नॉर्थ-वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के स्वरूप नगर थाने में हुई दारू पार्टी पर पुल
िस विभाग में हड़कंप मच गया है, अब पता चला है कि यह पूरा थाना ही गैरकानूनी बना है। इस थाने में बने 12 कमरों के लिए दिल्ली पुलिस की एक पाई भी खर्च नहीं हुई। इस थाने में आज तक दो एसएचओ आए और दोनों ही बेआबरू होकर गए। अब इस थाने में कोई एसएचओ आने को तैयार नहीं है। 5 सितंबर 2007 को समयपुर बादली के एरिया को काटकर स्वरूप नगर थाना बनाने का ऐलान किया गया था। ऐलान तो हो गया, लेकिन जगह कहीं थी नहीं। आखिरकार लोकल प्रधान हरिराम का 612 स्क्वेयर गज का प्लॉट किराए पर लिया गया। उसमें महज एक कमरा बना था। अपनी जमीन न होने के कारण दिल्ली पुलिस के 'लैंड ऐंड बिल्डिंग डिपार्टमंट' से न तो कमरों की तामीर के लिए रकम जारी हो सकती थी और न हुई। आखिरकार पुलिस वालों ने खुद अपने 'रिसोर्स' से इस प्लॉट में 12 कमरे बनवाए। अब पुलिस कमरे बनवा रही थी तो नक्शा पास कराने का मतलब ही नहीं था। इस बारे में पुलिस वालों का कहना है कि थाना ही नहीं, बल्कि यह पूरा इलाका बगैर नक्शा पास कराए गैरकानूनी बना है। आज तक थाने में पानी का कनेक्शन नहीं है। पुलिस वाले खुद किसी तरह पानी का इंतजाम करते हैं। लोकल एमएलए के फंड से लाइट लगवाई गई, जिसके पेमंट के लिए आज तक पुलिस डिपार्टमंट ने फूटी कौड़ी भी जारी नहीं की। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, थाना बनाने के बाद ओल्ड पुलिस लाइन से ऐसे बुजुर्ग पुलिस वाले यहां तैनात किए गए, जो पूरे करिअर में कभी थानों में तैनात ही नहीं हुए थे। दरोगा हकीकत राय के तो दोनों पैरों में रॉड पड़ी हुई थी। ज्यादातर पुलिस वाले रिटायरमंट के नजदीक थे। थाना बनने के एक महीने बाद यहां वायरलेस सेट लगा था। इस थाने में 5 सितंबर 2007 को सबसे पहले एसएचओ बनाए गए थे इंस्पेक्टर दयानंद। आठ महीने तक उन्होंने थाना शुरू करने में बड़ी मशक्कत की, लेकिन एक सिपाही की करतूत उन्हें ले डूबी। 23 अप्रैल 2008 को ट्रैफिक पुलिस के सिपाही संजीव राणा ने अपने दोस्त समेत नंगली पूना में मंदिर के बाहर परिवार का इंतजार कर रही 14 साल की लड़की को कार में खींचकर रेप कर डाला। पुलिस ने राणा को उसी दिन गिरफ्तार भी कर लिया गया, लेकिन कुछ ही देर बाद एसएचओ को सिक्यूरिटी ब्रांच में ट्रांसफर के ऑर्डर जारी हो गए। राणा आज तक जेल में है। दयानंद के बाद एसएचओ बने राजेश नथानी। इसी संडे नाइट में थाने में दारू पार्टी मनाने के इल्जाम में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। डीसीपी (नॉर्थ वेस्ट) नरेंद्र बुंदेला के मुताबिक अभी नए एसएचओ की तैनाती नहीं की गई है। पुलिस महकमे में चर्चा है कि लगातार दो एसएचओ का हश्र देखकर इस थाने में कोई इंस्पेक्टर अपनी मर्जी से एसएचओ लगने को तैयार नहीं है।
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