Thursday, December 23, 2010

प्रदेश मेंप्राइमरी शिक्षकों की भर्ती नहीं होगी।

प्रदेश में बीटीसी प्रशिक्षण के जरिए प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती नहीं होगी। यही नहीं एनसीटीई की गाइड लाइन नहीं आने से सूबे में प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति पर अघोषित रोक लगी है।




शिक्षा का अधिकार (आरटीई) एक्ट के तहत केंद्र सरकार की व्यवस्था प्रभावी हो चुकी हैं। इससे सूबे में शिक्षकों की नियुक्ति और प्रशिक्षण पर पेच फंस गया है। राज्य सरकार प्राइमरी शिक्षकों के तौर पर बीएड डिग्रीधारी और बीटीसी प्रवेश परीक्षा नहीं करा पा रही है। एक्ट के मुताबिक देशभर में प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों में एकरूपता लाई जाएगी। इस आधार पर प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती के लिए दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण के नाम और पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया जाएगा। शिक्षा महकमे ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव सौंप दिया है।



आरटीई के तहत ही जनवरी, वर्ष 2012 से पहले राज्यों को प्रशिक्षण कोर्स का स्वरूप तय होने और इस आधार पर प्रशिक्षण व्यवस्था बनाने में लगने वाले समय के मद्देनजर बीएड डिग्रीधारकों की बतौर प्राइमरी शिक्षक नियुक्ति करने की हरी झंडी दी गई है, लेकिन इसके साथ ही टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट की अनिवार्यता भी जोड़ी गई है। इस टेस्ट की गाइड लाइन भी एनसीटीई को तैयार करनी है।



एनसीटीई की ओर से अब तक यह गाइड लाइन जारी नहीं होने से सूबे में बीटीसी प्रवेश परीक्षा अथवा विशिष्ट बीटीसी के जरिए प्राइमरी शिक्षकों की जल्द भर्ती के राज्य सरकार के अरमानों पर पानी फिर गया है। नए मानकों के मुताबिक प्राइमरी शिक्षकों के तकरीबन दो हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं। महकमे ने बीटीसी का नाम परिवर्तित कर डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीईएलईडी) रखने की संस्तुति की है। नाम बदलने की स्थिति में इस संबंध में प्रस्तावित प्रारंभिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में भी इसे शामिल किया जाएगा। यही नहीं विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण ले रहे 1300 प्रशिक्षणार्थियों के बैच को टीइटी से गुजरना होगा अथवा नहीं, इस बारे में भी असमंजस बना हुआ है। दरअसल, यह बैच दो वर्षीय पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद अप्रैल, 2012 में पास आउट होगा। जनवरी, 2012 के बाद एक्ट के तहत नई व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू हो जाएगी। इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने को राज्य एनसीटीई को पत्र भेज चुका है। लेकिन कोई जवाब नहीं आया। अब राज्य दोबारा रिमाइंडर भेज रहा है। एनसीटीई से जवाब आने तक प्रशिक्षण और नई नियुक्तियों को लेकर सरकार के कदम थम गए हैं।
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