,148,149 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी अभिनव कुमार ने बताया कि जिन दो सीओ के नाम तहरीर में शामिल हैं, उनकी अलग से जांच कराई जाएगी।
इससे पूर्व, सोमवार को सीबीसीआईडी जांच के शासन के आदेश की छाया प्रति पुलिस मुख्यालय पहुंच गई। अभी तक एनकाउंटर के जांच अधिकारी कैंट थाना इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र बौंठियाल थे। मंगलवार से सीबीसीआईडी मामले की तहकीकात करेगी।
इससे पहले सोमवार की दोपहर में रणवीर के परिजनों ने यहां सचिवालय में मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की। मामले की सीबीआई जांच कराने और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री निशंक ने कहा है कि उन्हें सीबी-सीआईडी पर पूरा भरोसा है। फिर भी अगर परिवार के लोग चाहते हैं तो उन्हें सीबीआई से भी जांच कराने में कोई आपत्ति नहीं है। वह इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
...ये हो सकते हैं जांच के बिंदु
-दरोगा और युवकों के बीच हुई मारपीट
-चश्मदीद गवाह भी होंगे दायरे में
-गवाहों व दरोगा के बीच के संबंध
-फोन डिटेल और मोबाइल लोकेशन
-फरार युवक कौन थे और कहां गए
-चश्मदीद गवाहों के बयानों की जांच
-रणवीर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच
-मुठभेड़ में हुए फायर व बंदूकों की जांच
-क्या थाने में मामले से जुड़ी फर्द बदली गई
-प्रकरण के तार कहीं और तो नहीं जुड़े हैं
गुमनाम पत्र भी चर्चा में
देहरादून। रणवीर की मौत के मामले में एक गुमनाम पत्र भी चर्चा में है। यह पत्र सोमवार को समाचार पत्रों के दफ्तरों तक पहुंचा। इस पत्र में रणवीर की मौत को प्रेम-प्रसंग से जोड़ने की कोशिश की गई है। पत्र में जिस लड़की का हवाला दिया गया है, उसे मेरठ की रहने वाली बताया गया है।
'हीरो' पर भी पड़ने लगा फंदा
देहरादून मुठभेड़ से पूर्व हुई मारपीट में 'फिल्मी हीरो' की तरह दरोगा को बचाने वाला शख्स अब मीडिया के सामने आने से बच रहा है। प्रकरण में मुख्य गवाह के तौर पर पेश किए गए इस शख्स से पुलिस भी दूरी बनाती नजर आ रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार,तत्कालीन चौकी इंचार्ज और इस शख्स के संबंधों की गहराई से पड़ताल कराई जा रही है।
इससे पहले रणवीर प्रकरण में पुलिस ने इस बात पर खास जोर दिया था कि मुठभेड़ से पहले पुलिस के साथ हुई घटना के वक्त एक इंजीनियर ने बहादुरी दिखाते हुए चौकी इंचार्ज की जान बचाई। यानी यह शख्स उस घटना का चश्मदीद गवाह है। उस दिन पुलिस यह पैरवी करने से भी नहीं चूकी कि इसके लिए इस शख्स को इनाम भी दिया जाना चाहिए।
इस बीच जब पुलिस के इस 'कारनामे' की परत खुलने लगी तो मुख्य गवाह के तौर पर प्रचारित किया जा रहे शख्स की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे। हालांकि अभी तक ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आया है, लेकिन बताया जा रहा है कि इस शख्स के पहले से ही पुलिस के साथ नजदीकी संबंध थे।
देहरादून के नए पुलिस कप्तान अभिनव कुमार ने स्वीकार किया कि उन्हें भी उक्त शख्स के बारे में कई जानकारियां मिली हैं। उनका कहना है कि असलियत का पता लगाया जा रहा है। इस बात की भी पड़ताल की जा रही है कि इस शख्स के पुलिस के साथ किस तरह के संबंध थे। फोन काल डिटेल व दूसरे माध्यमों से तह तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इस शख्स का देहरादून से मेरठ तक प्रापर्टी का कारोबार है। ऐसे में इस आशंका को भी खारिज नहीं किया जा रहा है कि कहीं यह मामला फाइनेंस से जुड़ा तो नहीं है। हालांकि अभी तक ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया है।
रणवीर मामला कुख्यातों से जुड़ा हुआ तो नहीं
देहरादून मुठभेड़ के नाम पर मारे गए रणवीर के मामले में नित नए मोड़ आ रहे हैं। कभी मामले को प्रेम प्रसंग से जोड़ा जा रहा तो कभी फाइनेंस से। लेकिन इसमें अहम बात यह है कि अब यह मामला पश्चिम यूपी के कुख्यात अपराधियों से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो रणवीर के साथ देहरादून आए दो युवकों का मोहिनी रोड निवासी एक व्यक्ति के साथ पैसे का लेनदेन था। पैसा देने से बचने के लिए इस व्यक्ति ने पुलिस बुला ली और युवकों की दारोगा से मारपीट हो गई। ऐसा कहा जा रहा है कि रणवीर के साथी दोनों युवकों का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक कुख्यात बदमाश से संबंध है। यह बदमाश वर्तमान में जेल में बंद है। चर्चा यह भी है कि जिस व्यक्ति से दोनों युवक मिलने आए थे, वह भी यूपी के एक बड़े बदमाश के साथ कारोबार करता है।
बताया जा रहा है कि मुठभेड़ स्थल व पोस्टमार्टम स्थल पर भी इस बड़े बदमाश के कुछ गुर्गे मौजूद थे। जो पल-पल की जानकारी जुटा रहे थे।
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